
Chetan Gurung
चमोली में बद्रीनाथ धाम से 6 KM की दूरी पर माणा में जबर्दस्त हिमस्खलन के चलते 50 से अधिक मजदूर फंस गए। इनमें से 33 को देर रात तक सुरक्षित निकाल लिया गया। खराब मौसम-बारिश और बर्फबारी के बावजूद बाकियों को बचाने का भी अभियान जारी है। खुद CM पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान की कमान थामे हुए हैं। वह 4 घंटे के भीतर 2 बार IT Park में राज्य आपदा कालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। Rescue अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। रात तक वह अभियान की एक-एक रिपोर्ट ले रहे थे।
मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में भी आपदा नियंत्रण केंद्र तत्काल स्थापित करने और NDRF-SDRF-ITBP-Army के सहयोग से बर्फ हटाने के कार्य को जल्दी कराने के निर्देश भी दिए। Air Force अभियान में शामिल Teams की मदद कर रहा है। माणा हैलिपैड को प्राथमिकता के आधार पर चालू करने, जोशीमठ Army Hospital-District Hospital-AIIMS-ऋषिकेश में घायलों के ईलाज के लिए तुरंत पर्याप्त बंदोबस्त रखने की हिदायत भी दी।
हादसे की खबर मिलते ही CM पुष्कर ने फौरन इसकी रिपोर्ट ली फिर बचाव और राहत अभियान पर खुद ही नजर रखने लगे। BRO के जवान Snow Cutter मशीन के सहारे बर्फ हटा रही। कल सुबह MI-17 हेलीकाप्टर माणा रवाना होगा। 4 लोगों को ITBP के अस्पताल में बचा के लाया गया है। मुख्यमंत्री ने ड्रोन और हेलीकाप्टर के सहारे बचाव अभियान को और प्रभावी बनाने तथा Air Ambulance का इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया।
CM ने बताया कि इस हादसे में फंसे लोगों की जिंदगी बचाने और उनको जीवित निकालने के लिए राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में है। केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि जो जरूरत बचाव अभियान में चाहिए होगा, वह राज्य को हाथों-हाथ दे दी जाएगी। चमोली के DM संदीप तिवारी से भी उन्होंने रिपोर्ट ली। फंसे मजदूर Border Road Organisation के लिए बर्फ हटाने का कार्य कर रहे थे।
PSD इस हादसे को कितनी गंभीरता से खुद संभाले हुए हैं, इसको समझने के लिए इतना काफी है कि वह दिन के साथ ही रात 8 बजे फिर आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और ताजा हालात का जायजा लिया। उन्होंने पहाड़ों में भी लगातार बारिश और ऊंचे इलाकों में हिमपात के मद्देनजर सभी पहाड़ी जिलों के DMs में आपसी समन्वय बेहतर ढंग से बनाए रखने के निर्देश दिए।
उनके साथ आपदा केंद्र पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव RK सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, Commissioner (गढ़वाल) विनय शंकर पांडे भी मौजूद रहे। सवा साल पहले सिल्क्यारा Tunnel हादसे के दौरान भी CM पुष्कर ने बचाव अभियान को सबसे आगे आ के Lead किया था। वह हादसा स्थल पर ही तम्बू गाड़ के तब तक जम गए थे, जब तक कि आखिरी शख्स बचा नहीं लिया गया था।
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