शिव की धरती आदि कैलाश में CM पुष्कर का योग:कहा,`दुनिया भारत की विरासत को अपना रही:PM मोदी ने भारतीय संस्कृति-सनातन परम्परा को वैश्विक मान्यता दिलाई’:चीन सीमा के करीब Inner Line Permit व्यवस्था का सरलीकरण होगा
पर्यटक नहीं श्रद्धालुओं की अपेक्षा:पैतृक गांव हड़खोला में मुख्यमंत्री का स्वागत

Chetan Gurung
PM नरेंद्र मोदी के बाद CM पुष्कर सिंह धामी भी भगवान शिव की धरती आदि कैलाश को विश्व स्तरीय ख्याति दिलाने में जुट गए हैं.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उन्होंने आज हिमशिखरों से घिरे इस नैसर्गिक सौन्दर्य से लकदक ब्यास घाटी में अफसरों-लोगों के साथ योग किया.उन्होंने इस मौके पर कहा कि सरकार आदि कैलाश और चीन सीमा से सटे क्षेत्र में Inner Line permit व्यवस्था का सरलीकरण करेगी.बिचौलियों से लोगों को बचाया जाएगा.उन्होंने पर्यटक के बजाए श्रद्धालुओं के आने की अपेक्षा की.
आदि कैलाश पर योग और पूजा अर्चना करते CM पुष्कर सिंह धामी
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मुख्यमंत्री पुष्कर के साथ योग करने वालों में केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा-सचिव (आयुष) डॉ पंकज पांडे-मंडलायुक्त दीपक रावत और अन्य कई अफसर-राजनेता-स्थानीय लोग शामिल थे.सभी ने एक साथ योग किया.कई आसनों को CM ने सहजता से किया.उन्होंने इस मौके पर योग के महत्त्व को पेश करने के साथ ही कहा कि इससे सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है.मन और तन सशक्त-स्वस्थ रहता है.
उन्होंने कहा कि PM मोदी ने इस क्षेत्र को दुनिया की नज़रों में लाने में अहम भूमिका निभाई.यहाँ की पारंपरिक कृषि-खानपान को बढ़ावा देना होगा.स्थानीय लोगों का रोजगार बढ़ना चाहिए.पर्यटन को विकसित करते समय भी Home Stay को सौ फ़ीसदी प्रोत्साहन देना होगा.यहाँ भवनों को स्थानीय वास्तुकला के लिहाज से निर्माण करना होगा.
PSD ने कहा कि सरकार इस हक़ में है कि Inner Line Permit व्यवस्था का सरलीकरण कर बिचौलियों को ख़त्म किया जाए.इसके लिए ऑनलाइन परमिट आवेदन की व्यवस्था की गई है.आदि कैलाश क्षेत्र-ब्यास घाटी आने वालों की दिक्कतों को दूर कर स्थानीय वाशिंदों के कारोबार-पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.धारचूला से आगे जाने के लिए ये परमिट जरूरी है.उन्होंने ये भी अपेक्षा की कि क्षेत्र में पर्यटक नहीं श्रद्धालु आएं.संवेदनशील सीमा पर कोई असंतोष पैदा न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
CM ने पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण की दरकार जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड के दुर्गम-दूरस्थ इलाकों में आपदा आती है तो उसका प्रतिकूल असर देश के अन्य हिस्सों पर भी अवश्य पड़ेगा.योग दिवस आयोजन के बाद मुख्यमंत्री हड़खोला (डीडीहाट) पहुंचे तो करीबी परिवारजनों और गाँव के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.उन्होंने कहा कि वह अपने गाँव आ के भावुक हैं.जब भी वह अपने गाँव आते हैं,मन ख़ुशी से उत्साहित हो जाता है और भूली स्मृतियाँ सजीव हो उठती हैं.