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Ground Zero पर CM पुष्कर को अचानक सामने देख भौंचक्के-खुश हुए तीर्थयात्री:यमुनोत्री मार्ग पर बस में घुस के श्रद्धालुओं से मिले-तस्वीरें खिंचवाई

प्रभारी मंत्रियों-अफसरों की भूमिका पर भी सवाल:पूरा मोर्चा मुख्यमंत्री के हवाले!

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी ने आज दिन में बड़े नौकरशाहों को Ground Zero पहुँच के 4 धाम दर्शन पर आए लोगों की दिक्कतों को दूर करने का फरमान सुनाने के बाद खुद ही यमुनोत्री मार्ग पर पहुँच के चलती बस रुकवा के सवार श्रद्धालुओं से खूब बातें कीं.उनका स्वागत किया.उनकी गुजारिश पर तस्वीरें खिंचवाई.सरकार के मुखिया को इस अंदाज में अचानक सामने देख तीर्थयात्री खुश और उत्साहित नजर आए.

 

 

यमुनोत्री मार्ग (बड़कोट) पर मुख्यमंत्री Protocol की परवाह किए बिना तीर्थयात्रियों के बीच बस में जा घुसे। तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का Feedback लिया। उनको देख तीर्थयात्रियों ने खुशी में धर्म रक्षक धामी की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। मुख्यमंत्री बसों में चढ़कर एक-एक तीर्थयात्रियों से मिलते रहे। देश भर में पूर्व से तय सभी चुनावी कार्यक्रम टाल के चार धाम यात्रा बंदोबस्त बेहतर करने के लिए उन्होंने कल से खुद ही मोर्चा संभाला है. यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर बैठकें सुबह तक लीं। अफसरों के पेंच जम के कसे.

CM से मिल के यमुनोत्री मार्ग पर लोगों ने सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की तो कुछ समस्याओं और सुझावों को पेश भी किया.मुख्यमंत्री ने अफसरों को मौके पर ही सभी सुझावों और समस्याओं पर कार्यवाही करने को कहा.उनके रहने, खाने, मार्ग पर जाम एवं अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बसों और टैक्सियों में बैठे तीर्थयात्रियों से भी मुलाकात कर यात्रा व्यवस्था पर फीड बैक लिया। तीर्थयात्री राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात से पहुंचे हुए थे.उन्होंने बताया कि सरकार की कोशिश सभी को सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित दर्शन कराने की है। अव्यवस्था न हो, इसके लिए सभी पंजीकरण और  एडवाजरी का पालन जरूर करने की व्यवस्था की है।

चार धाम यात्रा के शुरुआती चरण में उमड़ रही अप्रत्याशित भीड़ ने इस बार उत्तराखंड सरकार को Extra जान लगाने के लिए मजबूर किया हुआ है.CM और अफसरों की टीम ने खुद को व्यवस्था बेहतर करने के लिए झोंका हुआ है.हरियाणा में चुनावी दौरे के बीच ही हालात की नाजुकता को भांप PSD कल दोपहर देहरादून लौट आए थे.तब से वह सिर्फ और सिर्फ यात्रा व्यवस्थाओं पर ही व्यस्त हैं.

इस बीच ये भी सवाल उठाया जा रहा है कि 4 धाम से मुताल्लिक जिलों के प्रभारी मंत्री कहाँ हैं?वे क्या करते रहे?वे ऐसे हालत के बावजूद कहाँ हैं? संस्कृति-धर्मस्व-तीर्थाटन-पर्यटन मंत्री और उसके अफसरों ने अपनी भूमिका किस किस्म से अदा की.प्रभारी मंत्रियों की खोज खबर पर भी जिक्र हो रहा है.

 

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