
Chetan Gurung
तीर्थयात्रियों-पर्यटकों को 4 धाम यात्रा के दौरान पूरी सुरक्षा और सुविधा दी जाएगी.यात्रा मार्ग पर 50 जगह उनकी स्वास्थ्य जांच होगी.10 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। Chief Secretary राधा रतूड़ी ने केदारनाथ धाम की मौके पर जा के जायजा लिया.आज स्वास्थ्य सचिव डॉ R राजेश कुमार ने स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवस्थाओं पर बैठक ली.
R Rajesh Kumar (Secreatary-Health and Medical Education)
स्वास्थ्य सचिव डॉ R राजेश ने सचिवालय में पत्रकारों से कहा कि सरकार यात्रा को सुगम एवं व्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव तरीके अपना रही है। पर्यटन विभाग की बेबसाइट लाइव हो गई है। इसमें हेल्थ पैरामीटर का कॉलम रखा गया है। इसमें यात्री अपनी Health सम्बन्धी जानकारी भरेंगे.इससे उन्हें जरूरत के समय इलाज में आसानी रहेगी। बद्री-केदार में स्थित अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद शुरू कर दी गई है.
डॉ. RR ने बताया कि चार धाम यात्रा के लिए SoP 11 भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी,गुजराती, मराठी, तेलगू समेत नौ स्थानीय भाषा शामिल) में है। स्वास्थ्य सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाये गए हैं। इनमें तीर्थयात्रियों के BP, शुगर सहित 28 पैरामीटर की जांच की जाएगी। हंस फांउडेशन की टीम भी मद्द कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर चार धाम यात्रा में कार्यकरने के लिए इच्छुक डॉक्टरों की List मांगी गई है.मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती भी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे चार धाम यात्रा की योजना में कम से कम 7 दिन का Schedule बनाएं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद 5 से 10 मिनट तक विश्राम करें। यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ में रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखें।
सचिव डॉ RR ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग का विशेष फोकस है। यात्रियों को Health ATM की सुविधा भी मिलेगी। PHC गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ ATM स्थापित होंगे.टेलीमेडिसन की भी सुविधा दी जाएगी.गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों।