विश्लेषण!!टिहरी-पौड़ी-हरिद्वार लोकसभा सीट पर कयासबाजी की तेज जंग!कम मतदान के निकाले जा रहे अलग-अलग मायने:BJP Candidates को सिर्फ मोदी-शाह-पुष्कर के नाम के ही पड़े वोट!खुद का वजूद कम दिखा!
ये भी समझने की कोशिश कि तमाम कसरतों के बावजूद लोगों में जोश गायब क्यों!BJP-Congress में किसको फायदा-किसको घाटा?

Chetan Gurung
उत्तराखंड में लोकसभा की पाँचों सीटों पर हैरत अंगेज ढंग से काफी कम मतदान ने कयासबाजी को बढ़ा दिया है.BJP-Congress को एक साथ बेचैन किया हुआ है.कुछ सीटों पर तो मुकाबला किसी के लिए भी बहुत आसान न रहने का ईशारा है.आंकड़ों के चलते टिहरी-पौड़ी-हरिद्वार में नतीजे को ले के दिलचस्पी पैदा होना स्वाभाविक है.BJP को तगड़ी Edge हासिल थी.इसके बावजूद उसके प्रत्याशी ठंडी हवा खाते हुए-सैर करते हुए मौज में फतह हासिल करेंगे, इसमें अब अलग-अलग राय है.शुरुआत में माना जा रहा था कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कमजोर प्रत्याशी खड़े कर BJP को Walk Over दे दिया है.Polling के दिन तक सूरते हाल दीगर दिखा.हकीकत ये है कि BJP के प्रत्याशियों में कोई भी खुद का जादू दिखाने में नाकाम रहे.वे सिर्फ PM नरेन्द्र मोदी के तिलिस्म-HM अमित शाह की रणनीति और CM पुष्कर सिंह धामी की रात-दिन और 24 घंटे की मेहनत पर निर्भर रहे.इन तीनों के बूते ही मतदान का औसत इतना भी पहुंचा.दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के लिए जोश-जूनून-उत्साह होता तो मतदान का प्रतिशत कहीं बेहतर हो सकता था.
CM पुष्कर सिंह धामी सरीखा Connect उनकी पार्टी के प्रत्याशी अवाम के साथ नहीं कर पाने से भी मतदान प्रतिशत नहीं उठ पाया
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उत्तराखंड के पहाड़ों में मोदी का जादू और विश्वास रहता है.इस बार वह रुद्रपुर-ऋषिकेश में ही रैली करने का समय दे पाए.उनकी जनसभाएं श्रीनगर-पिथौरागढ़ में होतीं तो इसका फायदा BJP को निस्संदेह मिलता.मतदान प्रतिशत भी बढ़ सकता था.पौड़ी सीट के लिए BJP ने सभी तोपें-मिसाइलें झोंक डाली थीं.CM ने भी अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल यहाँ किया.BJP प्रत्याशी अनिल बलूनी को इस सबका कितना फायदा मिला,ये 4 जून को नतीजे से ही मालूम चल सकेगा.
यहाँ बलूनी-गणेश गोदियाल (कांग्रेस) के बीच सबसे रोचक जंग के बावजूद सिर्फ 50 फ़ीसदी मतदान को ताज्जुब के साथ देखा जा रहा है.इसके मायने को भी समझने की कोशिश हो रही है.यहाँ प्रचार में कांग्रेस के दिग्गजों को देखा नहीं गया.बलूनी-गोदियाल की जंग को 11 अक्षौहिणी सेना और 7 अक्षौहिणी सेना के मध्य की टक्कर के तौर पर माना गया.विजयश्री को ले के सबसे ज्यादा कयास पौड़ी सीट पर ही लग रहे हैं.राज्य के CEO BVRC पुरुषोत्तम के मुताबिक 55.89 फ़ीसदी मतदान की रिपोर्ट मौजूद है.ये 57 फ़ीसदी तक जा सकती है.
फिर भी ये 5 साल पहले के 61 फ़ीसदी मतदान से बहुत कम होगा.ये अंदाज लगाया जा रहा है कि आखिर लोगों ने क्यों इस बार मतदान को ले के नजरें फेर लीं?क्यों बेरुखी दिखाई और उखड़े रहे?कम वोट प्रतिशत से BJP को फायदा होगा या नुक्सान?इसको समझने में सियासी विश्लेषकों के साथ ही दोनों प्रमुख दलों के भी Think Tank शिद्दत से जुटे हुए हैं.हरिद्वार सीट पर कम मतदान ने भी उलझन को जन्म दे दिया है.डोईवाला-धर्मपुर-ऋषिकेश को BJP के दबदबे वाला माना जाता है.यहाँ वोटर बाहर निकलने से बचे.इस सीट की अन्य विधानसभा क्षेत्रों में फिर भी बहुत वोट पड़े.
इसका विश्लेषण भी हो रहा है कि इससे नतीजों पर किस किस्म का असर नजर आ सकता है.पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहाँ बतौर प्रत्याशी BJP का झंडा उठाया हुआ था.टिहरी सीट पर महारानी माला राज्यलक्ष्मी और बोलंदा बद्री के बावजूद वोटरों ने उत्साह नहीं दिखाया.ये तथ्य नजर अंदाज नहीं किए जा सकते कि महारानी और कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला को ले के उनके ही दलों के लोगों में जोशो-खरोश नदारद था.ईमानदारी से कहा जाए तो नौजवान खून का बड़ा हिस्सा बॉबी पंवार के साथ दिखा.26 साल के बॉबी का ये पहला बड़ा चुनाव है.
नैनीताल में BJP के अजय भट्ट और कांग्रेस के प्रकाश जोशी और अल्मोड़ा में BJP के अजय टम्टा-कांग्रेस के प्रदीप टम्टा आर-पार की लड़ाई वाला युद्ध नजारा पैदा नहीं कर पाए.सियासत पर अच्छी पकड़ रखने वालों की मानी जाए तो प्रत्याशियों में दम न होने के चलते मुकाबले में रोमांच का अभाव रहने की सूरत पैदा हुई.BJP के पास फिर भी मोदी-शाह-पुष्कर के तौर पर भीड़-समर्थक जुटाऊ शक्तिशाली चेहरे थे.कांग्रेस के पास न ऐसे बड़े Brand थे न ही उसके प्रत्याशियों के नाम में ही वह धमाका था.
कांग्रेस को छोड़ भी दें तो BJP के 5 में से किसी भी प्रत्याशी में जोरदार Current नहीं दिखा.वे सिर्फ अपने Top-3 चेहरों (मोदी-शाह-पुष्कर) के जादू और मेहनत के भरोसे ही वोटों की लड़ाई में थे.BJP और कांग्रेस के पास मजबूत संगठन है. फिर भी उसके प्रत्याशी या फिर प्रचार टोलियाँ इस बार कई बड़े-बड़े इलाकों तक नहीं पहुंची.BJP को लेकिन यकीन पुख्ता है कि कम मतदान का फायदा उसको मिला है.
BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि BJP समर्थकों ने खूब वोट डाले.कांग्रेस समर्थकों ने जोश न होने के चलते मतदान केन्द्रों का रुख ही नहीं किया.चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों और प्रचार के बावजूद लोगों में चुनाव का जोश कितना ठंडा था, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले तक भी कई पढ़े-लिखे शहरियों को भी मतदान की तारीख और प्रत्याशियों के बाबत जानकारी का अभाव दिखाई दिया.
ACEO विजय कुमार जोगदंड के मुताबिक सभी पोलिंग पार्टियों के पहुंचने और स्क्रूटनी के बाद मतदान प्रतिशत का पूरा-सही आंकड़ा प्राप्त होगा।फिलहाल उपलब्ध Data के मुताबिक अल्मोड़ा सीट पर 46.94 प्रतिशत, गढ़वाल सीट पर 50.84 प्रतिशत, हरिद्वार सीट पर 63.50 प्रतिशत नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट पर 61.35 और टिहरी गढ़वाल सीट पर 52.57 प्रतिशत मतदान हुआ है। 27 हजार 139 मतदान कार्मिकों और पुलिस कार्मिकों ने पोस्टल बैलेट का सहारा लिया.
85 साल से अधिक उम्र के 12 हजार 670 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया. राज्य में 93 हजार 187 सर्विस वोटर भी हैं। जिन सर्विस वोटरों के मतगणना दिवस तक सुबह 8 बजे तक डाक मतपत्र RO तक पहुंच जाएंगे, उन सभी को मतगणना में शामिल किया जाएगा। 3377 सर्विस वोटरों के डाक मतपत्र संबंधित जिला मुख्यालयों तक पहुंच चुके हैं।