Updated Big Story::LS Elections (First Phase) में घर बैठ गए Voters!उत्तराखंड में रात 9 बजे तक 54.57 फ़ीसदी मतदान:BJP-Congress में कम वोटिंग पर मंथन शुरू:Voters में जोश नदारद दिखा:शादियों के साए से भी मतदान को धक्का!
अल्मोड़ा-पौड़ी की सीटों पर बहुत कम मतदान:CEO ने जताई उम्मीद,57 फ़ीसदी तक जाएगा मतदान का आखिरी आंकड़ा: खुशगवार मौसम के बावजूद घरों में मशगूल रहे वोटर:शांतिपूर्ण मतदान पर CM ने सभी का दिल से किया धन्यवाद

ChetanGurung
खटीमा में मतदान के बाद स्याही का निशान दिखाते हुए CM पुष्कर सिंह धामी मां और पत्नी गीता धामी के साथ
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उत्तराखंड की 5 सीटों (टिहरी-पौड़ी-हरिद्वार-नैनीताल-अल्मोड़ा) के लिए हुए चुनाव में वोटरों की बहुत बड़ी तादाद मतदान के बजाए घर बैठ गई.अधिकांश जगह मतदान पूरा होने के बाद चुनाव आयोग से जो आंकड़ा निकल के आया वह रात 9 बजे तक 54.57 फ़ीसदी का रहा.राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) BVRC पुरुषोत्तम ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आखिरी मतदान आंकड़ा 57 फ़ीसदी तक जाने की उम्मीद है.साल-2019 के लोकसभा चुनाव (61.88 फ़ीसदी) के मुकाबले ये अनकरीब 7 फ़ीसदी कम है.पोस्टल बैलेट को जोड़ के और कुछ स्थानों पर देर तक हुए मतदान के बाद आने वाली रिपोर्ट को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा हद से हद 1 फ़ीसदी और बढ़ सकता है.कम मतदान के पीछे लोगों में प्रत्याशियों को ले के जोश कम होना और शादियों के मौसम को जिम्मेदार के तौर पर देखा जा रहा है.अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ (44.53 फ़ीसदी) और पौड़ी गढ़वाल (48.79 फीसदी) की सीट पर हैरतअंगेज ढंग से बेहद मामूली वोट पड़े.शाम 5 बजे तक यहाँ मतदान 50 फ़ीसदी तक भी नहीं हुआ था.मतदान ने तेजी बाद में पकड़ी.कम मतदान ने BJP और Congress की पेशानी पर बल डाल दिया है.समीक्षक अंदाज लगा रहे हैं कि आखिर किस वजह से बड़ी तादाद में लोगों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को ले के उत्साह-जोश नहीं दिखाया और कन्नी काट ली.दोनों बड़े दलों में तत्काल ही कम वोटिंग को ले के शुरूआती दौर का मंथन शुरू हो गया है.
वोट डालने से पहले CM पुष्कर ने माँ भगवती की पूजा-अर्चना की
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सुबह से ही मतदान केन्द्रों पर लोगों की लाइन बहुत छोटी रही.अधिकांश जगहों पर ये कभी लम्बी हुई ही नहीं.ऐसा लग ही नहीं रहा था कि 5 साल के अन्तराल में होने वाले सबसे बड़े चुनाव को ले के लोगों में दीवानगी न भी हो तो बड़ी दिलचस्पी है.दोनों प्रमुख दलों के बस्तों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ तो थी लेकिन पर्चियां बनवाने वाले इने-गिने ही पहुँच रहे थे.गाँव-मोहल्लों-कॉलोनियों में दलों के झंडों को बामुश्किल देखा जा रहा था.मतदान केन्द्रों पर प्रत्याशियों के एजेंट आराम से काम कर रहे थे.
वोट डालने के बाद BJP के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट (बाएँ से दूसरे) स्याही लगी अंगुली दिखाते हुए
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कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना (दाएं से पांचवे) वोट डालने के बाद निशान दिखाते हुए
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PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह और UP के CM योगी आदित्यनाथ-CM पुष्कर सिंह धामी के साथ ही कई बड़े Star प्रचारकों ने BJP प्रत्याशियों के लिए जनसभाएं कीं.बड़े रोड शो किए.इसके चलते BJP के बस्तों और कार्यकर्ताओं में फिर भी Current दिख रहा था.कांग्रेस के तो कई जगह बस्ते भी नहीं लग पाए.चुनाव आयोग ने भी खूब कोशिशें की थी कि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट डालें.फिर भी सिर्फ नैनीताल-हरिद्वार सीट पर ही लोग निकले.यहाँ ये तथ्य भी है कि दोनों ही सीटों पर 5 साल पहले के मुकाबले तकरीबन 8 फ़ीसदी वोट कम पड़े.
शादी से पहले दूल्हे ने भी वोट डाला
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पौड़ी गढ़वाल सीट पर BJP के बड़े चेहरे और आला कमान के खासमखासों में शुमार अनिल बलूनी प्रत्याशी थे.उनका चुनाव प्रचार CM PSD के साथ ही सभी पार्टी दिग्गजों ने खून-पसीना एक कर किया.इसके बावजूद पिछली बार के मुकाबले कम मतदान हैरान करने वाला आंकड़ा कहा जा सकता है.कम वोटिंग का बलूनी को फायदा हुआ या नुक्सान, इसका अंदाज लगाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा.यहाँ कांग्रेस के प्रत्याशी गणेश गोदियाल को ले के माना जा रहा था कि वह BJP को कड़ी टक्कर दे रहे लेकिन कम वोटिंग ने सभी को सकते में डाल दिया है.कम मतदान के सबसे ज्यादा मायने इसी सीट पर तलाशे जा रहे तो ये स्वाभाविक है.
टिहरी सीट पर भी पिछली बार के मुकाबले शाम 7 बजे तक 8 फ़ीसदी कम (51.01) मतदान हुआ था लेकिन इसकी सम्भावना पहले से जताई जा रही थी.MP होने के बावजूद 10 साल तक लगभग सक्रियता से कोसों दूर रहीं BJP प्रत्याशी महारानी माला राज्यलक्ष्मी को ले के पार्टी में ही लोग खुश या संतुष्ट नहीं थे.कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला को लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी गंभीरता से लिया, ऐसा कभी लगा नहीं.हैरानी नहीं होगी अगर यहाँ निर्दलीय बॉबी पंवार मजबूत स्तम्भ के तौर पर उभर जाएं.भले MP न बन सकें.हरिद्वार सीट (59 फ़ीसदी) पर भी कुछ-कुछ ऐसा ही आलम रहा.BJP के त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए अच्छा ये रहा कि कांग्रेस ने वीरेन्द्र रावत को खड़ा किया जो अपने पिता हरीश रावत के मुकाबले कमजोर समझे गए.
पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69 फ़ीसदी वोटर मतदान केन्द्रों तक पहुंचे थे.अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर BJP के अजय टम्टा और कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ऐसे प्रत्याशी के तौर पर लिए जा रहे थे, जिनमें Current का अभाव था और मजबूत विकल्पों के अभाव में मैदाने जंग में थे.दोनों में से कोई भी इस हैसियत में नहीं थे कि लोगों को मतदान के लिए खुद के बूते बाहर निकाल सके.44.53 फ़ीसदी मतदान इसकी गवाही देने के लिए काफी है.जो 52.31 फ़ीसदी (साल-2019) के मुकाबले बहुत मामूली है.ये आरक्षित सीट है.
नैनीताल सीट पर केन्द्रीय रक्षा-पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट के होने के बावजूद मतदान बहुत कम (59.36 फ़ीसदी) होने को भी BJP के लिए फायदेमंद भी माना जा रहा है.पिछली बार यहाँ 68.97 फ़ीसदी वोट पड़े थे.जो भी हो ये दावा बड़े से बड़ा सियासी सूरमा या समीक्षक नहीं कर सकते हैं कि कम मतदान का फायदा किसी दल को होता है या उसका नुक्सान होता है.सिर्फ कयासबाजी चलती रहती है.जो कभी सही तो कभी गलत साबित होती रहती है.जितने वोट पड़े हैं, उसमें अधिक से अधिक 1 फ़ीसदी वोट और बढ़ सकते हैं.फिर भी ये उत्साहवर्द्धक आंकड़ा नहीं होगा.
अब ये गुणा-भाग लगना शुरू हो गया है कि मतदान कम होने की वजह क्या है और इसका नफ़ा-नुक्सान किसको होगा.क्यों मतदाताओं ने वोट देने जाने के बजाए घर बैठने को तवज्जो दी!क्या BJP के वोटर ही वोट डालने अधिक निकले और कांग्रेस वाले सुस्ती कर गए?या दोनों ही दलों से जुड़े लोग और कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों के चयन को ले के उत्साहित नहीं थे.ये भी साफ़ हुआ कि मुख्यमंत्री पुष्कर ने रोड शो और बिना नागा रात-दिन दौड़-धूप न की होती तो मतदाताओं में उदासीनता और घर कर जाती.पिछले लोकसभा चुनाव के उलट इस बार धूप में तेजी कम थी. अल्मोड़ा-पौड़ी की सीटों पर अधिकांश मतदान केन्द्र स्थलों पर मौसम खुशगवार था.गर्मी को इसलिए कम मतदान के लिए दोषी नहीं ठहरा सकते.
ऐसा लगा कि पाँचों सीटों पर प्रत्याशियों को ले के दोनों दलों के लोग शायद लोग ज्यादा खुश या बहुत संतुष्ट नहीं थे.शादियों के भारी साए ने भी मतदान को प्रभावित किया.CM पुष्कर ने सुबह ही खटीमा में पत्नी गीता और मां के साथ लाइन में लग के वोट डाला.उन्होंने सभी से अधिक से अधिक संख्या में वोट डालने की भी अपील की.शाम को शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी का दिल से आभार-धन्यवाद किया.BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कम मतदान को अपनी पार्टी के विजय का संकेत करार दिया.उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वोटर निकले ही नहीं.उनमें उत्साह नहीं था.इससे मतदान प्रतिशत कम हुआ.BJP का कैडर और वोटर मतदान केन्द्रों तक पहुंचे.