
Chetan Gurung
DGP अभिनव कुमार ने 1 जुलाई से लागू होने वाले 3 नए कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम) पर आज CM पुष्कर सिंह धामी के सामने Presentation दिया.
पुलिस महानिदेशक के प्रस्तुतिकरण में विस्तारपूर्वक नए कानूनों की आवश्यकता, इन्हें बनाने में लगे प्रयासों और इनकी विशेषताओं के बाबत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड पुलिस हस्तपुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि नए कानूनों का सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इन कानूनों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. आम लोगों को इन कानूनों की जानकारी देने के लिए सूचना विभाग तथा विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
अभिनव ने कहा कि पूर्व के कानून बहुत जटिल थे. भारतीय नागरिकों को न्याय पाना एवं आवाज उठा पाना उनके चलते कठिन था। उनका उद्देश्य देश की आजादी से पहले ब्रिटिश शासन को बढ़ावा देना तथा भारतीय नागरिकों का दमन करना था। पूर्ववर्ती कानूनों के फलस्वरूप न्यायालय में लंबित मामलों की बड़ी संख्या पैदा हो गई थी.दोषसिद्धि की दर कम होती थी.पीड़ित असंतुष्ट रहते थे. अपराधी पर कार्यवाही अधूरी रहती थी. 25 दिसंबर 2023 को नए आपराधिक कानूनों के बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नए कानून 18 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 उच्च न्याययियों, 5 न्यायिक अकादमियों, 22 कानून विवि, 142 संसद सदस्यों, लगभग 270 विधायकों को जनता से मिले सुझावों के आधार पर 4 वर्ष में गहन परीक्षण कर तैयार किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता-2023 में 511 के बजाए 358 धाराएं होंगी. 21 नई धाराओं को जोड़ा गया है. 41 धाराओं में सजा को बढ़ाया गया है। 82 धाराओं में अर्थ दंड बढ़ाया गया है।
25 धाराओं में न्यूनतम सजा का प्राविधान, 6 धाराओं में सामुदायिक अपराधों को जोड़ा गया है.19 धाराओं को हटाया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 में 484 के बजाए 531 धाराएं होंगी. भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 में 166 के बजाए 170 धाराएं हैं.नए कानून पीड़ित को अधिक अधिकार प्रदान करने के साथ ही शीघ्र न्याय, आपराधिक न्याय विंग प्रणाली के सभी विंग को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर देता है।
राज्य में नए कानूनों को लागू करने के लिए 6 कमेटियों का गठन किया गया है.इनमें जनशक्ति, प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीसीटीएनएस, राज्य में लागू एक्ट में नए कानून के अन्तर्गत परिवर्तन व जागरूक समिति शामिल हैं। नए कानूनों के लागू होने पर राज्य में लागू अधिनियमों में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित हैं। उत्तराखंड के 434 स्थानीय अधिनियमों के 74 में संशोधन के प्रस्ताव के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 343 अधिनियमों में से 116 में संशोधन के प्रस्ताव एवं केंद्र के 228 अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, चन्द्रेश यादव, एडीजी अमित कुमार सिन्हा, एपी अंशुमन, आईजी विम्मी सचदेवा, केवल खुराना, विमला गुंज्याल, विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल उपस्थित थे।