Big Breaking::महेंद्र भट्ट फिर उत्तराखंड BJP के सुल्तान:आधिकारिक ऐलान होते ही CM पुष्कर ने खिलाई मिठाई:बोले,`सांगठनिक एकता-अनुशासन-विश्वास की अद्भुत जीत’:जो पुष्कर को भावे,मोदी-शाह वही दिलावे:तो अगला पड़ाव Cabinet Expansion-Reshuffle!
नई BJP State Executive में भी PSD निभाएंगे अहम भूमिका:महामंत्री की कुर्सी को ले के रहेगी खास नजर

Chetan Gurung
राज्यसभा MP और मुख्यमंत्री के करीबी महेंद्र भट्ट के BJP प्रदेश अध्यक्ष बनने का ऐलान और ताजपोशी आज पार्टी के ओहदेदारों और कार्यकर्ताओं की भीड़ के सामने हाथों-हाथ कर दी गई। PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह ने इस चुनाव, जो कि मनोनयन से इतर सरीखा नहीं रहा, में भट्ट को लगातार दूसरी बार उत्तराखंड में संगठन का सुल्तान बना के CM PSD के लगातार सशक्त होते हाथ को साफ-साफ प्रदर्शित कर दिया। BJP की नई प्रदेश कार्यकारिणी में भी CM की अहम भूमिका रहनी तय है।
लगातार दूसरी बार BJP State President घोषित होने पर महेंद्र भट्ट को CM पुष्कर सिंह धामी ने लड्डू खिलाए
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Election Observer और केन्द्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने भट्ट के निर्विरोध (किसी ने भी नामांकन नहीं किया था) निर्वाचित होने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने खुशी से उनके दोनों हाथ ऊपर उठा लिए। बूंदी के लड्डू खिलाए। सारे कयासों-If and Buts को धता बता के मोदी-शाह ने पुष्कर-महेंद्र के Deadly Combination के साथ छेड़छाड़ न करने का फैसला कर अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध करा दिया। दोनों ने ये इशारा कर दिया कि पुष्कर उनका Lucky Charm है। उनकी हर पसंद का ख्याल रखा जाएगा। जो वह चाहेंगे वह उनको दिया जाएगा।
CM Pushkar Singh Dhami
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मुख्यमंत्री ने कहा,`मोदी-शाह-JP नड्डा के नेतृत्व में हर पदाधिकारी-कार्यकर्ता राष्ट्र प्रथम-संगठन सर्वोपरि-सेवा उद्देश्य के भाव से कार्य कर रहा है। भट्ट की अगुवाई में BJP देवभूमि में अपना दायित्व और कर्तव्य अधिक लगन और ज़िम्मेदारी से निभाएगी’। उनकी ये उपलब्धि सांगठनिक एकता-अनुशासन और परिश्रम-कर्तव्य का नतीजा है’। इस मौके पर BJP के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम-सह प्रभारी रेखा वर्मा तथा महामंत्री (उत्तराखंड संगठन) अजेय कुमार भी मौजूद थे।
GMS Road स्थित होटल में आयोजित आयोजन में पूर्व CM डॉ रमेश पोखरियाल निशंक-त्रिवेन्द्र सिंह रावत-तीरथ सिंह रावत, केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टमटा, राज्य के कई मंत्री-दर्जाधारी मंत्री और MLAs भी मौके पर मौजूद थे। इसी महीने नई कार्यकारिणी का गठन भी भट्ट कर लेंगे। इसमें कौन नाम अंदर होंगे और कौन बाहर, ये साफ नहीं, लेकिन जो भी फैसला होगा, PSD की मंजूरी से होगा। प्रदेश महामंत्री की कुर्सी वह अपने सबसे भरोसेमंद और काबिल-अनुभवी को सौंपा चाहेंगे। ये चेहरा कौन होगा, इस पर नजर रखी जा सकती है। अपनी तरह किसी युवा को ही चुनना वह चाहेंगे।
भट्ट के फिर से उत्तराखंड BJP का सुल्तान बनने से निकली ध्वनि और सियासी धमाके से मंत्रियों में खुद को बचाए रखने की बेचैनी और मंत्री बनने की इच्छा शिद्दत से रखने वाले MLAs के दिलों की धड़कन बढ़नी तय है। Guarantee तो कोई नहीं दे सकता कि कौन मंत्रिमंडल से बाहर होंगे, और कौन अंदर लेकिन पांचों खाली सीटें भरी जाती हैं और कम से कम 2 या 3 मंत्रियों को अलविदा किया जाता है तो 7-8 मंत्रियों की कुर्सी के लिए दावे की जगह खाली मिल सकती है।
इनको पाने के लिए विधायक जी-जान लगा देंगे, ये तय है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर PM-HM चाहेंगे जरूर कि मंत्रिमंडल में उग चुके कुछ खरपतवारों को उखाड़ फेंक के अपनी सियासी कृषि भूमि को उपजाऊ बनाए रखते हुए लहलहाती खेती में और हरियाली का पुट डालें। खरपतवार दो किस्म के समझे जा रहे। 1-जिनकी छवि-प्रतिष्ठा और कामकाज की शैली बहुत विवादास्पद है। 2-जो अति महत्वाकांक्षी हैं और इसके चलते सरकार-पार्टी के लिए अभी तथा भविष्य में सिर्फ कांटे के पेड़ साबित होंगे। जो मुख्यमंत्री की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं।
सियासी इशारे समझने की कुव्वत रखने वालों के मुताबिक आला कमान पुष्कर को फालतू के फेरों से दूर रखना चाहता है। वह उनको सिर्फ सत्ता में BJP को फिर से बनाए रखने का जिम्मा देना चाहता है। जो लोग उनके लिए नाहक सिर दर्द हैं, उनको या तो उत्तराखंड की सियासत से दूर रखा जा सकता है या फिर कंधे से कंधा मिला के या झुक के चलने के लिए उनको फरमान जारी हो सकता है।
मौजूदा मंत्रिमंडल के गठन में PSD ने अपनी इच्छाओं को अलग कर आला कमान से मिली टीम से काम लिया। वह निस्संदेह अब एकदम अपनी पसंद की Cabinet चाहेंगे। जिसको ले के उनको सौ फीसदी यकीन हो कि वे Assembly Elections में उनकी सोच और इरादों के मुताबिक काम करेंगे। इससे इन्कार शायद ही कोई करेगा कि वह खटीमा का आम चुनाव सिर्फ विभीषणों-जयचंदों-मीर जाफ़रों की साज़िशों और दुरभिसंधियों के चलते गंवा बैठे थे।
मोदी-शाह के पास इसकी एक-एक खबर थी। यही वजह है कि उनको CM फिर से बनाने में दोनों ने कोई हिचक नहीं दिखाई थी। दोनों के साथ पुष्कर के पास भी कारगुजारी करने वालों की List है। उनकी खासियत ये है कि वह खामोशी से अपना काम करना पसंद करते हैं। विरोधियों को भी वह एहसास नहीं होने देते हैं कि आखिर उनको क्या और कैसे दिन देखने पड़ सकते हैं।