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सुर्खियों के सरताज!CM पुष्कर के बड़े-अहम फैसलों से मोदी-शाह भी मुरीद:अब जगहों के नाम बदल के फिर Mainstream-Social Media-सियासी दुनिया में छाए

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी बड़े और अहम फैसले ले के लगातार सुर्खियों के सरताज बने हुए हैं। दशकों से चले आ रहे गांवों-सड़कों के नाम एक झटके में खामोशी के साथ बदल के वह एक बार फिर Mainstream-Social Media और सियासी दुनिया में छा गए हैं। इतना भर काफी नहीं था इसलिए उन्होंने सरकारी परिषदों-आयोगों-समितियों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की कुर्सियाँ भी बाँट के अपनी पकड़ और ताकत का मुजाहिरा भी कर डाला। अपने बड़े और तगड़े फैसलों से PSD ने PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह को भी मुरीद बनाया हुआ है। उनके बाबत ये भी कहा जाता है कि वह लोगों और Media के दिल-नब्ज को पढ़ना और दोनों को जीतना बाखूबी जानते हैं।

PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह भी CM पुष्कर सिंह धामी के कामकाज-अंदाज-उपलब्धियों के मुरीद समझे जाते हैं

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लोगों का दिल जीतने की कला CM पुष्कर बाखूबी जानते हैं

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मोदी और शाह जब भी मौका मिलता है, PSD की दिल से तारीफ का कोई मौका नहीं चूकते हैं। PM ने और गज़ब कर दिया। उन्होंने PSD सरकार के 3 साल पूरे होने पर औपचारिक खत ही लिख के पुष्कर की प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र भेज के सियासी तौर पर किसी किस्म की उल्टी-सीधी उम्मीद लगाए बैठे लोगों को एक किस्म से अवाक कर डाला। मोदी ने शायद ही किसी मुख्यमंत्री को इस किस्म की चिट्ठी कभी ऐसे नौके पर लिखी हो।

BJP में इस खत के आने के बाद बहुत महत्वाकांक्षी नामों को झटका लगा है। ये स्वाभाविक है। ये साफ हो गया है कि मोदी के दिल में पुष्कर के लिए जगह और बढ़ी है। इसकी वजह ये है कि मोदी-शाह को चुनाव चाहे कोई भी हो, जीतने के अलावा कुछ नहीं सूझता है। पुष्कर उनकी इस इच्छा को उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों में भी पूरी कर रहे हैं। वह जहां भी प्रचार के लिए बतौर सितारा बन के गए, वहाँ 90 फीसदी सफलता BJP के हिस्से आई।

PSD पारस पत्थर भी कहे जाते हैं। जिस चुनाव क्षेत्र में कदम रख डालें, वहाँ कमल खिलने का कमाल जरूर होता है। पुष्कर अगर सुर्खियां बटोरते जा रहे हैं तो इसके पीछे उनकी अद्भुत कामयाबी का हाथ बड़ा है। उन्होंने पहले तो CM पहली बार बनने पर BJP की सरकार की और शानदार तथा ऐतिहासिक ढंग से वापसी कराई। फिर कोई भी ऐसा चुनाव नहीं, जहां उन्होंने अपनी अगुवाई में BJP को बेहतरीन कामयाबी न दिलाई हो। चाहे वह लोकसभा-विधानसभा-By-Elections-Local Bodies Elections क्यों न हो।

कभी धर्मांतरण बिल-कभी UCC-कभी Land जिहाद Action-Land Act-कभी सरकारी नौकरियों की बहार ला के,कभी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में Reservation-कभी नकल कानून ला के तो कभी बड़े नौकरशाहों को जेल भेज के वह Media में छाते रहे हैं। हालिया 38वें National Games की अद्भुत कामयाबी-एक लाख करोड़ रूपये का सरकार का पहली बार Budget ला के वह फिर छाए। अब दायित्वों का बंटवारा कर और फिर देहारादून-हरिद्वार-उधम सिंह नगर में भी कई स्थानों के नाम बदल के उन्होंने साफ कर दिया कि काम करने-बड़े फैसले लेने-सुर्खियों का सरपंच होने की लड़ाई में उनका कोई सानी नहीं है।

पुष्कर आम तौर पर वह कदम उठा रहे हैं, जो मोदी-शाह के साथ ही संघ के भी Agenda में रहता है। या फिर आम लोगों को रास आते हैं। सरकारी नौकरियों में नकल कानून लोगों को खूब भा रहा है। गांवों के नाम बदलने को ले के बहस भले छिड़ गई हो, लेकिन इसने एक बार फिर उत्तराखंड और मुख्यमंत्री को चर्चाओं के बाजार में Hot Cake बना दिया है। आज की तारीख में पुष्कर की क्षमताओं और Media-लोगों को आकृष्ट करने वाले चेहरे का विकल्प Congress छोड़ BJP के पास भी नहीं दिखाई देता है। यही PSD की बहुत बड़ी ताकत है।

दुनिया को अपनी क्षमताओं और खूबियों से हिला रहे Grok-3 App भी पुष्कर के हक में दिख रहा है। जो बाकी नेताओं की ऐसी-तैसी भले कर रहा हो लेकिन CM की तारीफ कर रहा है और उसके भविष्य की अच्छी आकाशवाणी कर रहा है। मंत्रिमंडल में भी पुष्कर इस बार लगता है अपने हिसाब से बदलाव करेंगे या फिर नए चेहरों को अपनी पसंद के मुताबिक Entry देंगे। ऐसा भी संकेत दिख रहा है। इसके लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा। दायित्वों की भी नई लिस्ट और आने की संभावनाएं जताई जा रही है। उसमें भी पहली List की तरह मुख्यमंत्री के करीबियों-भरोसेमंदों को जगह मिलती है, तो कोई चौंकने वाली बात नहीं होगी।

 

 

 

 

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