छोटी-छोटी हुकूमतों की बड़ी जंग::Local Bodies Elections::ख़िताबी मुक़ाबले से पहले लय-हौसला-जोश-माहौल बनाने की बाजी जीतेंगे PSD! BJP-Congress को धुकधुकाएगी Counting:गाल फतह के गुलाल से लाल होंगे या अवाम के तमाचे से,देखना दिलचस्प होगा
महफिल अपने नाम करेंगे CM पुष्कर या Congress प्रमुख करण हावी होंगे घर के दुश्मनों पर!

Chetan Gurung
छोटी-छोटी हुकूमत (Local Bodies Elections) के लिए छिड़ी बड़ी जंग के नतीजे आज साफ हो जाएंगे। कुछ सीटों पर हो सकता है वक्त लगे लेकिन देर शाम तक तस्वीर उभर आएगी कि साल-2027 के Assembly Elections से पहले लय हासिल करने और हौसला-जोश-माहौल बनाने की बाजी आखिरकार किसके हाथ लगी। CM पुष्कर सिंह धामी ने इस चुनावी समर में खुद को बेतरह झोंक के ये तो जाहिर कर ही दिया कि BJP और खास तौर पर वह इन Mini Local Government गठन के मुक़ाबले को कितनी अधिक गंभीरता से लेते हैं। ये तय है कि आज BJP-Congress के दिलों को Counting दिन भर खूब धुकधुकाएगी। शाम ढलते-ढलते दिखेगा कि किस दल के लोगों के गालों में गुलाल है और किस के गाल शिकस्त से लाल।
उत्तराखंड Local Bodies Elections में फतह CM पुष्कर का वजूद PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह के दरबार में और भारी करेंगे!
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स्थानीय निकाय चुनाव शायद इतना अहम और संघर्षपूर्ण तथा दो प्रमुख राष्ट्रीय दलों के लिए इतना अहम कभी नहीं रहा,जितना इस बार। ऐसा भी पहली बार ही दिखाई दे रहा है कि आम लोग और कारोबारी संग हर तबके के लोग छोटी सरकार के चुनाव पर इतना बोल और दिलचस्पी लेते नजर आ रहे। देहरादून के Mayor सीट के साथ ही ऋषिकेश और हल्द्वानी-श्रीनगर Mayor सीट किसकी झोली में जाने वाली है, इसको ले के बहुत ही बड़ी बहस हो रही है।
PCC Chief करण माहरा:बाहर से ज्यादा घर के भीतर अधिक बड़ी जंग लड़ी
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विधानसभा की सीटें भी उत्तराखंड में छोटी हैं। उसमें भी Local Issue अहमतरीन भूमिका निभाते हैं। पार्षद-सदस्यों की सीटों को छोड़ दें तो Mayor-नगर पालिका अध्यक्ष की सीटों के नतीजे Assembly Elections के लिए Trailor के तौर पर उभर सकते हैं। PSD अगली बार भी Assembly Elections जीत के BJP को अपनी अगुवाई में Hat-Trick का तोहफा देना चाहेंगे। लगातार 2 विधानसभा चुनावों में मुंह की खाने के बाद भरभरा के गिरने के कगार पर खड़ी और खुद को फिर मजबूती से खड़ा करने की कोशिश कर रही Congress किसी भी सूरत में अगला विधानसभा चुनाव किसी भी कीमत पर अपने झोले में डालने के लिए बेकरार दिख रही।
BJP-Congress इसके लिए अपने हक में माहौल बनाने के लिए अभी से जुटे हुए हैं। एक-दूसरे को पटखनी देने की मंशा रखने वाले दोनों दल भली-भांति जानते हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव में अधिकांश सीटों को जीतने में कामयाब होते हैं तो उनको Assembly Elections में इसका सीधा फायदा मिल सकता है। आज ये भी साफ हो जाएगा कि Congress में वाकई आपसी फूट और एक-दूसरे का सिर तथा सियासी जिंदगी का कत्ले आम करने के लिए छिड़ी मुगलिया सल्तनत किस्म की जंग ने उसको कितना जख्म दिया है या फिर घाव कितना गहरा कर दिया।
इसके उलट BJP में हार-जीत के नतीजे मुख्यमंत्री पुष्कर के कद को समकालीन और कुछ बक्से में बंद और बाहर निकालने के लिए अकुला रहे किस्म के Seniors के मुक़ाबले बहुत बड़ा कर देंगे। नतीजों से ये भी साफ होगा कि निचले और आम तबके के लोगों में खास तौर पर मुख्यमंत्री का अंदाज और काम करने के तौर-तरीके का असर कायम है या फिर इसमें इजाफा और कमी दिख रही है। उनकी प्रतिष्ठा दूसरी बार CM बनने के बाद चुनावों के शहंशाह के तौर पर मजबूत हुई है। देश भर में लोकसभा और Assembly Elections में उनकी Demand किसी भी वक्त UP के CM योगी आदित्यनाथ से ज्यादा नहीं तो कम भी नहीं दिखाई दी थी।
PSD की प्रतिष्ठा हालिया सालों में इंतखाबी फतह के उस्ताद और हुनरमंद के तौर पर उभरी है। निकाय चुनावों में उन्होंने इसको और ठोस-सशक्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। BJP में कई सूबेदारों ने अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए तो धरती-आसमान एक कर डाला लेकिन जब जंग शुरू हुई तो वे समर भूमि CM के भरोसे छोड़ एक किस्म से भाग खड़े हुए। ये साफ हो गया कि उनमें चेलों-चेलियों को विजयी बनाने का दम-खम ही नहीं है। PSD के भरोसे ही वे खम ठोंक बैठे थे। आखिरी दिनों में उनकी दशा देख के ही CM पुष्कर ने Road Show-जनसभाएँ कर सागर की लहरों को घातक होने से रोक के स्फूर्ति-हौसला बढ़ाने वाली सूरत देने की कोशिश भरसक की। उन्होंने पार्टी नेताओं और युवाओं में जोश-स्फूर्ति-हौसला भर देने में कामयाबी पाई।
Congress के लिए ये Local Bodies का ये समर एक-दूसरे को निबटाने वाला नजर आया। उसके बड़े-बड़े और खुर्राण्ट-अनुभवी चेहरे बागी नजर आए। खुल के पार्टी और उसके प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ गुर्राए। टिकटों के बँटवारों को पैसे का खेल करार दिया। पार्टी छिन्न-भिन्न नजर आ रही थी। इसके बावजूद देहरादून-ऋषिकेश और हल्द्वानी के Mayor के Elections पर लोग खुल के भविष्यवाणी करने से कतराते नजर आ रहे। इतना तय है कि नतीजों से Congress में उसके PCC Chief करण माहरा के रुतबे पर Positive-Negative असर पड़ेगा। बाकी अधिकांश दिग्गजों ने उनकी पूछ में आग ही लगाई है। BJP में सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर अच्छे नतीजों पर एक बार फिर नायक बन सकेंगे और अकेले महफिल अपने नाम करेंगे। आज शाम तक का इंतजार करें।