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थोड़ा सा Political हो जाए::बेहतरीन Victory Strike Rate-अहम मोर्चे फतह से BJP के ध्रुवतारा-मोदी-शाह के आँख का तारा बने CM पुष्कर:Assembly के बाद लोकसभा में सभी 5 सीटों-बागेश्वर-केदारनाथ By-Election में जीत की Script लिखने की कुव्वत का आलाकमान मुरीद

मोदी को केदारनाथ की फतह की शक्ल में PSD का Return Gift

Chetan Gurung

बागेश्वर Assembly By-Election में Record Breaking विजय दिलाई। पंजाब Assembly Election के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी शानदार कारनामा कर दिखाया। इसके बाद CM पुष्कर सिंह धामी आज की तवारीख में BJP के लिए ध्रुवतारा और PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह की आँख का तारा बन के उभरे हैं। वह बिना शक पार्टी के तमाम युवा और उम्मीदवान-प्रतिभावान चेहरों में काफी आगे निकाल चुके हैं। उनको भविष्य में पार्टी को आगे ले जाने या मजबूत करने की अहम जिम्मेदारी संभालने वाले चेहरे के तौर पर देखा जाने लगा है।उनकी शानदार कामयाबियों की गूंज से विपक्षी दल और उससे ज्यादा घर में मौजूद जलनखोर किस्म के अति महत्वाकांक्षी चेहरों को साँप सूंघ गया है।

केदारनाथ Assembly By-Election जीत के CM पुष्कर सिंह धामी ने PM नरेंद्र मोदी को शानदार Return Gift दिया

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पुष्कर ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बाद CM बने तीरथ सिंह रावत से Corona काल में साल-2021 में लस्त-पस्त पड़ी BJP सरकार की कमान आम चुनाव से सिर्फ 8 महीने पहले थामी थी। सरकार चला रही कोई भी Party उत्तराखंड में कभी भी लगातार दो बार नहीं जीती थी।सारे समीकरण और कयास ध्वस्त कर उन्होंने सरकार को और अधिक दमदार ढंग से बचाया ही नहीं बल्कि ज्यादा मजबूत कर दिखाया।

उन्होंने इस मिथक को चकनाचूर कर डाला कि देवभूमि में एक बार BJP-अगली बार Congress एक न टूटने वाला ट्रेंड है। भले भीतरघातियों के चलते और खुद के बजाए दूसरों की सीट निकलवाने में व्यस्त रहने की बाध्यता से वह खुद की खटीमा सीट नहीं बचा पाए। मोदी-शाह की जानकारी में सब रहता है। उन्होंने अपने युवा उभरते आज सरीखे नायक को फिर सरकार की कमान इसी लिए सौंप दी। इसके बाद पुष्कर ने अपना चंपावत By-Election ऐतिहासिक अंदाज में जीता। लोकसभा चुनाव में BJP के हिस्से वे अधिकांश सीटें आईं, जहां पुष्कर ने प्रचार किया।

उससे पहले मंत्री चंदन रामदास के निधन से खाली बागेश्वर उप चुनाव को कठिन जंग में अपनी कमान में जीत दिखाया। मंगलौर में BJP भले उपचुनाव नहीं जीती लेकिन वहाँ हार का बेहद कम अंतर हैरान करने वाला रहा। मुस्लिम बाहुल्य वाली Assembly सीट पर बीजेपी ने गज़ब का प्रदर्शन कर Congress को जीत जाने के बावजूद बुरी तरह चौंकाया। बद्रीनाथ विधानसभा उप चुनाव में प्रत्याशी चयन में मुख्यमंत्री की भूमिका नगण्य बताई जाती है। वह सीट हार जाने के बावजूद आला कमान ने पुष्कर को कभी तलब नहीं किया।

केदारनाथ Assembly By-Election के नतीजों से भी पुष्कर को फर्क नहीं पड़ना था।इसके बावजूद इस पहलू से मोदी-शाह भी अनभिज्ञ नहीं होंगे कि खुद BJP के कुछ कथित सूरमाओं ने किस तरह की नकारात्मक भूमिका गुपचुप ढंग से मोदी के आराध्य के डेरे के चुनाव क्षेत्र में निभाई। इन सभी से हिसाब मांगा जा सकता है। मोदी-शाह के पास सभी का खेल रेकॉर्ड पहुँच चुका है। भला हो पुष्कर का कि उन्होंने केदारनाथ चुनाव की लगाम और कमान अंतिम पलों में खुद ही थाम ली थी। प्रचार-Road Show-जनसभा में उन्होंने सीधा दखल रखा। इसका नतीजा मीठा निकला।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पुष्कर जिन-जिन सीटों पर प्रचार के लिए गए,सभी में कमल का फूल खिल उठा। पंजाब लोकसभा चुनाव में भी उनका प्रचार BJP को खूब फला-फूला। BJP के पास दूसरी पांत के नेताओं की प्रचुर उपलब्धता की कमी है। जो हैं, उनमें बहुत कम को पुष्कर के समकक्ष देखा जा रहा है। आलाकमान और मोदी-शाह उत्तराखंड की पुष्कर सरकार को बहुत तवज्जो देते हैं। UCC-नकल विरोधी कानून को केंद्र सरकार भी अपना रही है। किसी अन्य BJP शासित राज्य को केंद्र ने ऐसी तवज्जो दी हो, मालूम नहीं पड़ता है।

PSD को पार्टी के भावी बड़े और प्रमुख चेहरे के तौर पर देखा जाने लगा है। वह Smart और जोश से लबरेज नजर आते हैं। उनको एक ही दिन में 4 शहरों और गली-मोहल्लों-पहाड़ों के डांडा-कांड़ा में देखा जाना अब सामान्य बात हो गई है। वह हर उस जगह नजर आते हैं,जहां उनका होना खुद उनके और BJP के लिए अवश्यंभावी होता है। केदारनाथ सीट बेशक छोटी सी है, लेकिन ये बेहद अहमियत रखती है।

महाराष्ट्र Assembly चुनाव फतह के बाद अपने सम्बोधन में PM मोदी ने केदारनाथ में BJP की विजय का भी जिक्र प्रमुखता से किया। अयोध्या की लड़ाई हार जाने के बाद मोदी को केदारनाथ की फतह से निजी तौर पर खुशी अधिक मिली होगी। पुष्कर ने मोदी को ये तोहफा दिया। ये उनकी तरफ से उस PM को Return Gift के तौर पर देखा जा सकता है, जिन्होंने उनको 2 बार CM की ज़िम्मेदारी कई उलट समीकरणों के बावजूद सौंपने में कोई हिचक नहीं दिखाई।

 

 

 

 

 

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