बड़ी खबर!!Speaker पर संग्राम-संसद सत्र की भारी व्यस्तता के बावजूद CM पुष्कर संग PM मोदी का मंथन:मांगों की फेहरिस्त में BHEL से भूमि हस्तांतरण-Hydro Power Projects की मंजूरी-Forest Land Transfer नीति Practical करना-मानसखंड मंदिर माला Mission के लिए 1000 करोड़ की केन्द्रीय मदद शामिल:प्रस्तावित 3 Tunnel Projects मंजूर करने की भी गुजारिश:प्रधानमंत्री बनने की Hat Trick के लिए दी गर्मजोशी से बधाई
देहरादून-मसूरी रेल लाइन प्रोजेक्ट भी मंजूर कराने की गुजरिश:प्रधानमंत्री को गुलदस्ता संग महासू देवता की Replica भेंट

Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी को PM नरेंद्र मोदी के Blue Eyed Boy के तौर पर देखा-माना जाता है और संसद सत्र की बेहद व्यस्तता तथा लोकसभा स्पीकर को ले के NDA-INDIA के मध्य संग्राम छिड़े होने के बावजूद उनकी केंद्र सरकार के Number-1 से नई दिल्ली में मुलाकात और दोनों में उत्तराखंड के विकास-अन्य अहम मुद्दों पर मंथन ने इसको फिर स्थापित किया.मुख्यमंत्री ने PM को राज्य के विकास से जुड़े मांगों की लम्बी-चौड़ी फेहरिस्त पेश कर उनको मंजूर करने की गुजारिश की.मोदी को PM बनने की Hat Trick बनाने के लिए गर्मजोशी से बधाई दी.
संसद सत्र की भारी गहमागहमी और स्पीकर को ले के संग्राम के बावजूद नई दिल्ली में CM पुष्कर सिंह धामी के साथ PM नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के विकास पर गहन मंथन किया.पुष्कर ने उनको PM की Hattrick के लिए बधाई देने के साथ ही गुलदस्ता और महासू देवता की प्रतिकृति भेंट की
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मुख्यमंत्री ने यकीन जताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत दुनिया में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा.पुष्कर ने मोदी को विख्यात महासू मंदिर की प्रतिकृति भी भेंट की। प्रधानमंत्री से उन्होंने कहा कि राज्य की बिजली की जरूरतों को पूरी करने के लिए खुले बाजार से लगभग 1000 करोड़ रूपये की ऊर्जा हर साल खरीदना पड़ता है.राज्य के वित्तीय संसाधनों पर इससे अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। राज्य में प्रस्तावित और लंबित जल विद्युत् प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल जाए तो बिजली मिलने के साथ ही वित्तीय बोझ से भी राज्य उबर जाएगा.
अलकनंदा, भगीरथी तथा सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अन्तिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुर्नसमीक्षा का प्रधानमंत्री से उन्होंने अनुरोध किया। इस कठिनाई की तरफ भी उनका ध्यान आकृष्ट किया कि विशेष भौगोलिक अवस्था के चलते राज्य में भारत सरकार तथा उनकी एजेन्सियों को सड़क निर्माण परियोजना क्रियान्वित करने में बाधा आ रही है.
उन्होंने कहा कि क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है.वन संरक्षण एवं सवंर्धन नियम तथा Guide Line-2023 में दर्ज प्रावधानों का जिक्र कर विकल्पों को पेश कर कहा कि राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि जो वन विभाग के नियत्रंण में नहीं है, में दो गुना वन भूमि पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है। उत्तराखण्ड का 67 प्रतिशत हिस्सा वन आच्छादित होने से विकास कार्यों के लिए भूमि की उपलब्धता बेहद कम है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटा राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड में NHAI-BRO-ITBP- रेलवे एवं सेना की सड़क तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण में वन संरक्षण एवं सवंर्धन अधिनियम, 2023 के तहत भूमि की अनुपलब्धता आड़े आ रही है.अनुमोदन में देरी हो रही है.
PSD ने गैर वानिकी परियोजना के लिए अधिसूचित नियम, 2017 की व्यवस्था को कायम रख राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ (आरक्षित एवं संरक्षित वन) में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराए जाने-वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर सम्बन्धित मंत्रालय को अनुमोदन प्रदान करने के लिए निर्देश देने की भी गुजारिश PM से की.राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए Multi Model Logistics Park तथा औद्योगिक विकास की खातिर BHEL हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तान्तरण का अनुरोध किया। उनको बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण कलस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है।
CM ने बताया कि राज्य सरकार ने 410 करोड़ रूपये कीमत की भूमि NoC के साथ उपलब्ध कराई है.उन्होंने Integrated Manufacturing Cluster (खुरपिया) के अनुमोदन के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध करने के साथ ही प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दी कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इन मंदिर मार्गों को 2 Lane करने और आपसी कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार से 1 हजार करोड़ रूपये की सहायता की दरकार है.इस मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिए शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास के लिए भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए Master Plan बना लिया गया है. गुंजी को `शिव नगरी’थीम के आधार पर विकसित किया जाएगा. कला, संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम को इसके प्रस्तावित विकास के केंद्र में शामिल किया गया है. प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। गुंजी-आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिए हेली सेवायें उपलब्ध कराने के लिए सर्वे कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पर्यटन विकास और यातायात नियंत्रण के नजरिये से देहरादून-मसूरी रेल लाईन परियोजना को मंजूर कराने-ज्योलिकांग -वेदांग (5 किमी), सीपू-तोला (22 किमी) और मिलम-लैपथल (30 किमी) टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का भी अनुरोध PM से किया गया।
पुष्कर की मोदी से आज की मुलाकात की खासी अहमियत है.उत्तराखंड में लोकसभा की पाँचों सीटों को शानदार अन्तर से BJP की झोली में डाल के मोदी को फिर PM बनाने में 100 फ़ीसदी योगदान देने वाले चुनिन्दा लोगों में PSD शुमार हैं.संसद सत्र की भारी गहमा-गहमी और स्पीकर-Deputy Speaker को ले के NDA-INDIA के मध्य संघर्ष के जबरदस्त उफान पर रहने के दौरान उनसे मोदी की अहम और लम्बी मुलाकात को ख़ास नजरिये से देखा जा रहा है.