
Chetan Gurung
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (Vet) गुरमीत सिंह की मुहर के साथ ही उत्तराखंड में भूमि प्रबंधन तथा भू-व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 कानून बन गया और प्रदेश में सशक्त भू-कानून अस्तित्व में आ गया। CM पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि की जमीन बचाने के जद्दोजहद में जुटे लोगों की भावनाओं के मुताबिक उनकी ढाई दशक से लटकी मुराद को पूरा कर दिखाया।
भू-कानून के लागू होने से उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री और यहाँ की ज़मीनों पर बाहरियों-भू माफिया और दलालों पर पूरी तरह अंकुश लग गया।आवासीय, शिक्षा, अस्पताल, होटल, उद्योग को उनकी जरूरत के मुताबिक जमीन खरीदने का अधिकार मिलेगा। इसके लिए भी लेकिन अन्य प्रदेशों के लोगों को निर्धारित-सख्त प्रक्रिया से गुजरना होगा।
CM PSD ने कहा कि सख्त भू-कानून लागू होने से ज़मीनें बाहरी लोगों तथा माफिया के हाथों जाने-राज्य के मूल निवासियों के भूमि हीन होने के खतरे और प्रदेश में डेमोग्राफी चेंज की कोशिशों पर रोक लग जाएगी। जरूरत हुई तो और भी सख्त कदम उठाने सरकार बिल्कुल नहीं हिचकेगी।
उन्होंने कहा कि भू-कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान को मजबूत बनाने के लिए सख्त भू- कानून बहुत बड़ी जरूरत थी। उन्होंने Land bill को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल का आभार प्रकट किया।