
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को खटीमा में परमवीर चक्र विजेताओं को 1.5 करोड़ रूपये की ईनामी राशि देने का ऐलान किया। दिवंगत पिता शेर सिंह धामी को याद करते हुए श्रद्धांजली अर्पित करने के दौरान अपनी तमाम उपलब्धियों और समाज के प्रति योगदान के लिए उनसे मिली सीख को प्रेरणास्रोत करार दिया। उन्होंने खटीमा-टनकपुर-बनबसा में कहीं भी देहरादून में निर्माणाधीन सैन्य धाम सरीखा निर्माण करने और क्षेत्र के विकास से जुड़ी ढेरों घोषणाएँ कीं।
CM PSD ने ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज को स्थापित करने के कार्य का शिलान्यास भी किया
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तराई बीज विकास निगम के मैदान में सेवा संकल्प धारिणी फाउंडेशन के स्व0 सूबेदार शेर सिंह धामी की पाँचवी पुण्यतिथि पर आयोजित `गौरव सैनिक सम्मान’ समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिक वीरांगनाओं एवं पुत्री को ड्रोन दीदी के रूप में रोजगार परख ड्रोन का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों एवं पूर्व सैनिक व उनकी पत्नियों तथा पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर नारियों को निशुल्क बद्री धाम की यात्रा कराई जाएगी। परमवीर चक्र विजेताओं को उत्तराखंड सरकार की तरफ से 1 करोड़ 50 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। खटीमा में मोहम्मदपुर भुड़िया का नाम शहीद राणा वीरेंद्र नगर के नाम पर किया जाएगा।नानकमत्ता स्थित मोहम्मद गंज का नाम गुरु गोविंद सिंह नगर के नाम पर किया जाएगा।
खटीमा में अचानक थारू जनजाति के बच्चों को देख मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ठहर गए और उनसे खूब बताएं कीं
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PSD ने कहा कि 5 वर्ष पूर्व आज का दिन मेरे जीवन का सबसे कष्टप्रद और दुःखद दिन रहा, जब मैंने अपने प्रेरणास्रोत पूज्य पिताजी को खो दिया। मैं जब उनको याद करता हूँ, तो आंखें नम हो जाती हैं। गर्व भी होता है कि उन्होंने जीवन के जिन मूल्यों की मुझे शिक्षा दी, उन्हीं मूल्यों के सहारे आज मैं जनसेवा की राह पर चल पा रहा हूँ। पिताजी के विचार, उनके सिद्धांत और उनका संघर्षमय जीवन आज भी हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन करता है। पिताजी ने सेना से रिटायरमेंट के बाद क्षेत्र में शिक्षा के प्रसार प्रचार के लिए प्राइमरी स्कूल की स्थापना की। जहां गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती थी।
CM ने कहा कि पिताजी का फलसफा था `देश सेवा केवल वर्दी पहनकर ही नहीं होती, बल्कि प्रत्येक क्षण अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना भी एक प्रकार की देश सेवा ही है। उन्होंने समझा दिया था कि राजनीति कोई बड़ा पद पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जनभावनाओं को समझकर उनके दुःख-दर्द में सहभागी बनने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए स्वयं को पूरी तरह से समर्पित कर देने का नाम है। मैं सेना में तो नहीं हूं परंतु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर खुशी का अनुभव होता है। राज्य सरकार ने बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया है। सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है। बलिदानियों के आश्रितों को नौकरी पूर्व प्रशिक्षण तथा पुत्री विवाह अनुदान जैसी योजनाएँ भी संचालित कर रहे हैं। सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपये मूल्य की स्थायी सम्पत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है।
कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी लोगों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित वीर नारियों,वीरांगनाओं को सम्मानित किया। चम्पावत, नैनीताल व उधमसिंह नगर के वीर शहीदों के चित्र पर फूल अर्पित किए। अपने पूज्य पिता स्व0 सूबेदार शेर सिंह धामी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया। इस दौरान मंत्री सौरभ बहुगुणा, सांसद अजय भट्ट, लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन भी मौजूद थे। डा अनिल कपूर डब्बू, मेयर गजराज बिष्ट, विधायक शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, गोपाल सिंह राणा, सुरेश गड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला भी मौजूद रहे।