
ChetanGurung
उत्तराखंड में BJP सभी पांचों सीटों (पौड़ी-टिहरी-हरिद्वार-नैनीताल-अल्मोड़ा व पिथौरागढ़) पर काफी पहले प्रत्याशियों का ऐलान कर महासमर में तैयारियों के मामले में Lead लिए हुए हैं.Congress हरिद्वार और नैनीताल सीट पर Extra Alertness Mode पर है.दोनों सीटों पर वह अभी तक प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है.अभी तक की सूरत जो उभर के आई है, उसके मुताबिक कुछ सीटों पर कमल वाले और 3 में से 2 में कमल का हाथ मरोड़ने की लालसा रखने वाले पंजे कमजोर कड़ी के तौर पर देखे जा रहे.टिकटों के बंटवारे में दोनों ही प्रमुख दल Hundred Percent सही नहीं समझे जा रहे.BJP के निचले सदन में पहुँचने की ख्वाहिश रखने वालों का पूरा दारोमदार सबसे बड़े Brand Name PM नरेंद्र मोदी और एक दफा पीठ में छुरा सहने के बाद हर प्रमुख चुनावी समर फतह करने वाले CM पुष्कर सिंह धामी पर टिका है.पंजे वालों को सबसे बड़ी उम्मीद Anti Incumbency Factor के चलने की है.जिसके चलने या न चलने का दावा करने की हिम्मत दिग्गज सियासी समीक्षक भी नहीं कर पा रहे हैं.
PM Narendra Modi (Right) and CM Pushkar Singh Dhami.. (two big winning factor for BJP in Uttarakhand)
BJP की दो सीटों को ले के समझा जा रहा है कि वह शायद सौ फ़ीसदी विजय के लक्ष्य में कमजोर कड़ी है.कुछ और सीटें भी फंस सकती थी.वह शुक्र मना सकती है कि कांग्रेस ने कमजोर माने जा रहे प्रत्याशी उतार के कुछ हद तक BJP को राहत पहुंचा दी.एक में तो ऐसा प्रत्याशी उतारा गया है कि लोग अभी से ये मान बैठे हैं कि ये हाथ में कमल का फूल थाम के उसकी जिंदाबाद बोलने सरीखा हो गया है.म्यूजियम से झाड़-पोंछ के और सालों से हैंगर में टंगे लुंज-पुंज कोट को बिना इस्तरी किए पहनने से जुदा कांग्रेस के इस प्रत्याशी को नहीं माना जा रहा है.
सच-झूठ तो किसी को नहीं मालूम लेकिन ये हवा अच्छी-खासी उड़ रही कि इस प्रत्याशी को Team राहुल ऐन वक्त पर बदल के किसी और चेहरे पर दांव खेल देती है तो ताज्जुब नहीं होगा.कांग्रेस को अभी दो सीटों पर अपने लड़ाकों को समर में भेजने का फैसला करना है लेकिन ये तय सा दिख रहा है कि पौड़ी सीट पर भीषण रण होगा.BJP के अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल अपने तरकश से एक से एक बाण वर्षा प्रतिद्वंद्वी पर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.दोनों युवा हैं और पौड़ी के वोटर प्राणी किस पर अधिक यकीन जताएंगे, इस पर अच्छा-खासा सट्टा लगाया जा सकता है.
बलूनी को मोदी-पुष्कर Factor का बड़ा लाभ मिलेगा.मोदी चुनाव में बहुत बड़े Brand Name हैं और पुष्कर वह CM हैं, जो मृत प्रायः समझी जा रही BJP को दो साल पहले एक किस्म से मोदी नाम का सहारा ले के मृत्युलोक से वापिस ले आए थे.BJP को उन्होंने जो फतह दिलाई थी, उसको सावित्री का यमराज के मुख से पति सत्यवान की जिंदगी छीन के लाने से कम बड़ा चमत्कार नहीं समझा गया था.मोदी देश के और पुष्कर देवभूमि के Local विजय नायक हैं.गोदियाल पहले भी कभी चुनाव जीते या हारे,उनको निजी तौर पर फर्क नहीं पडा.उन्होंने कभी भी आम आदमी के चेहरे के तौर पर मिले दरजे को नहीं गंवाया.
नैनीताल और हरिद्वार में राहुल-कांग्रेस की हिचक और लेट-लतीफी के पीछे टिहरी सीट पर खड़े प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला को ले के मिल रही कम उम्मीदों वाली ख़बरों को देखा जा रहा.वह जल्दबाजी कर फिर ऐसे किस्म के Debatable प्रत्याशी देने से बचना चाह सकते हैं.गुनसोला को ले के पार्टी में जोश गायब नजारा आटा है.सालों से Cricket Association of Uttarakhand के बदनाम ओहदेदारों के Yes Man की छाप से चिपके रहने की उनकी छवि-प्रतिष्ठा अब उनके आड़े आ रही है.उत्तराखंड क्रिकेट पर कालिख उनके President रहने के दौरान ही खुल के पुती.उनके राज में नाबालिग महिला क्रिकेटरों के यौन शोषण-युवा और प्रतिभावान क्रिकेटरों से घूसखोरी-रंगदारी-जान से मारने की धमकी के मुक़दमे के मामले इस कदर उछले कि आज देश भर में उत्तराखंड क्रिकेट का नाम नकारात्मक भाव में लिया जाता है.
वह हाल ही में 70 साल की उम्र हो जाने के बाद अध्यक्ष की कुर्सी से रिटायर हुए.ये कम बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं हो सकता कि खुद कांग्रेस के आज के State President करण माहरा ने MLA रहते गैरसैण विधानसभा सत्र में क्रिकेट में घोटालों और धांधलियों को जोर-शोर से उठाया था.उस पर BJP सरकार (तब त्रिवेंद्र सिंह रावत CM थे) ने जांच बिठा दी थी.गुनसोला और CaU के सचिव माहिम वर्मा के करीबी क्रिकेट की दुनिया के घोटालेबाज-यौन उत्पीड़न के आरोपी या तो जेल में हैं या फिर जमानत पर.BJP अगर ढंग से इन मुद्दों को चुनाव में दमदार ढंग से उठाती है तो कांग्रेस के लिए टिहरी सीट पर मुकाबले में बने रहना बेहद टेढ़ी खीर साबित होगा.
गुनसोला का टिकट मिलना कांग्रेस के कई अन्य दमदारों को हताश करने वाला भी कहा जा सकता है.टिहरी के Voters के साथ सिर्फ सहानुभूति जताई जा सकती है.वह इसलिए कि BJP ने इस सीट पर फिर उन महारानी माला राज्यलक्ष्मी को फिर उतारा है, जिनको लापतागंज की महारानी कहा जा रहा था.वह चुनाव के चुनाव ही दिखाई देने की अपने ससुर दिवंगत मानवेन्द्र शाह की परंपरा को कायम रखी हुई हैं.बोलने वाले भगवान बद्रीनाथ के नाम पर मिलने वाले वोटों का बैंक और BJP में राजा-महाराजों की सशक्त लॉबी का मजबूत समर्थन उनके फिर टिकट ले उड़ने में काम आया.
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भी दोनों कम सक्रिय चेहरों के बीच चुनावी जंग है.BJP के MP अजय टम्टा और पूर्व MP कांग्रेस के प्रदीप टम्टा एक-दूसरे का धुंआ निकालने का दम अपने दम पर तो नहीं रखते हैं.AT को मोदी-पुष्कर का तो PT को राहुल का मजबूत सहारा पाना विजय के लिए जरूरी है.नैनीताल में कांग्रेस का टिकट किसी को नहीं मिला है.वहां BJP ने मजबूत चेहरे अजय भट्ट को बहुत पहले उतार के अग्रता ले ली है.हरिद्वार में BJP के त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ कांग्रेस किसको टिकट देगी, इसकी भी बेकरारी से इन्तजार सभी को है.
पूर्व CM हरीश रावत या उनके पुत्र या फिर निर्दलीय उमेश शर्मा को कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर अटकलों में जगह दी जा रही है.इस सीट पर त्रिवेंद्र को जोरदार मेहनत करनी होगी.कांग्रेस का टिकट जिसको भी मिले.यहाँ BJP के कई बड़े-बड़े सूबेदार-जमींदारों से ले के मनसबदार तक हैं.वे अपनी छोटी-बड़ी फ़ौज के साथ चुनावी जंग में मीर जाफरी कर देते हैं तो अचम्भा नहीं होगा.फैसला जो भी निकले.अलबत्ता, ये जरूर माना जा रहा ही हरिद्वार और नैनीताल सीट पर कांग्रेस जितना देर प्रत्याशी उतारने में करेगी, उसको चुनावी समर में उतना ही बड़ा नुक्सान उठाना पड़ सकता है.