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हजारों करोड़ के तोहफे::देवभूमि को हर्षिल-मुखबा प्रवास पर आने से एक दिन पहले PM मोदी ने दी 2 बड़ी सौगातें:केदारनाथ व हेमकुंड Rope Way को केंद्रीय Cabinet ने दी मंजूरी:CM पुष्कर ने प्रधानमंत्री का-हेमकुंड समिति ने मुख्यमंत्री को कहा Thank You-आभार

दिल्ली दौरे पर PSD ने दोनों Project पर मोदी से की थी गुजारिश

Chetan Gurung

उत्तरकाशी के हर्षिल-मुखबा शीतकालीन प्रवास पर आने से ऐन एक दिन पहले PM नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक में सोनप्रयाग-केदारनाथ और गोविन्दघाट-हेमकुंड साहिब के लिए Rope Way Project को मंजूरी दिला के एक साथ हजारों करोड़ रुपये के 2 अहम तोहफे देवभूमि को नजर किए। CM पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली दौरे में मोदी से दोनों Projects और शीतकालीन प्रवास के लिए खास तौर पर गुजारिश की थी।

 

 

CM पुष्कर सिंह धामी को उनकी गुजारिशों पर PM नरेंद्र मोदी ने कभी निराश नहीं किया है

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मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों Projects के चालू होने पर श्रद्धालुओं को दर्शन में काफी सुगमता होगी। केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक मंजूरी दी। 4,081.28 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे। इसको PPP Mode (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) में विकसित करने की योजना है। यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) तकनीक पर आधारित होगा।

इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति  (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाएगी। इसके चालू होने से एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटकर लगभग 36 मिनट रह जाएगा। वर्तमान में केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी और हेलीकॉप्टर से किया जाता है।

प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उत्तराखंड  के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) तक रोपवे परियोजना के विकास में 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है।  इसे भी पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।

Rope-Way गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच हर मौसम में अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। इसको भी PPP मोड में विकसित करने की योजना है। यह Electric Cable Transport गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा। घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक से जोड़ा जाएगा।

इसका डिजाइन इस तरीके से तैयार किया जाएगा जिससे इसकी क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री (PPHPD) होगी। यह प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाएगा। हेमकुंड साहिब जी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थल है। इस पवित्र स्थल पर स्थापित गुरुद्वारा मई से सितम्बर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुला रहता है। हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।

हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने रोपवे स्वीकृति के लिए BJP की डबल इंजन सरकार और PM तथा CM का खास तौर पर आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद जताया। Trust के Chairman नरेन्द्र्जीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि रोप-वे निर्माण से उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी अधिक मिलेंगे।

 

 

 

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