Big Story::पारस `पुष्कर”! जिन लोकसभा सीटों पर प्रचार किया,वहां 26 में मोर्चा फतह:अब तमाम को मंत्रिपरिषद में जगह:अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से MP अजय टम्टा फिर Team Modi में:3.O में MoS:जातीय समीकरण-CM के Good Books में शुमार होने का मिला फायदा
उत्तराखंड में BJP को 100 फ़ीसदी Strike Rate से कामयाबी का बतौर राज्यमंत्री मिला तोहफा:पुष्कर ने दी टम्टा को बधाई

Chetan Gurung
BJP प्रत्याशियों के लिए लोकसभा चुनाव में CM पुष्कर सिंह धामी खासे Lucky और पारस साबित हुए.10 ऐसे नए चेहरों को Modi-3.O सरकार में जगह मिल रही है, जिनके लिए PSD ने मोदी के साए तले जीत-तोड़ मेहनत करते हुए जम के प्रचार किया था.कामयाबी में 100 फ़ीसदी Strike Rate निकालने वाले उत्तराखंड से अजय टम्टा को बतौर राज्यमंत्री ईनाम दिया जा रहा है.उनको जातीय समीकरण और PSD के Good Books में शुमार होने का फायदा मिल रहा है.वह आज शाम को शपथ लेने के लिए चुने गए मंत्रियों की PM मोदी की तरफ से दी गई चाय पार्टी में मौजूद थे.राज्य के बाकी 4 MPs की Train छूट गई.उनको मोदी सरकार में Birth नहीं मिल पाई.PSD ने टम्टा को आज नई पारी के लिए गुलदस्ता और बधाई दी.
आज सुबह PM मोदी के आवास पर नए मंत्रिपरिषद सदस्यों के साथ अजय टम्टा
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अजय भट्ट को इस बार उनके ही नामराशि ने मंत्री की लड़ाई में पीछे छोड़ा
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पुष्कर ने 43 सीटों पर देश भर में प्रचार किया था.इनमें से 26 सीटों पर BJP के हिस्से फतह आई.इनमें अजय टम्टा के साथ ही दिग्गज राजनाथ सिंह-हर्ष मल्होत्रा-कमलजीत सहरावत-कृष्णपाल-मनोहरलाल खट्टर-राव इंदरजीत सिंह-रवनीत सिंह बिट्टू-पियुष गोयल-G कृष्ण रेड्डी को मोदी मंत्रिपरिषद में जगह दी जा रही है.ख़ास बात ये है कि बिट्टू जीत नहीं पाए.फिर भी उनको मंत्री बनाया जा रहा है.वह लुधियाना सीट पर लड़े थे.
मोदी सरकार में राज्यमंत्री बन रहे अजय टम्टा को CM पुष्कर सिंह धामी के खासे करीबियों में शुमार किया जाता है
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उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल है जहाँ लोगों ने नरेंद्र मोदी को फिर और तीसरी बार PM बनाने के वास्ते BJP को 100 प्रतिशत सीटें दीं.मोदी फिर से PM की Branding करने में पुष्कर ने जी जान लगा दिया था.इस बार गठबंधन की सरकार होने के नाते इसके आसार हलके लग रहे थे कि उत्तराखंड को मोदी मंत्रिपरिषद में जगह शायद ही मिल पाएगी.
त्रिवेंद्र सिंह रावत (ऊपर) और अनिल बलूनी (नीचे) के भी नाम मंत्रिपरिषद के लिए संभावितों में लिए जा रहे थे
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देवभूमि में टम्टा दलितों में प्रमुख और बड़े चेहरे के तौर पर उभरे हैं.इसके साथ ही मुख्यमंत्री के करीबियों में शामिल माने जाते हैं.उनको MoS के लिए चुने जाने के दौरान ये पहलू निस्संदेह काम आए.जातीय समीकरण को केंद्र की नई सरकार में खासी तरजीह दी जा रही है. टम्टा ने इस पहलू के बिना पर राज्य के 4 अन्य MPs अजय भट्ट-माला राज्यलक्ष्मी-अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत को मंत्री बनने की होड़ में पीछे छोड़ने में सफलता पाई.
AT पहले भी केंद्र में राज्यमंत्री रह चुके हैं.मोदी को उनके कामकाज और प्रतिष्ठा के बारे पूरी जानकारी है.टम्टा को इसका भी फायदा अतिरिक्त तौर पर मिला कि PM मोदी के दिल में उत्तराखंड के लिए विशेष जगह है.वह देवभूमि में निरंतर आते हैं.बद्रीनाथ-केदारनाथ-आदि कैलाश में उनकी अपार श्रद्धा है.आदि कैलाश टम्टा के अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट में ही है.एक समीकरण और उनके हक़ में गया.भट्ट अगर अब मंत्री बनते तो Cabinet में डालने की कुछ मजबूरी होती.
वह पिछली मोदी सरकार में भी राज्यमंत्री थे.बलूनी को राज्यमंत्री भी बनाते तो स्वतंत्र प्रभार देना पड़ता.माला राज्यलक्ष्मी इतनी वरिष्ठ हैं कि सीधे Cabinet में शामिल करने से कम वह खुद न मानतीं.त्रिवेंद्र CM रह चुके हैं.उनको भी Cabinet में ही लाना पड़ता.भले वह बलूनी की तरह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और जीते.टम्टा को ले के मोदी ने सारे समीकरण एक साथ साध लिए.