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Catch The Rain पर ACS आनंदबर्द्धन का फरमान,`हर जिले में बनाएँ Action Plan’:10 दिनों में Report संग पेश होने की हिदायत विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों-आम लोगों को भी अभियान से जोड़ने की दरकार जताई

Chetan Gurung

ACS (अपर मुख्य सचिव) आनंदवर्द्धन ने आज सचिवालय में जल संरक्षण अभियान, Catch The Rain-2025 की समीक्षा बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष के कार्यों का Feed Back लेने के साथ ही निर्देश दिए कि आगामी- 2025-26 के कैंपेन की कार्य योजना अभी से बनाने में जुट जाएँ। 10 दिनों में अवधि के भीतर जनपदीय SARA (स्प्रिंग हैंड एंड रिवर रिजुवनेशन एजेंसी) कमेटियों की बैठक कर ली जाए। आगामी बैठक में प्रस्तावों और सुझावों सहित कार्ययोजना को प्रस्तुत करें।

ACS Anand barddhan

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उन्होंने जल स्रोतों व जल निकायों के पुनर्जीवन और जल संचय के कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय जल संरक्षण बोर्ड, NIH और IIT-रुड़की से भी तकनीकी मार्गदर्शन लेने-अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों और आम जनमानस को क्षमता विकास और कार्यशाला से जोड़ने को कहा।

उन्होंने निर्देश दिए कि पूर्व में बनाए गए जल निकायों व अमृत सरोवरों का भी एक बार फिर से सर्वेक्षण किया जाए तथा उसमें किसी भी तरह का सुधार जरूरी हो तो उसका भी प्रस्ताव बनाना सुनिश्चित करें। सभी जनपदों को जल संरक्षण और कैच द रेन से संबंधित बड़े प्रोजेक्ट के भी प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (राज्य स्तर कमेटी) नीना ग्रेवाल ने जल संरक्षण अभियान – 2025- 26 की कार्ययोजना प्रस्तुत की।  उन्होंने बताया कि इस वर्ष जल संरक्षण अभियान में धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा  थीम पर जन भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सूख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिहनीकरण करने के लिए -भगीरथ एप- के माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि Q – R कोड से प्रत्येक नागरिक भागीरथ अप के माध्यम से अपने गांव के जल स्रोतों की सूचना भेज सकेगा। जल्द ही इस ऐप को लॉन्च किया जाएगा। पहले चरण में सारा की प्राथमिकता के आधार पर 2000 जल स्रोतों के जल संरक्षण क्षेत्र की पहचान कर उपचार की खातिर शत-प्रतिशत धनराशि कार्यदाई विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी।

सारा कंपनी भी कन्वर्जन के माध्यम से 50 फीसदी धनराशि सहायक नदियों एवं धाराओं के तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार पर उपचार गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।  बैठक में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय, उपनिदेशक सारा (स्टेट सेंटर N  S बर्फाल), उपनिदेशक (उत्तराखंड क्लाइमेट रेस्पॉन्सिव रेनफेड फार्मिंग प्रोजेक्ट) के उपनिदेशक SK उपाध्याय,  प्रोजेक्ट संयोजक सुधा तोमर सहित सारा की राज्य स्तर टीम उपस्थित थी।

 

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