आजकल!!!बेतुकी हरकतों-जुबान से आफत बन रहे मंत्री! CM पुष्कर के लिए सहयोगी कम सिरदर्द अधिक! Cabinet फेरबदल हुआ तो नपेंगे कई चेहरे!
मंत्री प्रेमचंद के Assembly में बोल-बचन विवाद ने नहीं दिया जश्न का मौका:National Games की कामयाबी-कठोर Land Laws-पहली बार 1 लाख करोड़ के बजट की खुशी मनाने के मौके पर फेरा पानी

Chetan Gurung
सरकार-सियासी मोर्चे पर CM पुष्कर सिंह धामी ने अपने झंडे लगातार गाड़े हैं लेकिन उनके Cabinet में मौजूद तमाम चेहरे सरकार के कामकाज में हाथ बंटाने के बजाए PSD की बड़ी और अहम उपलब्धियों-मेहनत पर पानी फेरने में अधिक खुश-व्यस्त दिखाई दे रहे। PSD को मंत्रियों से मदद तो Zero या नाममात्र की मिलती दिख रही लेकिन सिर दर्द खूब मिल रहा। BJP आला क्मान के पास पूरी रिपोर्ट है। खुफिया सूत्रों की माने तो Cabinet फेरबदल मुमकिन है। कई विवादित चेहरों की छुट्टी कर सिरदर्द से हमेशा की मुक्ति पाने पर विचार किया जा सकता है। Assembly में संसदीय कार्य और Finance Minister प्रेमचंद अग्रवाल के बजट सत्र के दौरान विवादित बोल-बचन ने उत्तराखंड सरकार को 38वें National Games के ऐतिहासिक कामयाबी की खुशी भी मनाने नहीं दिया। न ही पहली बार उत्तराखंड सरकार का बजट 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का पेश किए जाने और कठोर Land Laws को पास करने के एतिहासिक पल को ही ढंग से भुनाने दिया।
CM पुष्कर सिंह धामी के साथ 1 लाख करोड़ रूपये का Budget पहली बार पेश करने आए Finance Minister प्रेमचंद अग्रवाल (बाएँ) के बोल-बचन ने विपक्ष को हमलावर होने का मौका दिया
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पुष्कर ने बतौर CM नकल विरोधी कानून-UCC-धर्मांतरण समेत तमाम बड़े फैसलों को अमल में ला के उत्तराखंड को देश भर में सुर्खियां दी है। सियासी जुबान में बोले तो डंका बजाया है। वह जिन राज्यों या सीटों पर लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों के दौरान Star Campaigner की हैसियत से गए, वहाँ कमल का फूल कमाल भरे अंदाज में हैरतअंगेज़ तरीके से उगा। उनका विजयी Strike Rate भी गज़ब का रहा। अपनी सरकार के बड़े-अहम फैसलों की झड़ी के साथ ही BJP के लिए राजनीतिक मोर्चे पर सफल ढंग से ज़िम्मेदारी निभाने का नतीजा है कि वह आज की तवारीख में PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह की आँख के तारे समझे जाते हैं। उनके ऐसे कदमों को केंद्र सरकार भी अपना रही है, जिसको उत्तराखंड में अमल में लाया जा चुका है।
मंत्रियों में रेखा आर्य ने National Games सरीखे ऐतिहासिक आयोजन में CM पुष्कर सिंह धामी का जम के साथ निभाया
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PSD देश भर में BJP के इकलौते मुख्यमंत्री हैं, जो किसी विवाद और बाधाओं से मुक्त हैं। मोदी-शाह इसके चलते उनको बहुत तवज्जो देते साफ नजर आते हैं। पुष्कर को दिक्कत ऊपर से न हो के नीचे से आ रही। उनके तमाम मंत्रियों को ले के लोगों में नाखुशी और असंतोष का आलम है। अधिकांश मंत्रियों की ख्याति और छवि-प्रतिष्ठा BJP के लिए घातक साबित हो तो अचंभा नहीं होगा। उनकी हैसियत और काबिलियत का आलम ये है कि खुद मुख्यमंत्री ने मोर्चा अकेले दम न संभाला होता तो कई मंत्रियों के क्षेत्र में Local Bodies Elections के दौरान कमल का खिलना ना-मुमकिन होता। चुनावों में सरकार के मुखिया रात-दिन दौड़ते नजर आए और मंत्री बेपरवाह। इसके चलते कुछ सीट मंत्री के वहीं से होने के बावजूद BJP के हाथ से फिसल गई।
मंत्रियों में कुछ सिवाय विवादों के सरताज साबित होने के कुछ नहीं कर रहे। प्रेमचंद अग्रवाल ने Budget सत्र के दौरान विधानसभा में ऐसा अलंकार इस्तेमाल किया कि उनकी सफाई और खुद मुख्यमंत्री-Speaker की तरफ से बयान आने के बावजूद उनके मुख से निकला शब्द दावानल साबित हो रहा। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने ऐसी चिट्ठी लिख दी है, जो उनकी पार्टी के MLA मुन्ना सिंह चौहान को परेशान कर रही। खुद विधानसभा अध्यक्ष भी Congress के लखपत बुटोला पर आक्रामक होने के मामले में आलोचकों के निशाने पर हैं। कम से कम 2 चर्चित मंत्री ऐसे हैं, जो हमेशा ही सरकार-पार्टी और मुख्यमंत्री के लिए आफत बने हुए हैं। उनके तमाम निर्णय सरकार के लिए नकारात्मक साबित होते रहे हैं।
ये वे चेहरे और नाम हैं, जिनके चलते BJP के लिए पिछले Assembly Election में फतह की राह पर आना शायद ही मुमकिन हो पाता। सरकार में BJP के बने रहने का श्रेय तब भी PSD के खाते में गया था। हाल के दिनों में देखा जाए तो सिर्फ खेल मंत्री रेखा आर्य की TRP बढ़ी है। मुख्यमंत्री को हाल के दिनों में रेखा से National Games के दौरान भरपूर मदद मिली। पुष्कर की अगुवाई में हुए 38वें उत्तराखंड NG को देश भर में जोरदार तारीफ मिली। खेल समीक्षकों-Olympians-IoA और उसकी President PT उषा ने इस NG को बेहिचक राष्ट्रीय खेल इतिहास का सफलतम करार दिया गया। CM ने NG की Dates लेने और खेलों की शुरुआत से ले के समापन तक की क्मान खुद संभाली। रेखा ने भी सांस लिए बिना उनका जम के साथ निभाया। खास पहलू ये है कि NG सरीखे व्यापक-ऐतिहासिक आयोजन के बावजूद सरकार पर एक अंगुली नहीं उठी है।
विधानसभा में Congress के यशपाल आर्य ने बाहरी खिलाड़ियों को उत्तराखंड से खिलाने का जो मुद्दा उठाया, उसमें भी बहुत दम नहीं है। खिलाड़ियों को खेलने देने और खिलाने का पूरा अधिकार खेल संघों-Federations के पास हैं। किसी भी राज्य या टीम के खिलाड़ी को खिलाने के उनके अपने नियम-मानक हैं। उनको पूरा करने वालों को खेलने से रोका नहीं जा सकता है। देश भर में खिलाड़ी अपनी पसंद के राज्य से खेलते रहे हैं। उत्तराखंड की हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया UP से और Cricketer ऋषभ पंत दिल्ली से खेलते हैं। दोनों हरिद्वार के हैं। यहीं उनके घर-परिवार हैं। पुष्कर के लिए इतना काफी होगा कि मंत्री उनकी मदद भले न करे लेकिन उल्टे-सीधे बोल-बचन-हरकतों से ही बचते रहें। विधानसभा के चुनाव अब पौन साल रह गए हैं। मंत्रियों का आलम यूं ही रहा तो BJP के लिए चुनावी समर भूमि में बहुत दिक्कतें आ सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक मोदी-शाह के पास मंत्रियों की कुंडली है। कभी भी उनका राजयोग खत्म हो जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। सियासी समीक्षकों के मुताबिक पुष्कर को पहले और दूसरे कार्यकाल में उनकी पसंद का मंत्रिमंडल नहीं मिला है। वह जो मिला उसी से अपने बूते काम चला रहे। अब मंत्रिमंडल फेरबदल होता है तो मोदी-शाह से मंत्रियों के Selection में PSD की राय और इच्छा को तवज्जो दिया जा सकता है। Party High Command को अच्छी तरह मालूम है कि मंत्रियों में दम नहीं है। Election सिर्फ मोदी-शाह के नाम-रणनीति और पुष्कर की मेहनत-उपलब्धियों पर ही फतह की जा सकती है। संभावना भी जतलाई जा रही है कि शायद फेरबदल हो जाए। 3 खाली सीटों पर नए चेहरे भले न बिठाए जाएँ लेकिन भरी सीटों को खाली कर उन पर नए चेहरों को बैठा के अगले Assembly Elections को ले के पार्टी में शीर्ष स्तर पर रणनीति अभी से बनाई जा सकती है।