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Big Breaking::नए-कड़क Land Laws (उत्तराखण्ड-उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) संशोधन विधेयक को विधानसभा की मंजूरी:ध्वनिमत से पास:CM पुष्कर ने कहा,`हमारा संकल्प देवभूमि के संसाधनों-ज़मीनों को Mafia से बचाना’

छोटे-बड़े Land Maifa-Builders-दलालों में खलबली:BJP Chief महेंद्र Bhatt ने कहा,`अब आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बन सकेगा'

Chetan Gurung

CM पुष्कर सिंह धामी के स्वप्निल संकल्पों में शुमार नया Land laws Bill (उत्तराखण्ड,उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 (संशोधन) विधेयक, 2025) आज बजट सत्र के दौरान विधानसभा में ध्वनिमत से बिना किसी हील-हुज्जत के मंजूर हो गया। PSD ने बाद में कहा कि उनका संकल्प देवभूमि की जल-जंगल-जमीन को Land Mafia से बचाना है। नए भूमि कानून ने Mafia-Builders-दलालों में खलबली मचा डाली है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अब आंदोलनकारी शहीदों के सपनों के मुताबिक नए उत्तराखंड का निर्माण किया जा सकेगा।

उन्होंने चर्चा के दौरान सदन में कहा कि यह संशोधन भू-सुधारों का अंत न हो के नई ठोस  शुरुआत है। राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू-सुधारों की नींव रखी है। भू-प्रबंधन एवं भू-सुधार पर आगे भी फैसले और क्रियान्वयन के कार्य होते रहेंगे। राज्य सरकार ने अवाम की भावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है।

उन्होंने कहा,`जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ है। ये चिंता हमेशा मन में थी। उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। दोनों की भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग हैं। जब से अब दिवंगत हो गए PM अटल बिहारी वाजपाई ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन / कानून में  सरकार ने सभी को समाहित किया है।‘

PSD ने आगे कहा,`कुछ वर्षों से देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोग विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीद रहे थे। नए भू-प्रबंधन एवं भू-सुधार कानून से इस पर पूरी तरह लगाम लगेगी। साथ ही असली निवेशकों और भू-माफिया के बीच का अंतर भी साफ होगा।‘ राज्य सरकार ने गुजरे सालों में बड़े पैमाने पर वन भूमि और सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार उनकी सरकार ने किया है। इससे Ecology-Economy में संतुलन और दोनों के संरक्षण को बल मिला है’।

CM पुष्कर ने कहा कि कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन के लिए खरीद की अनुमति कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी। उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर दिया गया है। हरिद्वार और उधम सिंह नगर में भी सिर्फ राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को भी 11 जनपदों में समाप्त कर दिया गया है। अपना घर बनाने के लिए 250 वर्ग मीटर भूमि की खरीद के लिए भी शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि पर राज्य सरकार का स्वतः कब्जा हो जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे भी समाप्त कर दिया गया है। ये अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी। नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेक होल्डर से विचार लिए गए। सभी के सुझाव और अनुरोध पर ये कानून बनाया गया है। इस कानून से उत्तराखंड राज्य का मूल स्वरूप-मूल अस्तित्व बचा रहेगा। राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन के लिए राज्य सरकार एवं कलेक्टर के स्तर से कुल 1883 भूमि खरीद  की अनुमति प्रदान की गई है। 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण प्रकाश में आए हैं। 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे भूमि राज्य सरकार में निहित की जा चुकी है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधायक उमेश शर्मा काऊ, महंत दिलीप रावत, प्रमोद नैनवाल, रेणु बिष्ट, सुरेश चौहान, राम सिंह कैड़ा,  महेश जीना, राजकुमार,  अनिल नौटियाल सहित अन्य विधायकों ने विधानसभा भवन में भेंट कर भूमि विधेयक पास होने पर बधाई दी और आभार जताया।

BJP के प्रदेश अध्यक्ष और MP महेंद्र भट्ट ने भी नया Land Laws Bill विधानसभा में पास होने पर CM को बधाई देते हुए कहा कि अब उत्तराखंड की पवित्र धरती पर कोई गलत निगाह नहीं डाल पाएगा। इस कानून के लिए वह मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हैं। अब सरकार और BJP राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के मुताबिक उत्तराखंड का निर्माण कर सकेंगे।

नए भूमि कानून से ज़मीनों के धंधों से जुड़े छोटे-बड़े-मँझोले माफिया-दलाल-Builders में मुख्यमंत्री के नए भूमि कानून और तेवरों से  जबर्दस्त खलबली का आलम है। अलग-अलग धंधों और कारोबार से जुड़े तमाम ऐसे लोग भी बेचैन और हड़बड़ाए हुए हैं, जिनके पास किसी न किसी किस्म से जमीन 250 गज से अधिक है या फिर उन पर स्वामित्व किसी अन्य के नाम से है, और उनके पास कब्जा भर है। उम्मीद की जा रही है कि उधम सिंह नगर और हरिद्वार के अलावा अन्य जिलों में अब ज़मीनों की लगातार आसमान की ऊंचाई छू रही ज़मीनों की कीमतों की रफ्तार में धीमापन आएगा। ज़मीनों को बाहरियों के हाथों जाने से कुछ हद तक रोक लगेगी।

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