उत्तराखंडदेशराजनीतिराष्ट्रीय

Big Story::हर लोकसभा सीट फतह कर ताकतवर बन उभरे CM पुष्कर लेकिन MPs का मंत्रिपरिषद के लिए दावा कितना मजबूत?गठबंधन सरकार में एक राज्यमंत्री की Window तलाशना भी मुश्किल चुनौती

मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल होता है तो PSD को मिल सकती है कुछ आजादी! 8-9 चेहरे हो सकेंगे अन्दर-बाहर

Chetan Gurung

लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की हर सीट फतह कर CM पुष्कर बेहद ताकतवर-BJP के नए भरोसेमंद चेहरे बन के उभरे लेकिन इस पहलू पर शक पैदा हो रहा है कि राज्य से केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में किसी को जगह मिल भी पाएगी या सभी के हाथ निराशा लग सकती है.ये भी कयास और सम्भावना का बाजार सुर्ख होने लग रहा है कि उत्तराखंड मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार मुमकिन है!ऐसा हुआ तो PSD को इसमें खासी आजादी फैसला करने में मिल सकती है.ये भी कहा जा सकता है कि एकाध को छोड़ बाकी मंत्रियों के दिल की धड़कन वाकई बढ़ी होनी चाहिए.

Ajay Bhatt

————-


Anil Baluni


Trivendra Singh Rawat


Mala Rajyalakshmi (Left)


Ajay Tamta

——————-

पुष्कर का इस्तेमाल BJP आला कमान ने लोकसभा चुनाव में सितारा प्रचारक के तौर पर खुल के किया लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने लोकप्रियता के मामले में पूरे चुनाव अभियान के दौरान Super Star वाली मशहूरी पाई.वह 20 राज्यों में प्रचार के लिए घूमे.उत्तराखंड में उन्होंने सफलता के मामले में 100 फ़ीसदी Strike Rate निकाला तो अन्य राज्यों में भी अधिकांश वे सीटें जीतने में BJP कामयाब रहीं, जहाँ वह तेज धूप-गर्मी में घनघोर प्रचार के लिए पहुंचे थे.चुनाव के बाद नतीजे BJP के हक़ में अकेले बहुमत के तौर पर भले नहीं आया लेकिन लेकिन PSD ने जोरदार नतीजे निकाल के अपनी TRP के साथ ही पार्टी के भीतर अपना वजन खासा बढ़ा लिया.

इस चुनाव में BJP शासित राज्यों के CMs या तो अस्तित्वहीन दिखाई दिए या फिर सितारा प्रचारक की भूमिका वे उस ढंग से निभा नहीं पाए, जैसा पुष्कर करने में सफल रहे.BJP की दूसरी पंक्ति के अग्रणी नेताओं में शुमार होने के बाद ऐसा महसूस होने लगा है कि PSD भी अग्रिम पांत में जगह बनाने के बेहद करीब हैं.उन्होंने अंकिता भंडारी मौत काण्ड के बावजूद एक बेहद चुनौतीभरी सीट मानी जा रही पौड़ी लोकसभा की जंग में अपने प्रत्याशी अनिल बलूनी को अच्छे-खासे अंतर से Congress के उस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के खिलाफ विजयी बनाने में सफ़र रहे, जो चुनाव के दौरान लोकप्रियता के घोड़े पर सवार हो चुके थे.पुष्कर ने बार-बार पौड़ी सीट का दौरा कर अवाम को बलूनी के हक़ में तैयार कर दिया था.

राजस्थान-हरियाणा-गुजरात तक में BJP 100 फ़ीसदी का Strike Rate नहीं निकाल पाई और UP में निराशा हाथ लगी लेकिन पुष्कर ने उत्तराखंड में एक सीट तक छिटकने ने नहीं दी.कम से कम 4 सीटों को ले के कयासों का बाजार गर्म था कि BJP को वहां खाली हाथ रहना पड़ सकता है.पुष्कर ने ये सब कोरी अफवाह और अंदाज भर साबित कर दिखाया.उन्होंने मोदी-शाह के साए में इतनी ऊर्जा और रात-दिन की मेहनत के साथ खुद को झोंक दिया कि उत्तराखंड के हर सीट पर शानदार विजय BJP के हिस्से आई.अब अगली बहस इस पर हो रही कि उत्तराखंड से केंद्र सरकार में किसको जगह मिलेगी या फिर मिलेगी भी या नहीं!पिछली मोदी सरकार में अजय भट्ट राज्यमंत्री थे.उस वक्त PM नरेंद्र मोदी के पास सीटों की कमी नहीं थी.पूरी बहुमत की सरकार को चला रहे थे.भले NDA की सरकार नाम भर की थी.

इस बार ऐसा नहीं है.BJP के पास पूर्ण बहुमत नहीं है.गठबंधन वालों को भी मंत्रिपरिषद में जगह देनी है.ऐसे में उत्तराखंड को केंद्र सरकार में हिस्सेदारी मिलती है तो ये भी किसी उपलब्धि से कम नहीं होगी.किसी को मंत्री की कुर्सी मिलती है तो वह चेहरा कौन होगा!अगला बड़ा सवाल ये है.क्या अजय भट्ट को फिर और लगातार दूसरी बार मंत्री बनाया जा सकता है!मोदी-शाह-नड्डा के करीबी बलूनी क्या भट्ट पर भारी पड़ सकते हैं!पहले राज्यमंत्री रह चुके अजय टम्टा को क्या फिर मौका मिल सकता है?बार-बार जीत के भी खाली हाथ रहने वाली महारानी माला राज्यलक्ष्मी को इस बार मंत्रिपरिषद में सीट दी जाएगी? CM की कुर्सी से हटाए जाने के बाद उपेक्षित रहे लेकिन छवि और प्रतिष्ठा के मामले में तकरीबन साफ़-सुथरे रहे First Timer MP त्रिवेंद्र सिंह रावत को मंत्री बनाया जाएगा!इसके लिए कुछ दिनों का इन्तजार करना होगा.

ये भी सम्भावना पैदा हो रही कि केंद्र में सियासी तस्वीर बदलने के बाद उत्तराखंड में CM पुष्कर को काफी हद तक आजादी मिलेगी.उनको मंत्रिमंडल में खाली 3 कुर्सियों को भरने के साथ ही फेरबदल करने और अपने हिसाब से मंत्रियों को चुनने की अधिक छूट मिल सकती है.उस सूरत में ये देखना होगा कि कम से 4 चेहरों को उनकी प्रतिष्ठा और छवि की कीमत पर मंत्रिमंडल से बाहर जाने का दरवाजा दिखाया जाएगा या नहीं!सुस्त प्रदर्शन वाले भी मंत्रिमंडल से विदा किए जाते हैं कि नहीं!ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन-कौन मंत्री कुर्सी बचा पाने में सफल रहेंगे.

मोटा अनुमान लगाया जा रहा है कि पुष्कर के पास कम से कम 8-9 नए चेहरों को मंत्रिमंडल या मंत्रिपरिषद में शामिल करने का मौक़ा हो सकता है.जाहिर है कि इनमें अधिकांश उनके अपने बेहद विश्वासपात्र होंगे.राजनीति में इस पहलू को बहुत तरजीह दी जाती है.मोदी और शाह को मंत्रियों में जल्दी फेरबदल न करने और सभी सीटों को भरने के बजाए कुछ खाली रखने में विश्वास रखने की नीति रखने वालों में शुमार किया जाता है.ताजा राजनीतिक हालात क्या उनको इस नीति में बदलाव के लिए राजी करेंगे?ये भी यक्ष प्रश्न है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button