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Exit Poll वाला नतीजा आया तो CM पुष्कर के बढ़े रुतबे का दिखेगा असर!मंत्रिमंडल में फेरबदल मुमकिन!Good Books से बाहर-खराब प्रदर्शन-छवि वालों पर गिरेगी गाज!

Superstar के अंदाज में लोकसभा चुनाव प्रचार में दिखाया जलवा:मोदी-शाह के सामने बढ़ी TRP!20 राज्यों में दिखाया BJP के लिए जलवा

ChetanGurung

लोकसभा चुनाव में Exit Poll के मुताबिक ही उत्तराखंड में भी नतीजा आता है तो पुष्कर मंत्रिमंडल के कई मंत्री तलवार की धार पर होंगे.CM के Good Books से बाहर-प्रदर्शन से छाप छोड़ पाने में नाकाम और खराब छवि वाले चेहरे मंत्रिमंडल से रुखसत हो जाएं तो ताज्जुब नहीं होगा.इसका फायदा पुष्कर ये होगा कि उनके बदले वह अपने कट्टर समर्थकों को मंत्री बना के कुछ नए प्रयोग भी कर सकेंगे.लोकसभा चुनाव में PSD ने Superstar वाली हैसियत PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह और आला कमान की नजरों में हासिल कर ली हो तो अचम्भा नहीं होगा.वह निश्चित तौर पर प्रचार अभियान के बाद अधिक मजबूत हो के उभरे हैं.उनकी हैसियत संगठन और मोदी-शाह की नजरों में बढ़ी है.

ये पुष्कर की प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता है कि मंत्रिमंडल में मन-मुताबिक चेहरे न होने के बावजूद वह अकेले दम कप्तानी पारी खेल के उत्तराखंड में सरकार-BJP को लगातार सुदृढ़ स्थिति में पहुंचा चुके हैं.कम से कम 4 मंत्री उनकी टीम में ऐसे हैं, जो उनके लिए सिरदर्द अधिक साबित होते रहे हैं.सियासी तौर पर इनमें से 3 की महत्वाकांक्षा से भी लोग अनजान नहीं हैं.कोई और मुख्यमंत्री होते तो इनमें से एक भी इस वक्त अपनी मौजूदा भूमिका में नहीं होते.वे न सिर्फ अपनी कार्यशैली से बल्कि अन्य किस्म के गंभीर आरोपों से भी आच्छादित आए दिन होते रहते हैं.

CM पुष्कर विवादों से दूर रहने और सभी से मिल जुल के काम निकालने में यकीन रखने वाले समझे जाते हैं.उनके पास हर मंत्री की पूरी जीवनी है.एक वक्त ऐसा भी आया था जब इन मंत्रियों की छंटनी अब हुई और तब हुई के हालात थे.PSD ने इस सूरत में भी अपनी तरफ़ से कोई कोशिश उनकी छुट्टी की नहीं की.इस पर वे बस किसी तरह बच गए.ये तकरीबन एक साल पहले की बात है.लोकसभा चुनाव के बाद हो सकता है कि अब मंत्रिमंडल में हेर-फेर हो जाए और उनको इस बार खुद को बचा पाना मुमकिन न हो सके.

PSD ने तकरीबन 3 साल के दौर में खुद को विवादों से बचाए रखते हुए भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार करने का माद्दा दिखाने में कोई हिचक नहीं दिखाई है.नक़ल क़ानून-UCC-धर्मान्तरण समेत तमाम कानून ले आ के उन्होंने देश भर में धूम मचाई है.आला कमान और मोदी-शाह-नड्डा-संघ की नजरों में उनकी बढ़ी हैसियत का नतीजा है कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने BJP के लिए गजब की सक्रियता के साथ सितारा प्रचारक के फर्ज को बखूबी अंजाम दिया.उनको दर्जा तो Star प्रचारक का दिया गया था लेकिन वह Super Star बन के प्रचार अभियान में उभरे.मोदी-शाह-संगठन की निगाहों में वह पहले से अधिक विश्वस्त-भरोसेमंद बन के उभरे हैं.

बड़े और कठोर फैसले लेने में पुष्कर किस कदर मजबूत हैं, इसकी ताजा मिसाल Builder बाबा साहनी Suicide Case में उन्होंने दी.दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा सरकार की लुटिया डुबो के भागे गुप्ता बंधुओं में सबसे बड़े अजय गुप्ता और उनके जीजा अनिल गुप्ता को उन्होंने चंद घंटों के भीतर हवालात फिर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.तब ये समझा जा रहा था कि आत्महत्या नोट में साफ़-साफ़ नाम होने के बावजूद दोनों गुप्ताओं पर उनके रसूख के चलते उत्तराखंड पुलिस शायद ही मजबूती से हाथ डाल पाएगी.इससे पहले भी कई बड़े मगरमच्छों-डायनासोरों को पुष्कर जेल भिजवा चुके हैं.

पुष्कर सरकार बहुत मजबूती से गुप्ता-बाबा साहनी मामले में एक के बाद एक सख्त कदम उठाए जा रही और कड़ा रुख अपनाए हुए है.PSD को ले के माना जाता है कि उन पर आला कमान-मोदी-शाह का बेशक बेहद भरोसा है लेकिन वह बिना उनको विश्वास में लिए कुछ भी बड़ा फैसला नहीं लेते हैं.इससे उनकी वकत और ताकत और बढ़ी है.इससे एक फायदा ये होता है कि कोई उनकी चुगली या शिकायत ऊपर करना चाहे तो उल्टे बांस बरेली वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है.ऐसी सूरत में पुष्कर अगर अपनी टीम में अब कुछ फेरबदल कर उसको और सशक्त और अधिक साफ़-सुथरी छवि-प्रतिष्ठा देने की इच्छा जताते हैं तो उनको ऊपर वालों की मंजूरी मिलने में शायद ही वक्त लगेगा.

कुछ मंत्रियों की हरकतों और फैसलों के चलते मुख्यमंत्री-सरकार-BJP को असहज स्थिति का सामना गाहे-बगाहे करना पड़ा है. उनसे पल्ला झाड़ के CM पुष्कर को दोहरा फायदा हो सकता है.सरकार की सूरत-सीरत साफ़ होगी.निजी-सियासी तौर पर उनके लिए हालात पहले से अधिक बेहतर होंगे.PSD चाहते तो ये मंत्री कभी के झटका खा चुके होते.आला कमान उनको बदल देने का मूड काफी पहले से बना के बैठा हुआ बताया जा रहा है.Exit Pole के मुताबिक उत्तराखंड में भी BJP सभी 5 सीटें अपनी झोली में डाल रही हैं.मोदी की ताकत-अमित शाह की सूझबूझ और पुष्कर की अद्भुत मेहनत का ये संगम होगा.

ऐसा हुआ तो पुष्कर बेहद ताकतवर हो जाएंगे.फिर वह जिन मंत्रियों के नाम के आगे स्याही का निशान लगाएँगे, उनको भूतपूर्व होना ही होगा.तब पुष्कर की Good Books में शुमार कम से कम 6-7 MLAs को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है.अभी 3 सीट पहले ही खाली है.फेरबदल का अहसास मंत्रियों और विधायकों को भी है.इसके चलते अब उनकी बेचैनी और दौड़-धूप-मक्खन मलाई लगाने का दौर तेज हो सकता है.

 

 

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