लोकसभा चुनाव!!BJP को फिर 2022 वाले तिलिस्म-करामात का इन्तजार!मोदी-शाह-पुष्कर की तिकड़ी के जलवे के भरोसे हर प्रत्याशी!Sitting MPs से लोग खुश नहीं लेकिन Edge हासिल!
त्रिवेंद्र-AB को सियासत में नए सिरे से धमाकेदार शुरुआत की दरकार:Phantom की माफिक भाबर-दर्रों-पहाड़ों-नदियों को लांघ रहे PSD

ChetanGurung
BJP और उसके प्रत्याशियों को उत्तराखंड में साल-2022 के विधानसभा चुनाव वाले तिलिस्म और करामात दोहराए जाने का बेसब्र इन्तजार और उम्मीद है.PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह और युवाओं के सरताज के तौर पर उभरे CM पुष्कर सिंह धामी की तिकड़ी पर उनको खुद से अधिक यकीन है.ख़ास पहलू ये है कि लोग Sitting MPs (टिहरी की महारानी मालाराज्यलक्ष्मी-नैनीताल के अजय भट्ट-अल्मोड़ा के अजय टम्टा) से संतुष्ट नहीं हैं लेकिन तीनों को इसी तिकड़ी के दमदार प्रभाव के चलते Edge मिला हुआ दिखता है.CM की जिम्मेदारी से अचानक मुक्त किए जाने के बाद करीब-करीब खाली बैठे त्रिवेंद्र सिंह रावत (हरिद्वार सीट) और अनिल बलूनी (पौड़ी सीट) को सियासत में नई धमाकेदार शुरुआत की दरकार है.
PM नरेंद्र मोदी (सबसे ऊपर) का भरोसा जीत चुके CM पुष्कर सिंह धामी आम लोगों (नीचे की फोटो) संग खुद को बाखूबी Connect कर रहे हैं
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पाँचों प्रत्याशियों के लिए मोदी-शाह के बेहद व्यस्त Schedule के चलते PSD को Phantom की तरह हर जगह पहुंचना पड़ रहा है. उनका कोई दिन ऐसा नहीं जा रहा रहा जब उनको पहाड़ों-नदियों-नालों-दर्रों-जंगलों-तराई-भाबर को नापना न पड़ रहा हो.लोगों से खुद को Connect करने की उनकी एक ख़ास अदा है.उनकी कोशिश लोगों के बीच खुद को बेटा-भाई-दोस्त के तौर पर पेश करने की रहती है.मोदी-शाह से इतर उन्होंने चुनाव प्रचार की लगाम अकेले दम संभाली हुई है.
पुष्कर पर BJP आला कमान के भरोसे की बड़ी वजह उनका विधानसभा के पिछले आम चुनाव में सत्तारूढ़ लेकिन पस्त-ध्वस्त दिख रही BJP को करिश्माई-ऐतिहासिक फतह दिलाना है.22 साल के राज्य के इतिहास में किसी पार्टी का सरकार में रहते हुए फिर विधानसभा के आम चुनाव को जीतने की ये पहली मिसाल थी.पुष्कर की खूबी ये भी है कि वह लोगों की पसंद-नापसंद को जल्द भांप लेते हैं.अवाम की नब्ज देखने के लिए उनसे बेहतर हकीम देवभूमि में कोई नहीं हुआ है.
PSD अपने आला कमान और मोदी-शाह-संघ की इच्छा-ईशारों को फ़ौरन भांप लेते हैं.उत्तराखंड में धर्मान्तरण कानून-नक़ल विरोधी कानून-UCC-अवैध अतिक्रमण से जुड़े सख्त-ठोस कदम उठा के उन्होंने अपने नेतृत्व और RSS को खुश किया हुआ है.ये कम बड़ी बात नहीं है कि उनकी पहल नक़ल विरोधी कानून (प्रतियोगी इम्तिहान वाला) और समान नागरिक संहिता (UCC) को PM मोदी-BJP ने देश भर में लागू करने का संकल्प दिखाया.वह उस दिशा में बढ़ते दिख रहे.
BJP ने हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव खराब प्रत्याशी चयन के चलते गंवाया.ऐसा राजनीति के कथित धुरंधरों का अनुमान है.उत्तराखंड में भी माना जा रहा है कि कि BJP अधिकांश सीटों पर अधिक बेहतर चेहरे दे सकती थी.पार्टी के ज्यादातर प्रत्याशियों में खुद का दम गायब है.पिछली बार से भी कम.वे नौका सिर्फ मोदी-शाह-पुष्कर के सहारे पार लग सकती है.उनकी तकदीर इसलिए भी बहुत अच्छी समझी जा रही है कि सबसे बड़े विपक्षी दल Congress ने प्रत्याशी चयन में उससे ज्यादा खराब प्रदर्शन किया.
ऐसा पहली बार हुआ है कि दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों को ले के कार्यकर्ताओं में ख़ास उत्साह नहीं है.वे सिर्फ पार्टी निष्ठा के चलते काम कर रहे हैं.टिहरी सीट पर महारानी की स्थिति अच्छी है.फिर भी सच ये है कि पार्टी में उनके नाम को ले के जोश का सागर नहीं है.कांग्रेस ने जोत सिंह गुनसोला को उनके सामने उतार दिया.यहीं वह बाजी मारती दिखीं.गुनसोला को खुद भी टिकट मिलने की उम्मीद शायद ही रही होगी.वह कुछ हफ्ते पहले तक उत्तराखंड क्रिकेट की विवादित-घोटालों-साजिश और मुक़दमेबाजी की दुनिया में उलझे हुए थे.HC में तमाम मुक़दमे उनकी कार्यकाल में ही लगे.
गुनसोला Cricket Association of Uttarakhand के अध्यक्ष की कुर्सी से विदा हुए तो लोकसभा चुनाव में कूद पड़े.ये कहा जा सकता है कि इस सीट पर आजाद प्रत्याशी बॉबी पंवार ने उनके मुकाबले कहीं अधिक लोकप्रियता बटोर ली है.इसका फायदा महारानी को मिल सकता है.बॉबी को चकराता के भविष्य के दिग्गज राजनेता के तौर पर अभी से देखा जाने लगा है.महज 26 साल के नौजवान बॉबी में कांग्रेस के प्रीतम सिंह और बीजेपी के मुन्ना सिंह चौहान-मधु चौहान की ताकतवर सल्तनत को गिराने या फिर उसमें सेंध लगाने का दम देखने लगे हैं.
बॉबी टिहरी सीट पर हकीकत में महारानी से नहीं बल्कि एक किस्म से मोदी-शाह-पुष्कर से टकरा रहे हैं.ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौतियों का हिमालयी पहाड़ मौजूद है.एक बात और!लोकसभा चुनाव नतीजे कमाल के रहने की सूरत में मुख्यमंत्री पुष्कर की TRP BJP और मोदी-शाह-संघ की नजरों में दुगुनी होनी तय है.ये नहीं भूलना चाहिए कि अब की चुनाव मोदी को तीसरी बार फिर PM बनाने के लिए है.इसमें जो भी बड़ा और अहम योगदान देगा उसका कद मोदी दरबार में बढ़ना ही है.
पुष्कर से इसीलिए मोदी ख़ास तौर पर उत्तराखंड में अधिक उम्मीद बांधे हुए हैं.ऐसा पार्टी और संघ के बड़े नम्बरदार-सरदार कर रहे हैं.एक-एक सीट बेहद अहम होने के दौर में उत्तराखंड की 5 सीटों की अहमियत बहुत अधिक बढ़ गई है.