
Chetan Gurung
Top Experts का मानना है कि शिक्षकों व Students को Scientists संग मिल के नए Ideas पर कार्य करने चाहिए।
Graphic Era Deemed University में आज डिवाइस इण्टैलिजेंस, कम्प्यूटिंग व संचार की नई तकनीकों पर 2 दिनी International Seminar में पहले दिन DRDO में प्रौद्योगिकी प्रबन्धन के DG LC मंगल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि आर्टिफिशियल इण्टैलिजेंस, सेंसर, डिजिटल, संचार प्रौद्योगिकी व अन्य तकनीकों को एक-दूसरे से जोड़कर नेटवर्क सोसायटी का निर्माण किया जा रहा है। एम्बेडेड सिस्टम पर आधारित उपकरण रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने कार्य कर रहे हैं। इन उपकरणों में जरूरत के हिसाब से बदलाव करके सैन्य क्षेत्र में उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सेंसर, तकनीकी कार्य व संचार को एक चिप में एकीकृत करके विभिन्न प्रयोग किए जा रहे हैं। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि लगभग सभी उपकरणों को आर्टिफिशियल इण्टैलिजेन्स से जोड़ा जा रहा है। यह चिकित्सा क्षेत्र में एआई संचालित एक्स-रे, इन्सुलिन, शरीर की गतिविधियों को मापने वाली मशीन, स्वचालित वाहन, थ्री-डी प्रिंटिग से बने प्रोस्थैटिक अंग, स्मार्ट घर, यातायात प्रणाली के प्रबन्धन जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।
भौतिकी विज्ञानी प्रो.RK सिन्हा ने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देकर विभिन्न समस्याओं का समाधन निकाला जा सकेगा। IIT-दिल्ली के प्रोफेसर मानव K. भटनागर ने 5-जी तकनीकों, IIT कानपुर के प्रोफेसर M जलीर अख्तर ने सस्टेनेबल इंजीनियरिंग की चुनौतियों, IIT रूड़की के प्रोफेसर सुदेब दास गुप्ता ने क्रायो-CMOS पर जानकारी साझा की।
सम्मेलन में स्मारिका का भी विमोचन किया गया। 76 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन का आयोजन इलैक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग ने किया। डीन रिसर्च प्रो. भास्कर पंत, डीन इण्टरनेशनल अफेयर्स प्रो. DR गंगोडकर, HoD प्रो. इरफानुल हसन के साथ डा. मृदुल गुप्ता, डा. अभय शर्मा, डा. चांदनी तिवारी, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी रांची के प्रो. संजय कुमार भी मौजूद रहे।
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Students ने सीखे शिपिंग-लॉजिस्टिक्स के गुर
Graphic Era के Students को शिपिंग व लॉजिस्टिक में करियर बनाने के लिए आज प्रोफेशनल्स ने इस क्षेत्र की बारीकियों से 2-4 कराया।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में भारत में शिपिंग व लॉजिस्टिक्स पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चार्टेड शिपब्रोकर्स संस्थान (आईसीएस) के इण्टरनैशनल वाईस चेयरमैन कृष्णन सुब्रमण्यम ने कहा कि लॉजिस्टिक्स में स्वच्छ इंधन का ट्रेंड चल रहा है। युवाओं-Students को इस क्षेत्र में ऊर्जा बाजार की जानकारी होना आवश्यक है।
स्किल प्लस, हांगकांग के डायरेक्टर जगमीत मक्कड़ ने कहा कि आयात-निर्यात मार्ग, भौगोलिक स्थिति, मौसम, नीतियां जैसी अन्य वजहों से व्यापार का पैटर्न प्रभावित होता है। ICS मुम्बई के चेयरमैन कैप्टन अशोक गोगिया ने कहा कि लॉजिस्टिक्स में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है। करियर बनाने के लिए लॉजिस्टिक्स का क्षेत्र बहुत रोचक है। इंटीग्रेटेड मरीनटाइम एक्सचेंज के सह-संस्थापक विकास गाडू ने लॉजिस्टिक्स में तकनीक की महत्वता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला का आयोजन ग्राफिक एरा के टेक्नोलाजी बिजनेस इन्क्यूबेटर (TBI) ने डिपार्टमेण्ट ऑफ मैनेजमेण्ट स्टडीज के सहयोग से किया। कार्यशाला में टीबीआइ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सरिश्मा डांगी, इन्क्यूबेटर मैनेजर हर्षवर्धन सिंह रावत के साथ डा. मनु शर्मा, अनुपमा सिंह, अभिषेक मिश्रा और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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लैब में तकनीकों का भविष्य देख रोमांचित हुए स्कूल के बच्चे
केन्द्रीय विद्यालय के छात्र-छात्रा ग्राफिक एरा की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में एयरोस्पेस, एआई व मशीन लर्निंग से सम्बन्धित तकनीकों की जानकारी लेने के दौरान रोमांचित नजर आए।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में साइंस एण्ड इंजीनियरिंग आउटरीच प्रोग्राम के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हाथी बड़कला केन्द्रीय विद्यालय न. 1 के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं में जाकर नवीनतम तकनीकों और उपकरणों को देखा व उनके बारे में विशेषज्ञों से जानकरी ली।
एयरोस्पेस माडलिंग लैब, सेंटर आॅफ एक्सिलेंस इंडस्ट्रियल रोबोट 3-D प्रिंटिग प्रयोगशालाओं में छात्र-छात्राओं ने खासी दिलचस्पी दिखाई। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुधीर जोशी ने छात्र-छात्राओं को ड्रोन टेक्नोलाजी और इसके AI एप्लिकेशन के बारे बताया। कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की शिक्षक गरिमा शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रेरित करना है।
कार्यक्रम का आयोजन डिपार्टमेण्ट आफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ने कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के सहयोग से किया। कार्यक्रम में संयोजक डा. राजेश पी. वर्मा, डा. रितविक डोबरियाल, आलोक कुमार और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।