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Big Story::कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय!नए चेहरों की Entry:कम से कम 3 को Exit Door भेजा जाएगा! CM पुष्कर की Good Books वाले ही बचेंगे-बनेंगे:Exercise बहुत आगे बढ़ चुकी

PM मोदी-HM शाह उत्तराखंड की स्थिरता को देंगे और मजबूती:विधानसभा सत्र के बाद BJP सियासत में आएगा ज्वार-भाटा!

Chetan Gurung

पुष्कर मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी तय है.नए और CM के Good Books में शुमार विश्वासपात्रों की Entry होने वाली है.दोनों ही मोर्चे पर Exercise खूब हो चुकी है.तकरीबन समाप्त है.जिस दिन भी PM नरेन्द्र मोदी और HM अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे, उस दिन जाने और आने वालों के चेहरों का खुलासा कर दिया जाएगा.दोनों दिग्गज उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर के साथ ही सरकार की स्थिरता को अधिक मजबूती देने वाले हैं.सम्भावना है कि गैरसैंण विधानसभा सत्र के बाद ही सरकार में ये ज्वार-भाटा दिखाई दे सकता है.दिल्ली BJP सूत्रों के मुताबिक कम से कम 3 चेहरों को सरकार का Exit Door दिखाया जा सकता है.

ऐसा नहीं है कि मंत्रियों को आने वाले तूफ़ान का अंदाज नहीं है.दिल्ली और मुख्यमंत्री दरबार में उनकी दौड़-धूप अचानक यूं ही नहीं बढ़ी है.विधायकों की भी PSD से मुलाकातों और मिलने की बढ़ती हसरत की वजह का भान BJP की भीतरी सियासत को ढंग से जानने वालों को बाखूबी है.इस वक्त दो किस्म की कोशिशें चल रहीं.मंत्रियों की Tension खुद की कुर्सी बचाए रखने की है.विधायकों को लगता है कि अभी नहीं तो फिर इस सरकार में आम चुनाव होने तक फिर कोई मौक़ा मंत्री बनने का शायद ही मिले.वे भी इसलिए जान लगा रहे हैं.

जो मंत्री समझदार हैं, वे दिल्ली के बड़े दरबार-PM-HM के साथ ही CM के यहाँ भी हाथ जोड़ आए हैं.या फिर जोड़ रहे हैं.विधायकों को मोदी-शाह से मिलने का मौका मिलना संभव नहीं है.वे PSD से मिल के उनको यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए वही सब कुछ हैं.कुछ विधायक मिल भी चुके हैं.मुख्यमंत्री के बेहद व्यस्त schedule के चलते जिनको अभी तक मौक़ा नहीं मिला है वे भी हाथ जोड़ने और यकीन दिलाने के मौके की तलाश में हैं.

मंत्रिमंडल से छुट्टी किन-किन की होगी, इस पर सिर्फ कयास हैं.नाम उछल रहे हैं.असलियत में वे हैं कौन, ये सिर्फ PM-HM-CM और BJP के कुछ शीर्ष पर बैठे चेहरों को ही मालूम है.घबराहट जरूर मंत्रियों में हैं.मंत्री बनने की बेचैनी विधायकों में देखी जा सकती है.मंत्रिमंडल में फेरबदल और नए चेहरों या फिर कुछ पुरानों को Re-Entry पर एक-डेढ़ साल पहले भी फैसला तकरीबन हो गया था.बाहर होने वाले 4 नाम तक तय हो गए थे.इनको लाना है, उनके नाम पर चर्चा हो गई थी.फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसको टाल दिया गया था.

मोदी-शाह ने अबकी बार शायद मन मजबूत कर लिया है कि उत्तराखंड में CM पुष्कर को और मजबूत किया जाए.उनको और बेहतर और उनकी इच्छित टीम सौंपी जाए.विधानसभा के आम चुनाव में सवा दो साल का अरसा रह जाने को देखते हुए वे सबसे पहले PSD को ही निष्कंटक-अधिक ताकत-आत्मविश्वास देना चाहते हैं.देश के सियासी और BJP के भीतर के मौजूदा हालात में मोदी-शाह के सबसे भरोसेमंद और काबिल सिपहसालार में PSD को ही देखा जाता है.

आला कमान को यकीन है कि चुनावों के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को जिधर दौड़ाया, उधर फतह पाने वाले पुष्कर की इच्छा के बगैर प्रत्याशी दिए जाने पर बद्रीनाथ By-Election किस तरह गंवा बैठे.ये तब हुआ जब मंगलौर में बेहद खराब और विपरीत सियासी-जातीय समीकरण के बावजूद BJP ने पुष्कर की ही अगुवाई में तकरीबन By-Election जीत लिया था.दोनों उपचुनावों के बाद पुष्कर की विश्वसनीयता आला कमान में बढ़ी है.साथ ही कद में इजाफा हुआ है.उसको ये अहसास हो गया है कि पिछला विधानसभा आम चुनाव आखिरी मौके पर कमान संभालने के बावजूद अप्रत्याशित रूप से साफ़ बहुमत के साथ BJP को जिताने वाले पुष्कर में चुनाव फतह करने का तिसिस्म है.

मोदी-शाह की कोशिशों को उनके साए के नीचे उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में सौ फ़ीसदी अंजाम दे के PSD ने एक और Record बनाया.विधानसभा चुनाव जितवाने और लोकसभा में साभी 5 सीट जितवाने वाले वह इकलौते CM हैं.ये करिश्मा न Congress दिग्गज ND तिवारी (दिवंगत) और न ही BJP के एक वक्त के बहुत बड़े चेहरे BC खंडूड़ी तक कर पाए थे.NDT के मुख्यमंत्री रहते साल-2007 में Congress की विधानसभा चुनाव में लुटिया डूब गई थी.

BCK के चेहरे पर चुनाव में उतरने के बावजूद साल-2012 के विधानसभा में BJP एक सीट से सरकार बनाने से चूक गई थी.खंडूड़ी कोटद्वार से हारे न होते तो सरकार BJP बनाती.पुष्कर को अपनों ने ही खटीमा में बुरी तरह दगा दे दिया था.पार्टी के भीतर तमाम विभीषण-जयचंद-मीर जाफर पैदा हो गए थे.खुद कांग्रेस और BJP के बड़े नेताओं का दावा है कि पुष्कर के खिलाफ विधानसभा आम चुनाव में Funding करने वालों में उनकी पार्टी के कई बेहद महत्वाकांक्षियों की अहम भूमिका थी.वे जानते थे कि पुष्कर पार्टी को चुनाव जितवा के सरकार में फिर ला रहे हैं.मोदी-शाह ने उनको फिर CM प्रोजेक्ट कर दिया है.हरा देंगे तो न रहेगा बांस-न बजेगी बांसुरी.

मोदी-शाह ने पुष्कर को फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा के सभी की उम्मीदों और साजिशों पर पानी फेर दिया था.अभी भी कुछ चेहरों को ले के खुसर-पुसर रहती है कि वे अपने ली पेशबंदी और Field सजाने में व्यस्त हैं.मोदी-शाह को इसकी भनक लग चुकी है.मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार इसी का नतीजा होने जा रहा है.मंत्रिमंडल में 4 कुर्सी खाली है.3-4 मंत्री हटाए जाते हैं तो पुष्कर और आला कमान के पास बहुत सुनहरा मौका होगा कि 7-8 नए चेहरों के साथ Team Pushkar को नया कलेवर और बढ़ी ताकत से सज्जित किया जाए.ये सोने पर सुगंध होगा.बदलाव की बयार के बीच ये सुगंध कब लोगों की नाक से टकराएगी, इसका इन्तजार बेसब्री से हो रहा.इतना तय है कि ये कभी भी हो सकता है.किसी भी मंत्री पर कभी भी बिजली गिर सकती है.किसी भी विधायक की सेज कभी भी मंत्री आवास पर सज जाएगी.

 

 

 

 

 

 

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