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भारत आने वाले वक्त में हाइड्रोजन का हब होगा-NITI आयोग सदस्य डॉ सारस्वत:Graphic Era में International Seminar

Chetan Gurung

NITI आयोग के सदस्य और Graphic Era Deemed University के Chancellor डॉ. VK सारस्वत ने दावा किया कि आने वाले समय में भारत विश्व में हाइड्रोजन का हब बन जाएगा। इससे हाइड्रोजन बनाने में मददगार इलेक्ट्रोलाइजर की लागत में 80 फ़ीसदी कमी आ जाएगी.

देश के नामचीन वैज्ञानिकों में शुमार डॉ. सारस्वत ने आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वातावरण में बड़े बदलाव आ रहे हैं। इससे निपटने के लिए सस्टेनेबल एनर्जी को अपनाना सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। ये जलवायु को नुकसान पहुंचाए बिना ही ऊर्जा की मांग पूरी करता है.विकास का लक्ष्य लोगों को साफ व किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराना होता है।

नीति आयोग सदस्य ने कहा कि भारत सबसे बड़ी आबादी वाला होने के बावजूद विकसित देशों के मुकाबले 40 फ़ीसदी तक कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है। हाइड्रोजन, मेथेनॉल और कोयला नवीनीकरण ऊर्जा के स्रोत है। सबसे स्वच्छ ईंधन हाइड्रोजन हानिकारक तत्वों के उत्सर्जन की समस्या का समाधान करता है। ग्रीन हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन की मदद से बनाया जाता है.ब्ल्यू हाइड्रोजन की उत्पत्ति प्राकृतिक गैस से होती है।

GE कुलाधिपति ने कहा कि मेथेनॉल को तरल पदार्थ की तरह रखा जा सकता है। इसकी कार्बन तीव्रता कम होती है. इसका 40 फ़ीसदी से ज्यादा उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है। भारत विश्व का पांचवा सबसे बड़ा कोयले के भंडार वाला देश है। स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी पर शोध करके भविष्य में इसका उपयोग और बेहतरीन ढंग से किया जा सकता है.

डॉ. सारस्वत ने क्लीन एनर्जी के लिए तकनीकी रणनीतियां भी बताई। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्पादों के विकास में निवेश, मेथेनॉल, एथेनॉल व अमोनिया से ऊर्जा उत्पादन, प्राकृतिक गैस, परमाणु शक्ति व स्थाई गतिशीलता क्लीन एनर्जी उत्पादन में महत्वपूर्ण रहेंगी। इससे जीवन स्तर, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरीकरण, लोक नीतियों व सामाजिक व्यवस्था में विकास होगा।

संगोष्ठी का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और डिपार्टमेंट ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग ने इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के सहयोग से किया। संगोष्ठी में डीन इंटरनेशनल अफेयर्स डॉ. DR गंगोदकर, डीन (लाइफ साइंसेज) प्रो. प्रीति कृष्णा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के HoD डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के HoD डॉ. मोहम्मद फहीम अंसारी और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।

 

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