
Chetan Gurung
देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने पर CM पुष्कर सिंह धामी का UP के बरेली में Invertis University ने अभिनंदन करने के साथ ही सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि UCC पर अमल करने के लिए उत्तराखण्ड की अवाम का अहम योगदान है। अब राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस कानून से महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का एक सशक्त सुरक्षा कवच है। ये वर्ग सालों से पुरुष की तरह समानता का इंतजार कर रहा था।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक जरिया है। इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया
PSD ने कहा कि UCC में Live-in Relationship के Registration पर कई प्रकार के भ्रम फैलाने के प्रयास हो रहे हैं। ये व्यवस्था सिर्फ बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इन रिश्तों से जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकारों एवं भविष्य की रक्षा करना भर है। उत्तराखण्ड से निकलने वाली UCC की गंगा देश में नई चेतना जागृत करेगी। अन्य राज्य भी इस कानून से प्रेरणा लेंगे, ऐसे उम्मीद है। PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में जनहित में अनेक निर्णय लिए गए हैं।
CM ने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया। इस अवसर पर सांसद क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री डॉ. अरूण कुमार, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, DC वर्मा, डॉ. MP आर्या, अशोक कटारिया, डीन डॉ. राजेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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