38वें National Games में उत्तराखंड का जलवा! UP-गुजरात-बंगाल समेत बड़े राज्यों को छोड़ बना सरताज Group-7 का Member:Medal Tally में Century (103) यूं ही नहीं लगी:Athletes-खेल संघों ने जो मांगा CM पुष्कर ने दिया:हौसला बढ़ाने में हमेशा सबसे आगे रहे:हल्द्वानी में Closing Ceremony भी शानदार रही
उत्तरांचल ओलिम्पिक संघ ने सरकार के साथ खुद को झोंक डाला:दोनों के अद्भुत संगम से निकले सोने-चांदी-तांबे के पदक

Chetan Gurung
उत्तराखंड ने इस बार National Games में जलवा बिखेरा और Indian Sports World में 7 शक्तिशाली राज्य का हिस्सा बन के उभरने में जबर्दस्त कामयाबी हासिल हुई। देवभूमि से खेल भूमि बन के सामने आए हिमालयी राज्य ने 24 Gold और 35 Silver समेत 103 Medals जीत के पदकों का शतक ठोंक डाला। अहम पहलू ये है कि उसने UP-गुजरात-बंगाल समेत तमाम बड़े राज्यों को पीछे छोड़ के सातवीं Position पर कब्जा किया। इतनी बड़ी कामयाबी के लिए उत्तराखंड के एथलीटों की कड़ी मेहनत और संकल्प जिम्मेदार है। ये सच है। इससे इतर इस हकीकत को भी पूरी खेल दुनिया ने बेहिचक माना कि अपने खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने और खेल सुविधाओं-बुनियादी संसाधनों के मामले में उत्तराखंड को दुनिया के विकसित देशों से भी आगे लाने के लिए अकेले CM पुष्कर सिंह धामी प्रमुख तौर पर जिम्मेदार रहे। 38वें National Games का अभूतपूर्व और सफलतम आयोजन पूरी तरह PSD के इर्द-गिर्द घूमा। सरकार और उत्तरांचल ओलिम्पिक संघ (UoA) ने NG आयोजन को लाजवाब और ऐतिहासिक बनाने के लिए असीमित Co-Ordination दिखाया। Modern Pentathlon में उत्तराखंड ने एक किस्म से अपनी बादशाहत दिखाई। इसमें उसने भरपूर और सबसे अधिक 6 Gold Medals अपने खाते में किए।
HM अमित शाह समापन समारोह के दौरान बेहद खुश नजर आए। CM पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्य से बातों के दौरान वह उत्साहित दिखाई दिए।
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HM अमित शाह और CM PSD ने हल्द्वानी में समापन समारोह के दौरान मेघालय के CM कोनराड को अगले NG Games की मेजबानी का जिम्मा सौंपा
NG को ले के एक भी शख्स या किसी भी अन्य राज्य का खिलाड़ी ऐसा नहीं मिला, जिसको किसी किस्म की शिकायत रही हो। एकाध छोटी-मोटी दिक्कतों को छोड़ के। मुख्यमंत्री ने सरकार के सभी महकमों के आला अफसरों और शीर्ष नौकरशाहों को सबसे बड़े खेल आयोजन को कामयाब बनाने के लिए झोंक डाला था। IoA President PT उषा ने www.chetangurungg.in से कहा कि ये National Games न सिर्फ उत्तराखंड सरकार की और CM पुष्कर की बेहतरीन उपलब्धि है बल्कि इसने देश में अन्य राज्यों को भी खेलों के जरिये आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। दुनिया में इतनी बेशुमार और बेहतरीन सुविधाएं एक ही शहर या Sports Complex में कहीं नहीं देखी।
उत्तराखंड ने अपनी मेहमानवाजी और विश्व स्तरीय सुविधाओं से मेहमान International खिलाड़ियों का दिल जीता। अपने खिलाड़ियों को Out of Turn सरकारी नौकरियों-देश में सबसे अधिक Cash Awards और तैयारी सुविधाओं को मुहैया करा के Medals जीतने के लिए कमर कसने को पूरी तरह तैयार किया। बैडमिंटन और निशानेबाजी से बहुत अधिक उम्मीदें थीं। दोनों में Gold के मामले में निराशा हाथ न लगती या फिर कुछ Silver Medals बेहद मामूली अंतर से Gold होने से न चूकते तो उत्तराखंड को Top-6 में आने से कोई नहीं रोक सकता था। Tamil Nadu महज 3 स्वर्ण पदकों से एक कदम आगे रहा। उसके हिस्से 27 और उत्तराखंड की झोली में 24 स्वर्ण पदक आए। पिछले Goa National Games में सिर्फ 3 Gold Medals जीतने में उत्तराखंड सफल रहा था। CM PSD ने तभी तय कर लिया था कि उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में वह अपने खिलाड़ियों से डंका बजवा के रहेंगे।
Services Sports Control Board 68 Gold समेत 121, महाराष्ट्र 54 Gold समेत 198,हरियाणा 48 Gold समेत 153,karnatak 34 Gold समेत 80, MP 33 Gold समेत 82 और Tamil Nadu को Total 91 पदक मिले। ये सभी पहले से ले के छठे स्थान पर रहे। कर्नाटक के श्रीहरी नटराज पुरुषों और धीनिधि देसिन्धु महिलाओं में Best Athlete घोषित हुए। उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने भी एथलेटिक्स में 2 Gold और 1 Silver Medal जीत के अपनी शानदार छाप छोडने में सफलता पाई। Graphic Era University की Student अंकिता Paris Olympic में भी थीं। उसने इस बार अपना पूरा अनुभव और दमखम देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के खूबसूरत Stadium में उड़ेल डाला। उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में अपने प्रदर्शन को शिखर तक पहुंचाने के लिए बहुत कम समय मिलने के बावजूद ठोस जतन किए।
मुख्यमंत्री ने वित्त महकमे को भी ताकीद कर दी कि वह खेलों के लिए मुट्ठी भींचने के बजाए खुली रखें। खिलाड़ियों को कोई कमी न रहे और मेहमानों को जरा सी भी दिक्कत न हो। Opening Ceremony में PM नरेंद्र मोदी और Closing Ceremony में HM अमित शाह आयोजन और कामयाबी भरे आयोजन से अभिभूत दिखे। खिलाड़ियों ने साफ कहने में कोई हिचक नहीं दिखाई कि तमाम मामलों में उत्तराखंड की खेल सुविधाएं हालिया Paris Olympic की सुविधाओं से कहीं बेहतर थीं। जिन Venues पर वे खेले, वे पूरे देश क्या दुनिया के कई विकसित देशों से भी श्रेष्ठ थे। भारत में उनको ऐसी सुविधाएं कभी नहीं मिली थीं।
उनका ये मानना जरूर था कि इन World Class बुनियादी संसाधनों को अब लगातार बड़े खेल आयोजनों के जरिये इस्तेमाल में लाना होगा। इससे उत्तराखंड और देश के खेल का स्तर उठेगा। Stadiums और Indoor Halls का रख रखाव भी हो सकेगा। NG से पहले और खेलों के दौरान भी CM पुष्कर मैदान और खिलाड़ियों के मध्य पहुँच के उनका हौसला बढ़ाते रहे। देश के किसी भी मुख्यमंत्री को ऐसा करते आज तक नहीं देखा गया। सरकार ने अपनी तरफ से जो किया, उसकी मिसाल नहीं। खेल मंत्री रेखा आर्य ने भी रात-दिन और खून-पसीना एक कर सरकार के मुखिया को एक पल के लिए भी निराश नहीं किया। खेलों के दौरान वह भी घूम-घूम के हर जगह पहुँच के अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रही थीं। UoA के साथ CM और खेल मंत्री ने पूरा तालमेल बना के काम किया. उत्तरांचल ओलिम्पिक संघ ने आगे बढ़-बढ़ के NG को शिखर तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। Indian Olympic Association और उसकी ही अहम Body GTCC के साथ मिल के खेलों की तैयारियों को सरकार की मदद से आगे बढ़ाने में उत्तरांचल ओलिम्पिक संघ ने गज़ब का योगदान दिया।
संघ के Secretary General डॉ DK सिंह और अन्य ने खुद को NG के लिए समर्पित कर डाला था। सरकार और संघ ने मिल के कई बड़े तथा प्रमुख फैसले लिए, जिसने उत्तराखंड को पदकों के मामले में शीर्ष राज्यों के समूह में दाखिल करने के साथ ही मेजबान के तौर पर भी सर्वश्रेष्ठ साबित किया। Night Rafting को टनकपुर, Boxing को नेपाल-चीन सीमा से सटे पिथौरागढ़, क्याकिंग-कैनोइंग को टिहरी झील में, मलखंब को चकरपुर (खटीमा) और योगासन को अल्मोड़ा में कराने का फैसला मिल के लिया गया था। देहरादून और हरिद्वार के साथ ही उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में अधिकांश खेल आयोजित हुए लेकिन CM PSD ने खेलों को छोटे-छोटे शहरों और पहाड़ों में भी NG आयोजित कर देवभूमि को खेल भूमि की सूरत देने की कामयाब कोशिश की। ये खेलों की कामयाबी ही है कि Medal Ceremony के बाद खिलाड़ी और दर्शक ऐसे शानदार आयोजन के समापन से मायूस दिख रहे थे। सभी ने इन खेलों को रग-रग में जिया और महसूस किया। उनमें 38वें National Games के खूबसूरत Mascot मौली' ने खूब मोहा। उसके Doll लेने के लिए वे तरस रहे दिखे।
आन-बान शान-संकल्प से शिखर' गाना और
हल्ला-धूम धड़क्का’गाने अपने जोशीली धुनों से छा गए। सालों बाद कोई NG Songs या Mascot इस कदर लोकप्रिय हुआ।
ऐसा पहली बार हुआ। उत्तराखंड से प्रेरणा ले के अगले NG के मेजबान मेघालय ने North-East के अन्य 5 राज्यों को भी अपने साथ जोड़ के साल-2027 में खेलों को आयोजित करने का फैसला किया है। ये देखने लायक होगा कि उत्तराखंड सरीखा आयोजन करने में क्या वह भी सफल होगा! PSD सरकार ने 38वें NG के आयोजन से खेलों का माहौल और मौसम राज्य में बना दिया है और अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही दुनिया के बड़े मुकाबलों में भी उत्तराखंड के खिलाड़ी अपने जोरदार प्रदर्शन से यश अर्जित करेंगे। उत्तराखंड की 11 साल की टेबल टेनिस खिलाड़ी ख्याति पांडे 38वें NG की Youngest Player रही। उसने दिल्ली की अपनी से Ranking और उम्र में बहुत बड़ी रिद्धिमा को शिकस्त दे के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के नाम एक और उपलब्धि दर्ज कराई। टेबल टेनिस ऐसा Event रहा, जिसमें देश के लगभग सभी बड़े और दिग्गज पुरुष-महिला (Arjun Awardee-पदमश्री) Medals के लिए जंग करते नजर आए।