
धमनियों में कीमोथेरेपी दवा Inject कर Liver Cancer के ईलाज में कामयाबी दिलाने का कमाल Graphic Era Hospital के Specialist Doctors ने कर दिखाया।
63 वर्षीय महिला को हेपेटाइटिस ’सी’ संक्रमण की वजह से सिरोसिस होने का पता चला। जांच के दौरान महिला के लीवर में कैंसर नोड्यूल्स पाए गए। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने ट्रांस आर्टिरियल कीमो एम्बोलाईजेशन (TACE) प्रक्रिया के जरिए लीवर कैंसर का उपचार करने में सफलता हासिल की।
विशेषज्ञों की इस टीम में लीवर रोग विशेषज्ञ डा. चंदन कुमार बरनवाल व इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डा. दिनेश कुशवाहा शामिल हैं। डा. चंदन ने बताया कि ट्रांस आर्टिरियल कीमो एम्बोलाईजेशन में कैंसर को खून पहुंचाने वाली धमनियों में सीधे कीमोथेरेपी दवाएं इंजेक्ट की जाती हैं। इससे कैंसर नोड्यूल्स नष्ट हो जाते हैं।
यह प्रक्रिया आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध नहीं है। ग्राफिक एरा अस्पताल ने विशेष अनुमति लेकर यह उपचार किया। हेपेटोसेल्युलर कारसीनोमा (एचसीसी) एक आम प्रकार का कैंसर है, जो लीवर कैंसर के लगभग 75 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है।
यह क्रोनिक डिजीज, हेपेटाइटिस ’बी’, हेपेटाइटिस ’सी’, फैटी लीवर, एल्कोहाॅलिक लीवर डिजीज जैसी समस्याओं की वजह से होता है। इसका ईलाज लोकल रिजनल थेरेपी, कीमोथेरेपी व इम्यूनोथेरेपी से किया जा सकता है।