
Chetan Gurung
तमाम Experts ने Graphic Era Hill University में आयोजित International Seminar में खेती में नवाचार (Innovation) पर भरपूर मंथन किया। उन्होंने इसके लिए नई रणनीति बनाने पर खूब सिर जोड़े। सम्मेलन कृषि व पशुधन में नवाचार पर था। Europe व देश भर के Experts- शोधकर्ताओं व Students ने इसमें शिरकत की।
आज उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र की निदेशक प्रो. अनिता रावत ने कहा कुदरती संसाधनों का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा होगा तो आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों में कम उम्र से ही Critical Thinking का कौशल विकसित करना चाहिए। इससे वे सामाजिक चुनौतियों का हल निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे। यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट यूनाईटेड किंगडम के विशेषज्ञों डा. जॉर्ज बतिस्ता दा रोचा व डा. लुईस पावलो मिराबुएनो ने विश्वविद्यालय की कोशिशों की तारीफ की।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने सूक्ष्म जैविकी में जिनोमिक व कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान की भूमिका, जिनोमिक उपकरणों से पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, पारम्परिक खेती के महत्व, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए फसल विविधीकरण, साहीवाल गाय पर जानकारी दी।
इन विशेषज्ञों में डा. सुचेता त्रिपाठी, डा. मोधुमिता दासगुप्ता, डा. RK गौतम, डा. लेख चंद, डा. शिवे कुमार और डा. प्रियांक वत्स शामिल रहे। सम्मेलन में 120 शोधपत्र व पोस्टर प्रदर्शित किए गए। शोधपत्र प्रतियोगिता की थीम में नामिनी जोशी, डा. बिजेता और डा. मानसी ने पहला स्थान हासिल किया। पोस्टर प्रतियोगिता में पार्वती थापा, डायलाबोया लुकरम व शायक थायर बाशा को प्रथम पुरूस्कार दिया गया। डा. पारूल चौधरी व डा. पल्लवी जोशी को यंग वुमेन साइंटिस्ट के पुरूस्कार से सम्मानित किया गया।
सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने यूरोपियन बायोइनफोरमेटिक्स इंस्टीट्यूट के सहयोग से किया। सम्मेलन में कार्यक्रम संयोजक व डीन डा. MK नौटियाल, आयोजन सचिव व HoD डा. अरविन्द सिंह नेगी, सोसायटी फोर प्लांट रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष डा. SK भटनागर के साथ डा. दीपक खोलिया, डा. विवेक पाठक और डा. अनिता सिंह भी मौजूद रहे। संचालन डा. बलवंत रावत ने किया।