
Chetan Gurung
शिक्षा को उद्योग जगत से उसकी जरूरतों के मुताबिक जोड़ने के बाबत भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने बहुत बड़ा फैसला किया है.Graphic Era Medical College में North Zone VCs सम्मेलन के दौरान देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में अहम बदलाव लाने के लिए यह कदम उठाया गया।
दो दिन चले सम्मेलन में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस मसले पर जम के सिर खपाई की. विभिन्न विषयों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से जोड़ने, विदेशी विश्वविद्यालयों के मॉडल की नक़ल छोड़ यहां की अलग परिस्थितियों के अनुरूप मॉडल तैयार करने, शिक्षकों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए ज्यादा वर्कशॉप आयोजित करने के सुझाव कुलपतियों ने दिए।
समापन समारोह में AIU के अध्यक्ष व छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर के कुलपति डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के लिए संघ से उद्योग जगत को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। छात्र-छात्राएं उद्योगों में जाकर उनकी जरूरतों से लेकर तकनीकों तक को सीख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे पास रिसर्च पेपर तो बहुत हैं, लेकिन उनके आधार पर तैयार Product नहीं हैं। India में सिलिकॉन वैली जैसी जगह तो हैं, लेकिन ज्यादा यूनीकॉर्न इंडिया में नहीं इंक्यूबेट होते बल्कि US सरीखे देशों में इन्क्यूबेट होते हैं। हमारे देश में रिसर्च पेपर से कोई बड़ा प्रोडेक्ट नहीं निकल पाता। यहां के अधिकांश बच्चे वैश्विक तौर पर जॉब के लिए तैयार नहीं होते। उनकी तैयारी में कमी रह जाती है।
डॉ पाठक ने कहा कि युवाओं को वैश्विक आवश्यकताओं से जोड़ने के लिए हमें पहले यहां की समस्याओं को पहचानना होगा. देश में बड़ी रैंकिंग वाले कॉलेज कम हैं.देश रैंकिंग में पिछड़ा है। दुनिया के अच्छे विश्वविद्यालयों जैसे स्तर के विश्वविद्यालय स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। एसोसिएशन का सौ साल से जो एजेंडा चल रहा है, उसको बदलने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।संघ की महासचिव डॉ पंकज मित्तल ने कहा कि हर कोर्स में AI को शामिल किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों को नई खोजों व तकनीकों से जुड़ने के लिए हमेशा प्रयोग करते रहना चाहिए। हर विवि को अपने बजट का 10 प्रतिशत तकनीकों के विकास के लिए देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम पर शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को अधिक दाख्स करना होगा. विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम अपडेट होते रहना चाहिए। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन ने नॉर्थ जोन के कुलपतियों के बीच संबंध स्थापित करने का कार्य किया है। इससे नए और बड़े सहयोग की राह खुली है।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला, प्रो चांसलर डॉ राकेश कुमार शर्मा, कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह और सम्मेलन की नोडल अधिकारी प्रो रूपा खन्ना मल्होत्रा को आयोजन की बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए सम्मानित किया गया। डॉ आलोक कुमार मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। प्रो GD शर्मा, रंजना परिहार, कुलदीप डागर,हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के प्रो.SP बंसल, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने सम्मेलन में योगदान दिया.
यूनिवर्सिटी ऑफ लद्दाख के प्रो SK मेहता, डॉ मनप्रीत सिंह मन्ना, क्लस्टर यूनिवर्सिटी ऑफ श्रीनगर के प्रो मोहम्मद मोबिन, रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के डॉ निदुप दौरजी, एमेटी यूनिवर्सिटी के प्रो बलविन्दर शुक्ला भी सम्मेलन में शामिल हुए। संचालन ग्राफिक एरा के प्रोफेसर MP सिंह ने किया।