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Big Debate::खुद के ही नेतृत्व से लड़ रही Congress! सरकार को झकझोर पाएगी?गैरसैण Assembly Session में CM पुष्कर को घेरना मुश्किल चुनौती

LoP यशपाल आर्य के सामने विपक्ष को धारदार तेवर देने का जिम्मा

Chetan Gurung

बारिश के खतरों के बीच उत्तराखंड के नाम भर के Summer Capital साबित होते रहे गैरसैण के भराड़ीसैण में मंगलवार से शुरू हो रहे Assembly Session में Congress के लिए पुष्कर सरकार को हमलों से झकझोर पाना आसान नहीं होगा.वह खुद अपने नेतृत्व और Seniors के खिलाफ हो रहे अंदरूनी हमलों से हलकान है.ऐसे माहौल में अंगद के पाँव सरीखी मजबूती के साथ सरकार की अगुवाई कर रहे CM पुष्कर सिंह धामी को परेशान करने का माद्दा वह पैदा कर पाती है या नहीं, देखने लायक होगा.नेता विपक्ष (LoP) यशपाल आर्य विपक्ष की तरफ से रणनीति बना के Treasury Bench पर धारदार हमले कर पाते हैं तो ये उनकी बड़ी कामयाबी होगी.

CM Pushkar Singh Dhami-चतुर और Smart मुख्यमंत्री को सदन में घेर के ललकारना कांग्रेस के लिए आसान नहीं

विधान मंडल दल की बैठक में CM पुष्कर सिंह धामी:सत्र में सरकार के अंदाज पर चर्चा

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कांग्रेस में सूबेदार-तहसीलदार-मनसबदार-जागीरदार-जमींदार तक आपस में ही इन दिनों तलवारें ले के टूट पड़े हैं. वे लगातार एक-दूसरे को पटखनी देने और घोड़ा पछाड़-आसमान दिखाने वाले दांवों को अपनों पर ही आजमा खूब धूल-गर्द बेझिझक उड़ा रहे.ये सब दुनिया-Media को भी साफ़-साफ़ दिख रहा है.PCC अध्यक्ष करण माहरा पर पार्टी की बड़ी और शक्तिशाली लॉबी हर किस्म के नैतिक-अनैतिक किस्म के हमले प्रत्यक्ष-परोक्ष बोल रही.Social Media का जम के सहारा ले के उन पर चारित्रिक हमले भी सांकेतिक तौर पर लेकिन साफ़-साफ़ समझ में आने वाले किए जा रहे.

LoP Yashpal Arya-हमलों को धार देने की कठिन चुनौती

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करण MLA नहीं हैं.लिहाजा सत्र में वह नहीं होंगे लेकिन जो सत्र के दौरान सदन में दिखाई देंगे,उनमें से तमाम चेहरे करण को फूटी आँख पसंद नहीं करते हैं.वे करण विरोधी शक्तिशाली लॉबी के साथ हैं.BJP सरकार के बजाए PCC प्रमुख पर तीखे हमले करने को तवज्जो देते हैं.पार्टी के एक कार्यक्रम में अगस्त्यमुनि में करण और उनके विरोधी लॉबी समर्थकों के मध्य जम के संघर्ष हो चुका है.ये मामला हालांकि पहाड़ में होने के चलते अधिक नहीं उछला या फिर लोगों तक नहीं पहुँच पाया.

PCC Chief karan Mahra-अपनों के हमलों का जवाब देने में हलकान

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Congress आला कमान को भी करण विरोधी लॉबी के दबाव में बताया जा रहा.उसने अगस्त्यमुनि संघर्ष के बाद छिछालेदर से आगे बचने के लिए करण के अधिकारों को काफी हद तक बाँध डाला है.अब वह कोई भी फैसला अकेले नहीं कर सकते हैं.9 सदस्यीय समूह ही अहम फैसले और कार्यक्रम तय करेंगे.इसमें पूर्व CM-पूर्व PCC अध्यक्ष शामिल हैं.मतलब कि हरीश रावत-गणेश गोदियाल भी हैं.वे करण के लिए इन दिनों गले की हड्डी साबित हो रहे.करण के लिए ये समूह बनना बड़े झटके से कम नहीं है.यशपाल आर्य जरूर तटस्थ दिखने की कोशिश करते हैं.

सत्र में सरकार को घेरने और इसके लिए रणनीति बनाने के लिए PCC अध्यक्ष-LoP और प्रमुख चेहरों को साथ बैठना होता है.आपस में एक-दूसरे का चेहरा तक देखने के लिए राजी न होने वाले सरकार के खिलाफ साथ बैठ के किस तरह रणनीति बना पाए होंगे,इसकी कल्पना भर की जा सकती है.आलम ये है कि न PCC अध्यक्ष आज अपने वरिष्ठ नेताओं को सदन में सरकार को घेरने के लिए कोई हिदायत देने की दशा में हैं न ही उनके निर्देशों को सुनने के लिए अधिकांश पार्टी विधायक शायद ही राजी होंगे.

सत्र के पहले दिन के नज़ारे से पता चल जाएगा कि कांग्रेस में ताजा-तरीन हालात बेहतर हुए हैं या और बिगड़े हैं.कांग्रेस की सूरत इन दिनों सिर कटे राजा की अगुवाई में समरभूमि में उतरी फ़ौज सरीखी दिखती है.चतुर और Smart CM पुष्कर सिंह धामी को किसी दांव में फंसाना कांग्रेस के लिए किसी भी समय या मामले में कहीं से आसान नहीं रहने वाला है.उनके पास सदन में जबरदस्त संख्या बल है.आला कमान के आशीर्वाद के चलते अद्भुत आत्मविश्वास भी.

ऐसे मुख्यमंत्री पर दांव-प्रहार कर के उनको घेरने में कांग्रेस के हाथ सफलता लगती है तो ये वाकई चमत्कार से कम नहीं होगा.सत्ता पक्ष के पास नेता सदन को सशक्त ढंग से साथ और सहारा देने के लिए कुछ बेहतरीन मंत्री हैं.जो शानदार Home Work के साथ मोर्चा सँभालते हैं.ये बात दीगर है कि ऐसे भी चेहरे हैं, जो सदन में बहुत अच्छी तैयारी के साथ कम ही आए दिखते हैं.

 

 

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