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CM पुष्कर-LoP आर्य की मुलाकात में दिखी गर्मजोशी:स्पीकर ऋतु से भी मिले:सदन में पहले दिन दिवंगत शैला रानी-गह्तौड़ी के योगदान को मुख्यमंत्री ने शिद्दत से किया याद:सदन ने श्रद्धांजलि अर्पित की

Chetan Gurung

Summer Capital कही जाने वाली गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कुछ ख़ास काम नहीं हुआ.3 दिन के सत्र के उद्घाटन दिवस पर केदारनाथ की दिवंगत विधायक शैला रानी रावत और चंपावत के पूर्व विधायक दिवंगत कैलाश चंद्र गहतोड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। CM ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से मुलाकात करने के साथ ही LoP कांग्रेस के यशपाल आर्य से उनके कक्ष में जा के गर्मजोशी संग शिष्टाचार भेंट की.दोनों को उन्होंने पौधा भी भेंट किया.

दिवंगत विधायक शैला रानी और पूर्व विधायक दिवंगत कैलाश गह्तौड़ी को विधानसभा सत्र के पहले दिन श्रद्धांजली अर्पित की गई (सबसे ऊपर):विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से शिष्टाचार भेंट के दौरान CM पुष्कर सिंह धामी ने पौधा भेंट किया.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में कहा कि शैलारानी रावत केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लोगों के बीच हमेशा उनके संघर्षों के साथ खड़ी रहीं। उनका चला जाना एक खालीपन दे गया है। उनका जाना अपूरणीय क्षति है। वह हर किसी से बेहद आत्मीयता से मिलती थीं। राज्य एवं क्षेत्र के मुद्दों को प्रभावशाली रूप में उठाने में कभी कसर नहीं छोड़ी।

गैरसैण में सत्र के लिए जाते मंत्रियों सुबोध उनियाल-सौरभ बहुगुणा और गणेश जोशी के साथ CM पुष्कर सिंह धामी

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उन्होंने हमेशा छोटे भाई की भांति स्नेह प्रदान किया। उनके साथ मेरी कई स्मृतियां जुड़ी हैं। वर्ष-2013 की केदारनाथ आपदा के बाद जब वह विधायक नहीं भी थीं, तब भी वह स्थानीय लोगों को लेकर उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए आती थीं। 7 जनवरी 1956 को टिहरी के ग्राम गडोलिया में पदम सिंह राणा के घर में जन्मी शैलारानी वर्ष-2012 में पहली बार केदारनाथ विधानसभा से निर्वाचित हुई थीं। उसके बाद वर्ष-2022 में फिर निर्वाचित हुईं।

CM पुष्कर ने चंपावत से विधायक रहे कैलाश चंद्र गहतोड़ी के निधन को निजी नुक्सान करार दिया.उन्होंने कहा कि उनकी कमी सदा मेरे जीवन में खलती रहेगी। उन्होंने सदा मेरा मार्गदर्शन किया। चंपावत क्षेत्र के विकास के लिए वह पूरी तरह समर्पित रहे। उन्होंने लोगों की सरकारी योजनाओं के जरिये ही नहीं बल्कि निजी रूप से भी खूब मदद की। उनकी स्मृति जीवनभर साथ रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं विधानसभा का चुनाव खटीमा सीट पर हारा, तब भी उन्होंने मुझे समर्थन दिया.जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली तत्काल ही उन्होंने मेरे लिए सीट खाली करने की घोषणा की। उनके इस स्नेह  को मैं कभी नहीं भूल सकता। गहतोड़ी चंपावत की जो जिम्मेदारी मुझे देकर गए हैं, उनके उस हर सपने को पूरा करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ।

नैसर्गिक खूबसूरती को समेटे पहाड़ों की वादियों में शुरू सत्र के पहले दिन ख़ास कुछ नहीं हुआ.मुख्यमंत्री ने सदन स्थगित होने के बाद बाहर का रुख किया और अन्य कार्यक्रमों में शिरकत की.सत्र के पहले उन्होंने स्पीकर ऋतु और नेता विरोधी दल आर्य से मिल के खुशगवार माहौल में शाल भी भेंट किया.PSD-आर्य मिलने के दौरान खूब खिलखिला रहे थे.

 

 

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