
Chetan Gurung
केदारनाथ Assembly By-Election में Congress के पास बद्रीनाथ विधानसभा उप-चुनाव वाला Edge न होने से CM पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में BJP फिर गहरे रंगत और Full Form में दिखाई देगी.सत्तारूढ़ दल से पार पाना Congress के लिए अबकी कहीं से आसान नहीं होगा.
BJP के पास इस बार प्रत्याशी चयन का विकल्प भी खुल के है.PSD-BJP के पास पूरा वक्त और मौक़ा है कि वे आराम से छांट-चुन के केदारनाथ की जंग के लिए Candidate उतार सके.कांग्रेस को ध्यान में रखना पड़ेगा कि बद्रीनाथ-मंगलौर के चुनावी समर के बाद इस बार CM पुष्कर अधिक खतरनाक और घायल शेर के अंदाज में उसके सामने आक्रामक अंदाज में होंगे.वह बदले की भरपूर कसर केदारनाथ के समर में निकालने में खुद को पूरी तरह झोंकने से बिल्कुल नहीं चूकेंगे.
मंगलौर और बद्रीनाथ के By-Elections कांग्रेस जीती तो उसके पीछे कुछ बड़े और अहम कारण BJP की हार के पीछे थे.BJP के एक बड़े नाम ने कहा,`बद्रीनाथ में प्रत्याशी के चयन का विकल्प नहीं था.जो नाम दिया गया, वह अपने साथ ही शिकस्त का नतीजा ले के आया हुआ था.चुनाव जीतने में सिद्धहस्त पुष्कर और BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को विश्वास में ले के प्रत्याशी का चयन किया गया होता तो नतीजे उलटे होते’.इसमें हकीकत थी.Congress के पास चुनाव जीतने का Edge इसी लिए पहले से था कि BJP का प्रत्याशी बेहद कमजोर था.इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता था.
BJP आला कमान के पास बद्रीनाथ उप-चुनाव के इस पहलू की रिपोर्ट पहुँच चुकी है.ये ही वह वजह है कि PSD पर मोदी-शाह का यकीन और बढ़ गया है.दोनों समझ गए कि बिना उनको भरोसे में लिए और उनको अगुवाई सौंपे चुनाव में जाना जोखिम से कम नहीं होगा.ये तयशुदा है कि वे केदारनाथ की छोटी लेकिन बेहद अहम जंग के लिए सारा जिम्मा पुष्कर पर ही छोड़ दिया जाएगा.उनके कन्धों पर ही जीत की जिम्मेदारी प्रमुख रूप से रहेगी.विधानसभा के आम चुनाव को भी उनकी ही Leadership में लड़ा जाएगा, ये भी अभी से समीक्षक आंक रहे हैं.
PSD को केदारनाथ सीट से PM मोदी के लगाव और इस सीट की अहमियत का बाखूबी अंदाज है. वह इस उप-चुनाव को जीत के सौ सुनार की-एक लुहार की करना चाहेंगे.उनके बाबत माना जाता है कि वह चुनाव जीतने का हुनर जानते हैं.देश भर में हालात इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान BJP के हक़ में बिल्कुल भी पहले जैसे नहीं थे.इसके बावजूद उत्तराखंड में पुष्कर ने कमाल का प्रदर्शन कर इसको साबित कर दिखाया.
ख़ास बात ये रही कि पुष्कर ने अपनी अगुवाई में ये चुनाव मोदी-शाह की छाया में लड़ा और हर सीट (5 सीट) पर जीत का अंतर बहुत बड़ा रख दिखाया.समीक्षकों को कम से कम दो सीटों को ले के संशय था कि शायद BJP को निराशा का सामना न करना पड़े.हुआ उल्टा.दोनों ही सीटों पर जबरदस्त अंतर से BJP ने मोर्चा मार दिखा के आला कमान को दिखा दिया कि वह सही मायने में चुनावी Commander भी हैं.विधानसभा के आम चुनाव को शानदार और अप्रत्याशित ढंग से फतह कर के वह अपने नेतृत्व क्षमता को बहुत पहले साबित कर चुके हैं.
चुनावी चक्रव्यूह रचना और उसमें विपक्ष को घेर के फंसाने की कला वह उस्ताद जाने जाते हैं.केदारनाथ उप चुनाव में इसका भरपूर इस्तेमाल करने में वह नहीं चूकेंगे.इस उप चुनाव के लिए BJP के पास प्रत्याशियों की ठीक-ठाक सूची और वक्त दोनों है.मुख्यमंत्री पुष्कर जिस पर हाथ रखेंगे,वह चेहरा ही प्रत्याशी बनेगा.इसमें कहीं कोई शक-शुबहा नहीं है.