Big Story::केदारनाथ Assembly By-Election!PM मोदी-CM पुष्कर को हर हाल में चाहिए फतह!बद्रीनाथ-मंगलौर में शिकस्त का बदलापुर भी होगा!कल दिल्ली होंगे PSD:PM-HM से मुलाकात मुमकिन
बद्रीनाथ में प्रत्याशी चयन सरीखी गलती अबकी नहीं होगी!BJP को क्षत्रीय Candidate से मिल सकती है Edge

Chetan Gurung
केदारनाथ Assembly By-Election को PM नरेंद्र मोदी और CM पुष्कर सिंह धामी सियासी और धार्मिक आस्था के नजरिये से भी देखें तो हर हाल में फतह करने के लिए जी-जान झोंक डालेंगे.इस सीट पर BJP से ज्यादा इन दोनों को विजय पताका फहराना कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.विश्लेषकों का मानना है कि ब्राहमण से अधिक किसी क्षत्रीय को यहाँ बतौर प्रत्याशी उतारना BJP के लिए चुनाव में Edge और जीत हासिल करने के लिए बहुत जरूरी है.मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली होंगे.सम्भावना जतलाई जा रही है कि वह PM के साथ ही HM अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं.
केदारनाथ By-Election:PM मोदी-CM पुष्कर को हर हाल में चाहिए विजय
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शैला रानी के दिवंगत होने से खाली केदारनाथ सीट मोदी और पुष्कर के लिए हर हाल में जीतना जरूरी है.केदारनाथ धाम मोदी की अद्भुत और बेहद आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है.दुनिया इस हकीकत से वाकिफ है.इस धाम के पुनर्निर्माण कार्यों को ले के वह इतने गंभीर हैं कि दिल्ली में बैठ के वह ड्रोन के जरिये इसकी Progress पर नजर रखते हैं.केदारनाथ धाम के आपदा में तबाही के बाद उसको फिर से संवारने की कोशिशों में गहन दिलचस्पी दिखाने और काम करने का फल दो मुख्य सचिवों उत्पल कुमार सिंह और डॉ सुखबीर सिंह संधू को Retire होने के बाद मिला.
UK आज लोकसभा महासचिव हैं.ये ओहदा Cabinet Secretary के समकक्ष है.डॉ SSS केन्द्रीय चुनाव आयुक्त है.पुष्कर और BJP को इसका बाखूबी अहसास है कि केदारनाथ सीट मोदी के लिए किस कदर अहमियत रखती है.ये सीट फिर से हाथ में आने का मतलब बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उप-चुनाव में BJP के हाथ लगी निराशा का भी अंत होगा.मोदी के लिए उत्तराखंड में केदारनाथ से अधिक बड़ी और महत्वपूर्ण सीट कोई नहीं है.पुष्कर ने बिला शक चुनावों की जीत का अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा एक किस्म से तेजी से चारों दिशाओं में बद्रीनाथ-मंगलौर से पहले खूब दौड़ा के विजय पताका फहराई थी.
बद्रीनाथ सीट पर कमजोर और पुष्कर-BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की इच्छा वाला प्रत्याशी न होने को उल्टे नतीजे का कारण माना जा रहा है.मंगलौर में चौंकाने वाले मामूली अंतर से हार को किसी भी तरह हताशा पैदा करने वाला मान के BJP नहीं चल रही है.केदारनाथ सीट का मोर्चा मार लिया जाता है तो ये मोदी-पुष्कर के लिए बहुत बड़ा तोहफा होगा.अपने सियासी संरक्षक को विजय पताका थमाने के लिए निस्संदेह PSD सांस तक आराम से शायद ही लें.BJP और आला कमान केदारनाथ में प्रत्याशी चयन को ले के बद्रीनाथ-मंगलौर सरीखी गलती से जरूर बचेगी.
बद्रीनाथ में Congress से तोड़ के लाए राजेन्द्र भंडारी को BJP के कार्यकर्ताओं-समर्थकों और आम लोगों ने स्वीकार ही नहीं किया.मंगलौर में बाहरी प्रत्याशी के बजाए मजबूत और स्थानीय होता होता तो शायद नतीजा बदल भी सकता था.इसकी पूरी सम्भावना है कि केदारनाथ में प्रत्याशी के चयन का जिम्मा पूरी तरह मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के कन्धों पर डाल दी जाएगी.फिर जीत का जिम्मा भी दोनों को अन्य Lieutenants के सहारे सौंपा जा सकता है.प्रत्याशी को ले के सोच-विचार शुरू हो चुका है.
जानकारों की माने तो केदारनाथ सीट का चरित्र क्षत्रीय प्रत्याशी खड़ा करने पर मुफीद रह सकता है.दिवंगत शैलारानी की बेटी ऐश्वर्या के बाबत मजबूत सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार वह BJP के टिकट पर लड़ के मां की विरासत को सँभालने की इच्छुक है.फ़ौज के अफसर की पत्नी के नाम पर BJP और CM-State BJP President कितने सहमत और गंभीर होते हैं,कहा नहीं जा सकता है.अलबत्ता,ये कहा जा रहा है कि Congress की तरफ से राजपूत प्रत्याशी को ही चुनावी मैदाने जंग में उतारा जा सकता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर शुक्रवार को दिल्ली होंगे.देश की राजधानी में उनके कार्यक्रमों का अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन इसकी सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि PM-HM से वह मिल सकते हैं.ये मुलाकात हुई तो केदारनाथ उप-चुनाव को ले के जरूर बड़ी और अहम चर्चा हो सकती है.इस पर भी रायशुमारी हो सकती है कि किस को प्रत्याशी बनाया जाए.किस किस्म की रणनीति को चुनाव में अंजाम दिया जाए.