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CM पुष्कर Back To Dehradun::4 धाम-गरमी के मौसम पर बंदोबस्त के सख्त फरमान:31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर पाबन्दी:गुजरे 10 दिनों के Record का होगा आंकलन

उत्तराखण्ड के अन्य धार्मिक-पौराणिक स्थलों के लिए प्रेरित किए जाएंगे श्रद्धालु:तय तादाद में ही दर्शन कर सकेंगे:चुनाव प्रचार से वक्त निकाल के लौटे मुख्यमंत्री

Chetan Gurung

लोकसभा चुनाव प्रचार में बतौर Star प्रचारक लगातार और बेहद व्यस्त चल रहे CM पुष्कर सिंह धामी ने 4 धाम यात्रा को ले के लोगों में जूनून और उनकी सुनामी से पैदा विकट हालात के साथ ही इन दिनों आसमान से बरस रही आग से उत्पन्न गर्मी से निबटने के लिए बंदोबस्तों की हिदायत देने आज देहरादून का रुख किया.उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए 31 मई तक फिलहाल ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगा दी.ये भी हिदायत दी कि लोगों को पीने के पानी और बिजली की कमी का सामना करना न पड़े.

CM  पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून लौट के 4 धाम यात्रा और बिजली-पेयजल पर अफसरों की सख्त बैठक ली

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मुख्यमंत्री ने सचिवालय में समीक्षा के दौरान श्रद्धालुओं को उत्तराखण्ड के अन्य धार्मिक और पौराणिक स्थलों में जाने के लिए भी प्रेरित करने पर बल दिया. गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडे और IGP करण सिंह नगन्याल को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने-आने देने के लिए डायवर्जन प्लान बनाया जाए।

उन्होंने चार धाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखने और बिना रजिस्ट्रेशन के आ चुके लोगों को 4 धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं तो वहां भेजने के निर्देश दिए. टूर ऑपरेटरों के लिये भी एडवाईजरी जारी करने पर बल देते हुए

अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसका भी विश्लेषण किया जाए कि पिछले 10 दिनों में यात्रा व्यवस्थाओं और प्रबंधन में कहां कमी रही और इसकी वजह क्या रही. यात्रा के दौरान कौन से सराहनीय कार्य किये गए।

PSD ने ACS आनन्द बर्द्धन को इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। केदारनाथ और यमुनोत्री में ड्यूटी पर बतौर नोडल अफसर भेजे गए शासन और पुलिस के अधिकारियों को निरन्तर फील्ड में रहने की ताकीद की.वे व्यवस्थाओं में जिलाधिकारी और पुलिस का सहयोग करें। यात्रा मार्गों पर पर्याप्त चिकित्सकों और दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.सभी विभाग 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहेंगे.

पेयजल समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्वतीय क्षेत्रों में ओवरहेड टैंक मूल जल स्रोतों से दूर बनाए जाए। पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखें। वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से व्यवस्था की जाए। पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। तीनों निगम UPCL-UJVNL-PTCUL आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।

मुख्सय सचिव राधा रतूड़ी-सचिव शैलेश बगौली-सचिन कुर्वे-पंकज पांडे-डॉ रंजीत सिन्हा-अरविन्द सिंह हयांकी और बृजेश संत-पराग मधुकर धकाते-षणमुगम भी बैठक में मौजूद थे.प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ऑनलाइन जुड़े थे.

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