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Experts ने Type-1 डायबिटीज को जिंदगी के लिए बहुत बड़ा ख़तरा और चुनौती करार देते हुए इसके प्रति सतर्क रहने पर बल दिया.Graphic Era डीम्ड यूनिवर्सिटी में इसी बीमारी पर सेमिनार में Experts ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को जागरूक करते हुए चिंता जताई कि युवाओं और बच्चों में भी ये गंभीर बीमारी घर कर रही है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर टाइप-1 डायबिटीज: जागरूकता, प्रबंधन व चुनौतियों पर विशेषज्ञों ने फ़िक्र प्रकट करते हुए कहा कि इसके बाबत लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना होगा.सेमिनार में ग्राफिक एरा अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ़ डायबिटीज, ओबेसिटी एंड एंडॉक्रिनलॉजी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने कहा कि टाइप-1 डायबिटीज छोटे बच्चों से लेकर युवाओं को भी शिकार बना रहा है.
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल पेनक्रियाज तकनीक टाइप-1 डायबिटीज के रोगियों में पंप के जरिए इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित कर के जीवन की गुणवत्ता को सुधरता है। डायबिटीज एजुकेटर और डायबिटीज अवेयरनेस इनीशिएटिव सोसायटी की अध्यक्ष रेखा नेगी ने लोगों को डायबिटीज के लक्षण, चुनौतियों और उसके उपचार पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया।
सेमिनार का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी ने किया। कार्यक्रम में HoD डॉ मनु पंत, प्रो.VP उनियाल और डॉ.DP सिंह भी मौजूद रहे।
Students ने Workshop में सीखे सफल उद्यमी बनने के गुर
पॉवर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप एंड सोशल इनोवेशन पर Workshop में इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आयरलैंड की एंजेला हमौदा ने कहा कि अच्छे उद्यमी बनने के लिए हमारे अंदर प्रेरणा, समर्पण, अनुशासन संकट प्रबंधन क्षमता, और वित्त ज्ञान का विकास करना जरूरी है.विफलता के भय से बाहर आना होगा और अपने काम के प्रति सकारात्मक नजरिया रखना भी जरूरी है.कार्यक्रम का आयोजन जीवन विज्ञान विभाग ने नई प्रौद्योगिकी बिजनेस इनक्यूबेटर के सहयोग से किया|
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महामारियों से निपटने को शोध जरूरी-डॉ पुनीत त्यागी
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Graphic Era Hospital के Director (Medical) डॉ. पुनीत त्यागी ने Workshop में कहा कि महामारियों से निपटने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में शोधकार्यों पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
डॉ. पुनीत ने विकसित भारत@2047 के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और निवारक चिकित्सा को सशक्त बनाने को अहम करार देते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में देश तेजी से प्रगति कर रहा है। इस क्षेत्र में शोध कार्यों, वैज्ञानिक प्रयासों और तकनीकी विकास से भारत वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने देश की स्वास्थ्य अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत बनाने पर भी बल दिया। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास में देश के युवाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। कार्यशाला में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के विकसित भारत@2047 के नोडल अधिकारी प्रो. प्रवीण कुमार, डॉ. गौरव पंत और डॉ. आशीष गौंड भी मौजूद रहे।