
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने आज महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर (देहरादून) में All India Forest Games का उद्घाटन करते हुए कहा कि खेल और पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड अग्रणी राज्य के तौर पर स्थापित हो रहा है।


वन मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल एवं कल्पना सैनी,विधायक उमेश शर्मा ‘काउ’, खजान दास, सविता कपूर, प्रमुख सचिव RK सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) समीर सिन्हा भी उद्घाटन समारोह में मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों से आए वन अधिकारियों, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए Games के 28वें संस्कारण की मेजबानी को उत्तराखंड के लिए गर्व करार दिया। आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया।
खेलों में 3390 खिलाड़ी, 42 टीमें शिरकत कर रही हैं। 700 से अधिक महिला खिलाड़ी दमखम और कौशल दिखा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेल शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ ही व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण का भी आधार हैं।” राज्य सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ वन संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयासरत है।
PSD ने कहा कि प्रदेश में 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां, एक राज्य खेल विश्वविद्यालय, और महिलाओं के लिए महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्ति दी जा रही। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान कर रही है।’वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य एवं उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा को 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों को उत्तराखंड ने ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया। सभी सामग्री ई-वेस्ट और रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार की गई। 2.77 हेक्टेयर भूमि पर ‘खेल वन’ विकसित किया गया है। पदक विजेताओं के नाम पर 1600 से अधिक रुद्राक्ष वृक्ष लगाए गए हैं। राज्य का लगभग 71% क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने GPS ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से से हल्द्वानी जू सफारी परियोजना और उत्तरकाशी में प्रस्तावित स्नो लेपर्ड कंज़र्वेशन सेंटर की स्वीकृति के लिए अनुरोध करते हुए कहा कि “दोनों परियोजनाएं राज्य के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”



