
Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने आज अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में राज्य के NRIs को अपने मूल राज्य में निवेश की दावत देते हुए वादा किया कि उनको राज्य सरकार से पूरी मदद और सहयोग मिलेगा। प्रवासियों ने भी पहल करते हुए एक-दूसरे से किसी दुरस्थ गाँव या फिर किसी बच्चे को गोद लेने में दिलचस्पी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश के लिए साहसिक पर्यटन, पावर जेनरेशन, एरोमेटिक, विनिर्माण, कृषि, उद्यान, हर्बल, आयुष एंड वेलनेस में निवेश की जोरदार संभावनाएं हैं। सरकार ने राज्य को Investment Destination के तौर पर स्थापित करने के लिए नीतिगत और ढांचागत स्तर पर बड़े सुधार किए हैं। उत्तराखंड को अपराधमुक्त और भयमुक्त करने के लिए तमाम कानूनी-सख्त प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क, रेल, हवाई अड्डा, रोप-वे, संचार नेटवर्क का बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार किया है। नीति आयोग की रैंकिंग भी इसी और इशारा करती है। उत्तराखंड की पलायन समस्या के समाधान के लिए अपनी प्रवासियों को मातृभूमि के किसी गांव-कस्बे को गोद लेते हुए उसको विकसित और संरक्षित करने का प्रण लेना चाहिए।
PSD ने प्रवासियों से कहा कि राज्य को उनकी योग्यता, अनुभव और तकनीकी ज्ञान की सख्त दरकार है। यह सम्मेलन सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव का एक विशिष्ट महोत्सव भी है। प्रवासी उत्तराखंडी अपनी ईमानदारी, मेहनत और समर्पण के लिए देश-विदेश में सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। देश के साथ ही उनको उत्तराखंड का नाम भी रोशन करना चाहिए। सरकार ने प्रवासी प्रकोष्ठ का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही Venture Fund का भी प्रावधान किया जाएगा। वर्ष-2025 में राज्य अपना रजतोत्सव मना रहा है। आगामी 28 जनवरी से राज्य राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए तैयार है। इसी महीने समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू करने जा रहे हैं। हाल ही में हमने शीतकालीन पर्यटन की शुरुआत भी की है। जो राज्य की आर्थिक के लिए Game Changer साबित होगा। उत्तराखंड के प्रवासियों ने अपने अनुभव साझा किए कि किस तरह से उन्होंने बचपन में यहां की पगडंडिया नापी।
उन्होंने कहा कि तब के और आज के उत्तराखंड में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। तब हमने रोजगार की तलाश में विदेश का रुख किया था। आज उत्तराखंड में युवाओं को काम करने के लिए बहुत संभावनाएं हैं। प्रवासी उत्तराखंडी गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, AK काला और शैलेश उप्रेती ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर की तारीफ की और कहा कि इससे उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी माटी के लिए कुछ करने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि हम सभी प्रवासियों को राज्य के दुरस्थ क्षेत्र का कोई गांव जरूर गोद लेना चाहिए। नहीं तो अपना गांव तो गोद ले ही सकते हैं। गांव गोद नहीं ले सकते तो कम से कम किसी बच्चे को ही गोद लें। कई प्रवासियों ने अपनी मातृ बोली में संबोधन किया। गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, विनोद जेठुडी, काला और शैलेश उप्रेती को समारोह में मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह की हाउस आफ हिमालयाज उत्तराखंड ब्रांड से बेचे जाने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी देखी। सम्मेलन में मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक किशोर उपाध्याय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव RK सुधांशु, सचिव R. मीनाक्षी सुंदरम, रंजीत कुमार सिन्हा, विनोद कुमार सुमन, दीपेंद्र चौधरी, आयुक्त (गढ़वाल) विनय शंकर पांडेय, DG (सूचना) बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।