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Mayor Tickets:CM पुष्कर की दहलीज पर दावेदारों के सरपरस्त सरदारों की भी दस्तक:फतह का नुस्खा रखने वाले PSD छोटी सरकार पर कब्जे की जंग भी लिखेंगे अपने नाम!

आलाकमान पैनल से नाम चुनने पर मुख्यमंत्री की पसंद को देगा तवज्जो! चुनाव के बाद अंदरूनी समीकरण में भी दिख सकता है बदलाव

Chetan Gurung

कमल के फूल निशान के साथ Mayor टिकटों की चाहत रखने वालों में से तमाम चेहरों ने अपने-अपने सरदारों की शरण ली है लेकिन उनके सरपरस्त भी आखिर इंतेखाबी फतह का नुस्खा खोंसे रखने वाले CM पुष्कर सिंह धामी की दहलीज पर ही पहुँच रहे। ये देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा से ले के विधानसभा चुनाव तक में Record सफल नतीजा देने के उस्ताद साबित होते रहे PSD छोटी सरकार के गठन में भी हुनर दिखाने में कितने अधिक कामयाब होंगे? इसमें कोई शक नहीं है कि Mayor Panel से जो भी नाम बतौर प्रत्याशी चुनाव जाएगा, उसको मुख्यमंत्री का आशीर्वाद पहले लेना ही होगा।

नगर निगम-नगर पालिका और नगर पंचायत चुनावों में टिकट के लिए रस्साकशी हर टिकट पर है लेकिन Mayor और खास तौर पर देहरादून नगर निगम के Mayor के टिकट को ले के BJP में जबर्दस्त ज़ोर आजमाइश चल रही। शायद ही कोई ऐसा दावेदार है, जिसके सिर पर आका का हाथ नहीं है। जो सिर्फ अपने बूते चुनावी समर में उतरने का हौसला और हिम्मत रखता हो। आलम ये है कि चुनाव खत्म होने तक BJP में अंदरूनी सियासी समीकरण बदले हुए नजर आएँ तो चौंकने की जरूरत नहीं होगी।

टिकट को ले के कोई दूरी वाला क्षत्रप CM के साथ नजर आ सकता है तो तो कोई करीबी दूर भी नजर आ सकता है। मेयर और अध्यक्ष पद के टिकट के लिए दावेदारों को Ex CMs भगत सिंह कोश्यारी-त्रिवेन्द्र सिंह रावत-डॉ रमेश पोखरियाल निशंक-तीरथ सिंह रावत के साथ ही BJP के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम-अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के इर्द-गिर्द लगातार मँडराते देखा जा सकता है। उनकी कोशिश संघ के ओहदेदारों से भी सिफ़ारिश कराने की चल रही है।

BJP के MPs भी अपने-अपने इलाकों के साथ ही अन्य प्रमुख क्षेत्रों की कुर्सियों के लिए भी अपने शागिर्दों-वफ़ादारों को टिकट दिलाने के लिए दौड़ धूप कर रहे हैं। इन सरदारों की भाग-दौड़ की बड़ी वजह वफ़ादारों को टिकट दिला के सत्ता के गलियारे में अपनी मजबूत पकड़ और सियासी रसूख को साबित करने की है। सियासी समीक्षक मानते हैं कि वे अपनी कोशिशों में जितने अधिक कामयाब होंगे, CM पुष्कर को वे उतनी ही अधिक चुनौती देने की सूरत पैदा करेंगे।

उनकी मजबूरी पुष्कर की Yes हासिल करने की है। उनको आला कमान,खास तौर पर PM नरेंद्र मोदी-HM अमित शाह के बेहद भरोसेमंद तथा Blue Eyed CM का दर्जा हासिल है। PSD के Tested कंधों पर पार्टी प्रत्याशियों को विजयी बना के भगवा ध्वज फहराने की है। कोई बीह सरपंच लाख माथा पटक ले लेकिन टिकट संग्राम में विजय के लिए PSD की `हाँ’ में सिर हिलाई सबसे अहम भूमिका निभाएगी। देहरादून में Mayor का टिकट किसको मिलेगा, इसको ले के मोटा-मोटा अंदाज अनुभवी पत्रकारों और सियासतदां लगाने लगे हैं।

उनका अनुमान कितना सटीक निकलता है, इस पर भी सट्टा लगाया जा सकता है। दावेदारों में पिछले महापौर सुनील उनियाल गामा-सिद्धार्थ अग्रवाल-अनिल गोयल-पुनीत मित्तल-विशाल गुप्ता के नाम शुमार हैं। इनमें से किसी ने भी कोई कोर कसर टिकट के लिए नहीं छोड़ी है। CM से ले के संघ-संगठन के बड़े ओहदेदारों तक के आँगन में माथा टेक चुके हैं। उनके ऊपर जिनका आशीर्वाद है, उनमें से भी ज़्यादातर मुख्यमंत्री से मिल के पैरवी की औपचारिकता निभा चुके हैं।

CM पुष्कर भी बहुत पैने साबित हो रहे हैं। उन्होंने अपने पत्तों को बेहद सफाई और करीने से फेंटा और लगाया है। किसी को भनक नहीं लग पा रही कि ऊंट किस ओर करवट लेगा.टिकट किसके पहलू में जा गिरेगा। बाजी कौन मारेगा! टिकटों के बँटवारे के बाद आशंकाओं के मुताबिक BJP में कुछ स्थानों पर बगावत भी हो सकती है। उनको समझा बुझा के शांत करने या फिर उनके चलते पार्टी को संभावित नुक्सान से बचाने के लिए भी BJP को खूब दम लगाना पड़ सकता है।

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