
Chetan Gurung
दुनिया की बहुत बड़ी फिक्र बन चुके पर्यावरण को बचाने के लिए Graphic Era विवि में Experts ने नई तकनीकों को आजमाने और उस पर अमल करने से होने वाले फ़ायदों पर आज से शुरू International Conference में जम के Brain Storming की।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में सतत विकास के लिए मौजूदा तकनीकों पर आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता के प्रो. साधन कुमार घोष ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए शिक्षा, उद्योग जगत व सरकार को मिलकर कार्य करने होंगे। इसके लिए शोध व विकास कार्यों में और ज्यादा निवेश करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि खुद की आदतों में परिवर्तन करके कार्बन, पानी व अन्य तरहों के फुटप्रिंट कम किए जा सकेंगे। विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड के सचिव आदित्य कुमार दिनकर ने कहा कि पर्यावरण में तेजी से आ रहे बदलावों का समाधान शोधकार्यों, विचारों के आदान-प्रदान व साथ मिलकर कार्य करके निकाला जा सकता है।
कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि लगातार बढ़ते तापमान, पिघलते ग्लेश्यिर, ग्रीन हाउस गैस जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी, बेहतर सोलर पैनल, जियोथर्मल ऊर्जा, बायो एनर्जी व इण्टरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े उपकरण बेहतरीन विकल्प हैं। ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैंडर्ड, देहरादून के प्रमुख सौरभ तिवारी ने छात्र-छात्राओं को उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सम्मेलन में स्मारिका व डा. टोनी नादेर की पुस्तक ’कान्शियस इज ऑल देअर इज’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी व इण्टरनैशनल सोसायटी ऑफ वेस्ट मैनेजमेण्ट, एयर एण्ड वॉटर के बीच MoU किया गया। ईको मेले में छात्र-छात्राओं ने हर्बल साबुन, लिफाफे, व्यंजन, ईको फ्रेंडली उत्पाद खुद तैयार कर प्रदर्शित किए।
दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन आज 80 शोधपत्र पढ़े गए। 20 पोस्टर प्रदर्शित किए गए। सम्मेलन का आयोजन Department of Environment Science कर रहा है। सम्मेलन में HoD डा. प्रतिभा नैथानी, डा. विपिन गुप्ता व AIG निलिमा शाह, संयोजक डा. सुमन नैथानी, डीन (प्रोजेक्ट्स) डा. प्रदीप कुमार शर्मा, प्रो. अर्चना बछेती, आयोजन सचिव डा. रचन कर्माकर, डा. अधिरथ मण्डल, सौरव सती, निखिल रंजन बेहरा मौजूद रहे। संचालन डा. भारती शर्मा ने किया।