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`शब्दावली’ का अंतिम दिन!साहित्यिक रचनाओं पर गहन मंथन:हिंदी साहित्य को बढ़ावा दें युवा

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लेखकों-रचनाकारों-साहित्यकारों ने आज हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं राजभाषा पखवाड़े ‘शब्दावली’ के अंतिम दिन साहित्यिक रचनाओं पर गहन मंथन और चर्चा की‌। साहित्य प्रेमियों, लेखकों, कवियों और अनुवादकों ने युवाओं से हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने पर बल दिया।

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और वैली ऑफ वर्ड्स के संयुक्त आयोजन `शब्दावली’ के आखिरी दिन लेखिका जोराम यालाम नाबाम की पुस्तक ‘गाय गाइका की औरतें’ पर चर्चा की गई। उन्होंने पुस्तक के शीर्षक की गहराई और उसकी भावनात्मकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए पुस्तक में निहित सांस्कृतिक महत्व को भी समझाया। लेखिका भारती शर्मा और कवयित्री ममता किरण ने भी विचार साझा किए।

दूसरे सत्र में साहित्यकारों ने साहित्य में ‘राहुल सांकृत्यायन के योगदान’ पर चर्चा की। लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, अंजुम शर्मा, और दिव्यांशु शर्मा ने राहुल के जीवन, उनके यात्रा वृतांतों और उनके साहित्य से प्रेरणा लेने पर गहन चर्चा की। हिंदी साहित्य पर एक रोचक क्विज़ का भी आयोजन किया गया। युवाओं ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इसके बाद आयोजित कवि सम्मेलन में युवा कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। शाम के सत्र में कवि पद्मश्री लीला धर जगूड़ी ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया. कुछ नई रचनाएं भी साझा की। उनके नेतृत्व में काव्य संध्या का आयोजन हुआ. विभिन्न कवियों और लेखकों ने इसमें रचना पाठ किया।

इस अवसर पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों में टीम नटरंग के नृत्य, आइना थिएटर ग्रुप की नाट्य प्रस्तुति और टीम नंदाज़ के गीतों ने खूब तालियां बटोरी।

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