
Chetan Gurung
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखंड के लिए नीतियां तैयार करते वक्त यहाँ की भौगोलिक दशा और सामरिक महत्त्व को जरूर ध्यान में रखा जाए। मुख्यमंत्री को नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने SDG Ranking में अव्वल स्थान हासिल करने के लिए बधाई दी.
CM ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थियों और इन सभी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के लिए नीतियों बनाई जाती हैं तो वह अधिक लाभदायक और सार्थक साबित होंगी.पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने की भी दरकार है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने कीमहत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है. इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है. इसके लिए नीति आयोग से तकनीकी सहयोग जरूरी है.ये भी ध्यान में रख के नीति बनानी होगी कि उत्तराखण्ड की आबादी भले लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है।
PSD ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने। ये भी ध्यान में रखें कि राज्य में अवस्थापना सुविधाएँ प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी बर्बाद होती हैं। इनको भी नीति बनाते समय ध्यान में रखा जाए. वनाग्नि से जूझने के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए `सशक्त उत्तराखण्ड पहल’ वर्ष 2022 में आरम्भ किया है.इसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। NITI आयोग के उपाध्यक्ष ने बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग हर संभव सहयोग देगा।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग सोनिया पंत, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, SN पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, CPPGG केACEO डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।