
Chetan Gurung
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अटल भूजल योजना के तहत जल संकटग्रस्त चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में जल बजटिंग व कार्यक्रम के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन की देखरेख और विभिन्न राज्य एजेंसियों के बीच भूजल प्रबंधन के लिए समन्वय के लिए State Level Steering Committee का गठन करने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने कमेटी में लघु सिचाई विभाग को नोडल विभाग बनाया. पेयजल व स्वच्छता, शहरी विकास, शहरी विकास, पंचायती राज, सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग व स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण ( SARRA½) को भी समिति में शामिल करने के निर्देश दिए। नोडल विभाग को स्थानीय निकायों के स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स नामित करने तथा उनके प्रशिक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा. मास्टर ट्रेनर वाटर प्लान व बजटिंग बनाने में सहायता करेंगे।
राधा ने जल संकट से जूझ रहे चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना के तहत कैच द रैन, अमृतसरोवर, स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (SARRA) की गतिविधियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाना है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए जल बजट और वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार करते समय जल उपलब्धता और उपयोग जैसे जल संबंधी डेटा का उपयोग किया जाएगा। ये योजनाएँ सामुदायिक भागीदारी से तैयार की जाएंगी. जल संबंधी डेटा को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर (डीडब्ल्यूएलआर), वाटर लेवल साउंडर, रेन गेज, वाटर फ्लो मीटर उपकरण लगाए जाएंगे।
सचिवालय में हुई बैठक में सचिव शैलेश बगौली सहित पंचायती राज, पेयजल, शहरी विकास, सिचाई, लघु सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।