
Chetan Gurung
अपर मुख्य सचिव (ACS) आनन्द बर्द्धन ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राकृतिक जल स्रोतों, नौलों-धाराओं और नदियों के संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बेहतर एवं असरदार Action Plan शासन को भेजें। शुक्रवार को सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (SARRA) की 11वीं जिला एवं अन्तर्विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने सभी Districts और Departments को Best Practice अपनाने की हिदायत दी.
उन्होंने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए लघु एवं दीर्घ कालीन नीतियों पर कार्य करने की जरूरत जताई। ये भी कहा कि चिह्नित जल स्रोतों एवं नदियों का जिओ – हइड्रोलॉजिकल अध्ययन करवा कर उसकी नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने DMs को जिलों के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अमृत सरोवर के ग्राउंड वेरिफिकेशन कराने के निर्देश भी दिए।
आनंदबर्द्धन ने कहा कि सारा से संबंधित कार्य योजनाओं में किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत शासन को रिपोर्ट की जाए. संबंधित विभाग आपसी सहयोग से जल संरक्षण के कार्य को करेंगे। कार्यों की जियो-टैगिंग अनिवार्य रूप की जाए। सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज के प्रस्तावित कार्यों को तेज़ी से अमल में लाया जाए.
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (SARRA) नीना ग्रेवाल ने बताया कि राज्य में ग्राम स्तर पर 5421 जल स्रोतों, विकासखण्ड स्तर पर 929 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोत, एवं जनपद स्तर पर 292 सहायक नदियों / धाराओं की उपचार गतिविधियां संचालित हैं। 6350 जल स्रोत का उपचार कार्य चल रहा है। जल संरक्षण अभियान 2024 के अंतर्गत 2.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज करने का लक्ष्य रखा गया था. लगभग 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज कर लिया गया है।
इस अवसर पर अपर सचिव नमामि बंसल, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।