
Graphic Era विवि में आज बेहतरीन शोध के लिए शिक्षकों पर पैसों की बारिश के साथ एक्सीलेंस अवार्ड दिए गए.GEGI के Chairman डॉ कमल घनशाला ने कहा कि समूह खोज और शोध कार्यों को बढ़ावा दे के देश और मानवता के विकास में प्रमुख भूमिका निभाता रहेगा.NITI आयोग के सदस्य और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ VK सारस्वत ने शोधकर्ताओं और शिक्षकों से देश को Product Nation बनाने में अहम भूमिका निभाने को कहा.उन्होंने नई खोजों और शोध के लिए बेहतर ईको सिस्टम को जरूरी करार दिया।
डॉ सारस्वत ने रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को उनके बेहतरीन शोध कार्य, नई खोज और प्रोजेक्ट करने पर डेढ़ करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए। अपने कैरियर की शुरुआत के वर्ष (1965) का जिक्र करते हुए बताया कि उस दौर में आज सरीखे न तो रिसर्च पेपर लिखे जाते थे और न ही रिसर्च के लिए कोई ईको सिस्टम था।
उन्होंने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साईंस बंगलौर में एमटेक के दौरान दो वर्ष में उन्होंने रिसर्च को जाना और समझा. नई खोजों के लिए रिसर्च क्यों जरूरी है और रिसर्च कैसे की जाती है, देश के लिए इसका कितना महत्व है, ये सब समझा। नीति आयोग के सदस्य व ग्राफिक एरा के चांसलर डॉ सारस्वत ने कहा कि देश को प्रोडक्ट नेशन बनाना हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि आज मेडिकल और रिसर्च के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकांश उपकरण विदेशों से आ रहे हैं। छोटा सा देश वियतनाम अपने एक ब्रांड से दुनिया भर के बाजार पर अपनी पकड़ बना रहा है। हमें भी अपने उत्पादों की क्वालिटी बेहतरीन बनाकर अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी अलग पहचान बनानी होगी। इसके लिए रिसर्च को ज्यादा उपयोगी बनाना और उत्पादों से जोड़ना होगा।
डॉ सारस्वत ने कहा कि आज की तकनीकी दुनिया में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंसी और ड्रोन जैसी तकनीकें मौजूद हैं. इन्हें आगे बढ़ाने का सिलसिला लगातार चलते रहना चाहिए। प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च के लिए अच्छा ईको सिस्टम होना चाहिए। हमें उपकरणों के विकास और निर्माण पर भी ध्यान देना होगा. आयातित उपकरणों से बेहतर उपकरण व मशीनें बनाकर हम देश को प्रोडक्ट नेशन बना सकते हैं। डॉ सारस्वत ने ग्राफिक एरा में रिसर्च के ईको सिस्टम को शानदार बताया.उन्होंने कहा कि रिसर्च और खोजों के लिए डेढ़ करोड़ रुपये पुरस्कार के रूप में देना और शोधकर्ताओं को नई तकनीकें व सुविधाएं मुहैया कराना, एक के बाद एक नई खोजें होना इसी का प्रमाण है।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि ये पुरस्कार शोध और नई खोजों के लिए किए प्रयासों को सम्मान और प्रोत्साहन देने के लिए दिए जाते हैं। शिक्षकों के नए शोध और खोजें देश व दुनिया के लिए नए उपहार साबित हो रहे हैं। नई खोजों से जुड़ी टाई फाइड डाइग्नोस करने की ग्राफिक एरा की नई किट पूरी दुनिया में इस रोग के इलाज को आसान बनाने लगी है। इसी तरह नई खोज करना और उनके आधार पर नये उत्पाद तैयार करना देश को प्रोडक्ट नेशन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य है।
समारोह में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह ने बताया कि इस वर्ष यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने शोध करके आठ हजार पेपर स्कोपस में प्रकाशित किए है. एक हजार दो सौ पब्लिश पेटेंट हासिल किये हैं। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय जसोला ने आभार व्यक्त किया। रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड -2024 समारोह में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 128 शिक्षकों को और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी 41 शिक्षकों को अवार्ड दिए गए.
फूड साईंस एंड टेक्नोलॉजी के डॉ विनोद कुमार को 7 लाख 32 हजार 435 रुपये, गणित विभाग के डॉ मांगेराम को 5 लाख 42 हजार 922 रुपये, इलेक्ट्रीकल डिपार्टमेंट के डॉ मोहित बजाज को 4,96,650 रुपये, कम्प्यूटर साईंस के डॉ मनोज दिवाकर को 4,46,340 रुपये, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉ देश बंधु सिंह को 4,42,002 रुपये, कम्प्यूटर साईंस के डॉ मोहम्मद वाजिद को 4,16,100 रुपये, इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग के डॉ वारिज पंवार को 3,92,733 रुपये के पुरस्कार मिले।
पुरस्कार पाने वालों डॉ मनु शर्मा, डॉ अरुणिमा नायर, डॉ प्रभाकर सेमवाल, डॉ के. उधम सिंह, डॉ व्रिंस विमल और डॉ अक्षय कुमार शामिल हैं। समारोह में यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ राकेश कुमार शर्मा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। संचालन डॉ एम पी सिंह ने किया।