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Success Story::केदारनाथ आपदा के 11 साल बाद सबसे बड़े Operation में 11,775 को बचा-निकाल लाए CM पुष्कर:रोजाना सुबह-दिन-शाम ले रहे Report:सेना-AF-NDRF-SDRF-Police समेत तमाम महकमे राहत अभियान में झोंके

चिनूक-MI-17 के साथ अन्य हेलिकॉप्टर का खुल के इस्तेमाल:दवाइयों-भोजन का बंदोबस्त:आज भी आला अफसरों ने केदारनाथ में किया दौरा-लिया जायजा

Chetan Gurung

साल-2013 के जुलाई में केदारघाटी में दुनिया को हिला देने वाली भीषण आपदा में 6000 से ज्यादा (अनाधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 10,000) लोगों ने प्राण गंवा दिए थे.इनमें 964 के करीब स्थानीय लोग थे.इस बार भी आपदा ने केदारघाटी को तहस-नहस कर दिया.कई प्रमुख रास्ते तबाह हो गए.हजारों लोग जहाँ के तहां फंस गए.फंसे तीर्थयात्रियों-पर्यटकों के सामने 12 साल पहले का खौफनाक मंजर नाचने लगा लेकिन इस बार उत्तराखंड सरकार बेहद सतर्क और तूफानी साबित हुई.CM पुष्कर सिंह धामी ने फ़ौरन न सिर्फ बचाव अभियान को केंद्र सरकार की मदद से चालू किया बल्कि पूरी कमान Phantom-Superman की तरह खुद थाम ली.सेना और Airforce की भी NDRF-SDRF-पुलिस के साथ मदद ली.11,775 लोगों को जलजला किस्म की आपदा से एकदम महफूज निकाल लाए.वह रोज 3-4 बार राहत अभियान की रिपोर्ट ले रहे.खुद लोगों से मिलने पहुँच रहे.आज भी 3 सचिवों और Commissioner को उन्होंने केदारनाथ भेज के अभियान को और प्रभावी और तेज करने की कोशिश की.

आपदा के शिकार और परेशान लोगों को सुरक्षा का आश्वासन देते और ढाढस बंधाने CM पुष्कर सिंह धामी खुद भी उनके बीच पहुंचे

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सचिवों के दल को आज केदार घाटी में राहत-बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए जायजा लेने CM पुष्कर ने भेजा

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केदारनाथ में एक दशक से अधिक पहले की आपदा के दौरान उस वक्त के नौकरशाहों (बाद में मुख्य सचिव बने राकेश शर्मा-आजकल वित्त सचिव दिलीप जावलकर को छोड़ कर) पर उनके रुख और अंदाज को ले के खूब अंगुली उठी थी.उस वक्त की कांग्रेस सरकार के CM विजय बहुगुणा पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे.भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए थे.तब उत्तराखंड सरकार पहले तो हालात को भांप पाने और राहत-बचाव अभियान को तत्काल शुरू करने में फुर्ती नहीं दिखा पाए थे.इसकी कीमत हजारों श्रद्धालुओं की मलबे-पहाड़ में दब के-बह-डूब के-भूख-प्यास-ठण्ड-दहशत से मौत हो गई थी.

असहायों को SDRF ने पीठ में उठा के हेलिकॉप्टर तक पहुँचाया

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फंसे लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

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इस बार केदार घाटी में तब सरीखी आपदा भले नहीं आई लेकिन हालात कहीं से भी आसान और कम डरावने नहीं हैं.मुख्यमंत्री पुष्कर ने इस बार की आपदा से निबटने में तेजी के साथ अनुभवी वाला रुख अपनाया.सरकार उनके देख-रेख में हजारों लोगों को सकुशल निकाल लाने में सफल रही. फंसे लोगों को बिना डरे रहने और हेलिकॉप्टर से निकाल लाने तक सुरक्षित रखने देने का बंदोबस्त किया गया.उनके लिए दवाइयों और भोजन और कच्चे राशन के साथ ही अन्य जरूरी वस्तुओं को उपलब्ध कराया जा रहा.

पूर्व नौकरशाह मान रहे हैं कि सरकार अगर Extra फुर्ती और सतर्कता न दिखाती तो सैकड़ों लोग दहशत और अन्य दिक्कतों से भी जान गंवा बैठते.AF-सेना और राज्य सरकार के हेलिकॉप्टर फंसे लोगों को केदारनाथ-लिंचोली-भीमबली-चीड़बासा से Airlift कर के सुरक्षित ले आए.बड़ी बात ये रही कि इस अभियान को सफलतापूर्वक चालू करने में पल भर की भी देरी नहीं की गई.

आज भी चिनूक-MI-17 ने कई लोगों को Rescue किया.मुख्यमंत्री ने अपने आला अफसरों को भी चैन-सुकून से रहने नहीं दिया है.उनको भी रात-दिन आपदा राहत कार्यों में व्यस्त रखा है.खुद भी उनके बीच आपदा प्रबंधन केंद्र बार-बार पहुँच रहे.या फिर उनके साथ बैठकें कर रहें.आज भी सचिव (PWD) डॉ पंकज पांडे, सचिव (आपदा) विनोद सुमन, गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता (राष्ट्रीय राजमार्ग) दयानंद को केदारघाटी भेजा.उनसे प्रभावित क्षेत्रों के पैदल निरीक्षण एव हवाई सर्वेक्षण की रिपोर्ट ली। नौकरशाहों की टीम ने मार्गों का जायजा लेते हुए सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पूरी तरह ख़त्म हो चुकी सड़क को फिर बनाने और तत्काल काम शुरू करने का फैसला किया.अनिवार्य  पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

सचिव पंकज ने कहा कि सड़क एव पैदल मार्गों का निर्माण तत्काल करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाएगा। हर साइट पर एक AE और एक JE की तैनाती होगी. गौरीकुंड के करीब घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है. जंगलचट्टी में 60 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। 29 साइट्स पर कार्य होने हैं.अलग-अलग स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है। DM सौरभ गहरवार ने सड़क एव पैदल मार्गों पर हो रहे कार्यों-राहत अभियान की रिपोर्ट शासन के अफसरों के दल को दी. पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने संवेदनशील क्षेत्रों के पर सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।

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