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कामयाबी-उम्मीदों के शिखर पर `पुष्कर’!!तीसरी सालगिरह मनाने के बाद और आगे जाना है!मोदी-शाह-BJP की कसौटी पर खरे!Blue Eyed Boy के तौर पर स्थापित

The Corner View

CHETAN GURUNG

उस दिन सुबह ही थोड़ी गर्मी होने लगी थी और सुबह ही Common दोस्त का फोन आया.छूटते ही कहा,`भाई साहब `पुष्कर’ जी CM बन गए’.फिर कुछ BJP के बड़े और ठीक-ठाक नेताओं के भी फोन आए.एकाध को मैंने भी किया.सभी ने कहा,खबर सच है.तब तक मुझे भी जहाँ से पक्के वाला फोन आना था, आ गया.मामला बेशक BJP का था और नए CM की घोषणा थी,लेकिन ये मेरे लिए भी बेहद ख़ास पलों में शुमार था.ये सच है कि जिन तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्कर मुख्यमंत्री बनाए गए थे, उनसे भी दशकों पुराना और वाकई करीबी नाता था लेकिन उनकी जगह जिस नौजवान को BJP की तकरीबन डूब चुकी नौका की पतवार थमाई गई थी, वह अजीज था.हर बड़े मौकों पर हम साथ रहे.चाहे सियासी हो या फिर एकदम नितांत निजी-पारिवारिक पल.PM नरेंद्र मोदी और HM अमित शाह ने काबिलियत और प्रतिभा का सही और सटीक आंकलन-अनुमान लगा लिया था.ऐन विधानसभा चुनाव से 8 महीने पहले सरकार का मुखिया बदल के.कभी राज्यमंत्री तक न बने युवा को चुनावी महासमर में डंका बजाने का जिम्मा सौंपा गया था.हिन्दुस्तानी सियासत के दोनों Big Boss के साए में पुष्कर ने वह कर दिखाया जिसकी उत्तराखंड में किसी ने कल्पना नहीं की थी.शायद खुद BJP ने भी नहीं.

PM Narendra Modi के बेहद करीबियों-विश्वासपात्रों में शुमार में शुमार होते हैं Pushkar Singh Dhami

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PSD की रात-दिन की तूफानी मेहनत ने कमाल किया. चुनाव में जबरदस्त तादाद में सीटें जीत के वह BJP की सरकार शानदार ढंग से बचा ले आए.ये याद रखना चाहिए कि देवभूमि के लोगों की छवि और प्रतिष्ठा एक कार्यकाल के बाद ही सरकार को असुर के तौर पर देख के दफा करने की रही थी.ऐसा कभी नहीं हुआ था कि उसने फिर से एक ही Party को फिर सरकार सौंप दी हो.पुष्कर को इसलिए भी याद किया जाएगा कि वह BJP के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जो बेहद संतुलित और प्रभावशाली बोलते हैं.कड़े कदम उठाने में सानी नहीं रखते हैं.उन पर आला कमान और खास तौर पर मोदी-शाह गजब का यकीन रखते हैं.वह आज मोदी-शाह के Blue Eyed Boy हैं.उत्तराखंड BJP के सबसे मजबूत और Tested स्तम्भ.

उनका प्रतियोगी इम्तिहानों में नक़ल रोकने के लिए लाया गया सख्त कानून केंद्र और UP समेत कई अन्य राज्यों की सरकारों ने अंगीकृत किया.ये कम बड़ी बात नहीं है.उनका समान नागरिक संहिता (UCC) को भी अपना के PM मोदी ने साफ़ किया कि उनको अपने इस युवाCM पर किस कदर यकीन है.उत्तराखंड राज्य का गठन होते ही भ्रष्टाचार ने जड़ें मजबूत करना शुरू कर दिया था.एक के बाद एक तमाम बड़े घोटाले BJP-Congress के शासनकाल में सामने आए.मुख्यमंत्री चाहे BJP के BC खंडूड़ी-डॉ रमेश पोखरियाल निशंक-त्रिवेंद्र सिंह रावत या फिर Congress के विजय बहुगुणा-हरीश रावत.भ्रष्टाचार पर प्रहार करने के मामले में वे लाचार दिखाई दिए.

पुष्कर के CM बनने के बाद IAS रामबिलास यादव-संघ और BJP के ही करीबी समझे जाने वाले पूर्व IFtS RBS रावत तक जेल भेज दिए गए.Suspend होने और सम्बद्ध होने वालों की संख्या का हिसाब नहीं है.हाल ही में जंगल की आग में लोगों की मौत के मामले में कई IFtS अफसरों को पुष्कर ने नाप डाला.भारतीय वन सेवा बहुत बड़ा कैडर है.उसके अफसरों पर हाथ डालने से आम तौर पर सरकार जल्दबाजी नहीं करती है.चर्चित PCS अफसर रामजी शरण को सरकार के रुख के चलते ही चुनाव आयोग ने मुअत्तल किया था. बड़े और संघ-BJP को जंचने वाले सख्त फैसले लेने में भी PSD कभी पीछे नहीं हटे.Land जिहाद पर Action-धर्मांतरण कानून लागू करना हिम्मत की बात है.अपराधियों और अपराध पर काबू करने के मामले में भी सरकार अब कहीं सख्त नजर आती है.

अर्थ व्यवस्था और रोजगार-संसाधन बढ़ाने के मामले में भी उनकी कोशिशें रंग लाने की दिशा में है.ग्लोबल निवेशक सम्मेलन ने देश-दुनिया का ध्यान खूब खींचा है.निवेश आने लगा है.पुष्कर की एक खूबी खास है.वह खाली बिल्कुल नहीं बैठते न ही देहरादून ही बैठ के सरकार चलाने में यकीन रखते हैं.ऐसा होता तो BJP की सरकार शायद ही दुबारा आ पाती.आम तौर पर BJP-कांग्रेस सरकारों के मुख्यमंत्रियों को राजधानी से बाहर कम ही निकलते देखा गया था.पहली बार लगा कि कोई Phantom किस्म का 360 डिग्री वाला CM आए हैं.जो हर वक्त सक्रिय है और किसी भी पल कहीं भी पहुँचने में नहीं हिचकते हैं.लोकसभा चुनाव में मोदी-शाह ने उनकी इस खूबी और ऊर्जा का भरपूर इस्तेमाल जम के किया.

उत्तराखंड छोड़िये देश के किसी भी अन्य पार्टी चेहरे (मोदी-शाह-नड्डा छोड़ के) को आला कमान ने इतनी व्यस्त जिम्मेदारी नहीं दी थी.चुनाव के दौरान पुष्कर प्रचार में व्यस्त रहने के बावजूद आचार संहिता के दायरे में सरकार को भी चलाते रहे.4 धाम यात्रा पर जन सैलाब उमड़ उठने और बारिश में देरी-भीषण गर्मी से जंगलों के सुर्ख लाल और धधक उठने से जन्मी चुनौती का सामना करना किसी के लिए भी सहज नहीं था.तीनों चुनौतियों को उन्होंने सफलतापूर्वक निबटाया.उन्होंने एक दिन में 8 कार्यक्रम (सरकार और BJP के मिला के) अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग शहरों में निबटाए.ये कोई मजाक नहीं था.

उत्तराखंड में ऐसे हालात में सौ फ़ीसदी कामयाबी BJP-मोदी-शाह को दिलाई जब देश भर में पार्टी के लिए हालात खराब नजर आए.एक-एक सीट की अहमियत के दौर में उत्तराखंड से मोदी को 5 की 5 सीट मिलीं.इसमें दो राय नहीं है कि आज पुष्कर मोदी-शाह की आँख का तारा है.सफलता की गारंटी हैं.BJP की Second Line के शीर्ष चेहरों में शुमार हैं.जल्द ही वह Frontline में शामिल होते हैं तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए.मुझे ख़ुशी इसलिए होती है कि इस युवा मुख्यमंत्री से जुड़ी मेरी दो बातें एकदम सत्य साबित हुई.हम कई बार सचिवालय या फिर कहीं और जब आला नौकरशाहों से एक साथ मुखातिब होते थे तो मैं ये कहने से कभी नहीं चूकता था कि ये भविष्य के CM हैं.तब वह बस पहली बार खटीमा से MLA बने ही थे.वह CM बने तो कई IAS-IPS अफसरों ने मुझको मेरी वह बात याद दिलाई कि आपकी बात सही साबित हुई.

विधानसभा के आम चुनाव में उनका खटीमा से लड़ना मुझे जंचा नहीं था.वह पार्टी को जितवाने के लिए बैल की तरह खट रहे थे और बीरबल की तरह दिमाग लगाने में व्यस्त थे.पार्टी के ही लोग उनको निबटाने में जुटे हुए थे.वह भी जान चुके थे.पुष्कर सिर्फ इसलिए खटीमा छोड़ने के लिए राजी नहीं हुए कि इससे गलत सन्देश जाता.पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता.उन्होंने खुद की विजय से ज्यादा BJP को सरकार में लाने को तवज्जो दी.अंदेशों के मुताबिक वह हार गए लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई.पार्टी ने उनकी अगुवाई में नया इतिहास लिख डाला.मेरी दूसरी बात या फिर कहें कि दावा भी PSD से जुड़ा था.वह भी सच साबित हुआ.खटीमा की जंग गंवाने के बावजूद मैंने ये लिखने और कहने में लेशमात्र संकोच नहीं किया कि CM बनने की दौड़ में पुष्कर बहुत आगे हैं.

मुझे याद है मुझे BJP के ही कुछ बड़े नामों ने फोन किया या फिर मिलने पर कहा,आप ऐसा कैसे लिख रहे हो? पुष्कर तो चुनाव ही हार गए हैं.वह अब मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं’? कुछ दिनों के इन्तजार के बाद ही वह मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे थे तो मेरी ख़ुशी समझी जा सकती थी.बेशक पुष्कर बहुत बड़ा सियासी नाम और चेहरा बन चुके हैं लेकिन ये भी सच है कि वह असल में आज भी पहाड़ का सरल हृदय वही साधारण फौजी पुत्र युवा है, जो अरमानों के साथ सपनों को ले के कभी लखनऊ गया था.वहां सियासत का ककहरा सीखा.फिर उसको उत्तराखंड की सियासत में सबसे बड़ी डिग्री में तब्दील कर दिखाया.बड़ी जिम्मेदारियों से घिरे और उलझे PSD से अब उतनी मुलाकातें नहीं हो पाती हैं लेकिन उनको कामयाबी की डगर पर तेजी से दौड़ते देख के हैरानी नहीं होती है.वह मेरी तो उम्मीदों के अनुसार ही आगे बढ़ रहे हैं.

पत्रकार और राजनेता में पेशेवर नाता हो सकता है लेकिन हम दोनों जब भी मिले या मिलते हैं, दोनों ही इसको भुला के साथ बैठते हैं.उनको अभी लंबा जाना है.और बड़ी मंजिलों को हासिल करना है.ये बेहिचक कहा जा सकता है कि पुष्कर ने मोदी-शाह-पार्टी को लगातार कामयाबी के कई तोहफे दिए हैं.उनके साथ विडंबना ये है कि उनको न तो बेहतर लोगों से सज्जित मंत्रिमंडल मिला न ही उस किस्म के बेहतरीन नौकरशाह ही मिले, जो विजय बहुगुणा-खंडूड़ी-निशंक-ND तिवारी को हासिल थे.आज के नौकरशाहों की तुलना उनके पूर्ववर्तियों से करना हास्यास्पद ही होगा.फिर भी जो उपलब्ध हैं, उनको ही कस के और ढंग के अफसरों को अहम जिम्मेदारी सौंप के वह कुछ कसर पूरी कर सकते हैं.जो भी हो फिलहाल,लोगों की उम्मीदों और विश्वास के महासागर पुष्कर को दो बार CM बनने और 3 साल का संयुक्त सफ़र शानदार अंदाज में पूरा करने की बधाई और शुभकामनाएं!!

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