उत्तराखंडराजनीति

CM पुष्कर ने चुनाव प्रचार से वक्त निकाल दिल्ली से ही की VC:जंगल की दहकती आग-4 धाम यात्रा-पेयजल-बिजली पर आला अफसरों को सख्त ताकीद:लोगों को न हो कोई तकलीफ

मुख्यमंत्री की हिदायतें-`पुलिस का बर्ताव श्रद्धालुओं-पर्यटकों संग संग अच्छा हो:बिजली-पानी की आपूर्ति में बाधा न आए:सड़कें 10 मई तक चकाचक दिखें’

Chetan Gurung

लोकसभा चुनाव की जबरदस्त गर्मी और BJP के लिए प्रचार से वक्त निकाल के आज दिल्ली से ही CM पुष्कर सिंह धामी ने आग से धधकते जंगल को जल्द शांत करने-पेयजल समस्या-4-धाम यात्रा, विद्युत आपूर्ति पर आला अफसरों को सख्त ताकीद की कि लोगों और तीर्थयात्रियों-पर्यटकों का ख़ास ख्याल रखा जाए.उनको किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

शासन के Top नौकरशाहों और सभी DMs  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने हिदायत दी कि वनाग्नि को लेकर जिम्मेदारी ऊपर से नीचे की तरफ तय की जाए.उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए कि मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों को प्रभागों की जिम्मेदारी बांटी जाए. सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। जिलाधिकारी भी वन विभाग का पूर्ण सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि Duty पर तैनात फायर वॉचर्स की भी सुरक्षा के उपाय किए जाएं.उनके बीमा के विकल्पों पर विचार किया जाए। DFO-उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। दफ्तर में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। जिलाधिकारी हालत के मुताबिक फैसले लें.

CS ने कहा कि जंगल की आग बुझाने के मामले में हफ्ते भर में Positive नतीजे आ जाएंगे.Forest Chief (HofF) धनञ्जय मोहन ने बताया कि वनाग्नि के 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं. 60 नामजद मुकदमे दर्ज हैं। एक से छह घंटों में आग पर काबू पा लिया जा रहा है। पिरूल पर NTPC के साथ राज्य सरकार के करार की जानकारी भी बैठक में दी गई.NTPC ने राज्य से पिरूल लेना शुरू कर दिया है।

CM ने कहा कि 4 धाम यात्रा चुनौती संग परीक्षा भी है.यहाँ से लोग अच्छा संदेश लेकर जाएं, इस पर कार्य और कोशिश की जाए.उन्होंने DGP अभिनव कुमार को निर्देश दिए किए मंदिर परिसरों में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें,इसे सुनिश्चित किया जाए.पुलिस लोगों की मदद के लिए तत्काल आगे आए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में VIP का मूवमेंट कम से कम हो,इस पर गौर करें।

उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की रोटेशन में तैनाती की जाए. सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवाओं को लेकर आती है. इस पर बहुत ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है। DGP ने बताया कि DIG (Law and Order) को ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी भी दी गई है।

उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी वाले मार्ग पर लगने वाले जाम के मद्देनजर देहरादून के SP (Rural Area) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल SP (कोटद्वार) व CO (नरेन्द्र नगर) उनका सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग और अधिकारी ओनरशिप लेकर पॉजिटिव भाव के साथ मिल के कार्य करें।

CM पुष्कर ने कहा कि पीने के पानी के लिहाज से अभी सबसे कठिन चुनौती आना शेष है. अभी से इसका सफलतापूर्वक सामना करने के लिए ठोस तैयारियां की जाए.सचिव (पेयजल) अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि राज्य में 317 गांव व शहरी क्षेत्रों में 148 मोहल्ले ऐसे हैं, जहाँ पेयजल की समस्या है.इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए तमाम विकल्पों को अपनाया जा रहा है.सबसे ज्यादा शिकायतें देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, डीडीहाट, कोटद्वार, चम्पावत से आ रही हैं।

सचिव ने बताया कि 1 अप्रैल से 30 जून तक समस्त जिलों में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगा दी गई है.सभी DMs  को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे वर्कशॉप्स में वाहनों के ड्राई वाश को सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को हर जिले में 10-10 छोटे नाले- धारे को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य दिया गया है। राज्य स्तर पर 10 छोटी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने PWD को जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि 10 मई तक चार धाम यात्रा वाली सड़कें चकाचक हो जानी चाहिए। लोनिवि सचिव डॉ पंकज पांडेय ने बताया कि अपर सचिव व अन्य अधिकारियों को इसके लिए नियमित रूप से फील्ड Visit पर भेजा जा रहा है.CM ने विद्युत आपूर्ति के लिहाज से लघु व दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करने के निर्देश दिए.सचिव (ऊर्जा) R मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि चार धामों में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा बिजली की आवश्यकता होगी.इसके लिए लघु और दीर्घकालिक दोनों योजनाओं पर काम करना है। आपदा प्रबंधन के मद्देनजर Monsoon और अतिवृष्टि को ख्याल में रखते हुए अभी से बचाव की पूरी तैयारी कर ली जाए.

 

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