Finance Commission उत्तराखंड की असल जरूरतों पर मदद करें-CM पुष्कर:राज्य का Stand प्रभावशाली ढंग से पेश किया:Revenue Need Grant की पैरोकारी की:जनप्रतिनिधियों ने FC Chairman डॉ अरविंद से की Extra Budget की पुरजोर गुजारिश
सभी सियासी दलों ने राज्य हित में एकजुट हो के रखी मांगें

Chetan Gurung
CM पुष्कर सिंह धामी ने आज 16वें Finance Commission के सामने उत्तराखंड की वित्तीय जरूरतों,संरचनात्मक चुनौतियों के साथ ही राज्य की खास किस्म की भौगोलिक-सामाजिक दशा के मद्देनजर ठोस ढंग से अपना Stand रखा। आयोग से Revenue Need Grant को Deficit Grant के स्थान पर अमल में लाने की सलाह को प्रमुखता से रखा गया। BJP समेत सभी सियासी दलों ने राज्य के हक में एकजुट हो के मांग उठाई।
Chief Secretary Anandbarddhan-Principal Secretary RK Sudhanshu-L Fainai-Secretary Nitesh Jha and Dilip Jawalkar with CM Pushkar Singh Dhami during the meeting with16th Finance Commission in Dehradun
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उत्तराखंड सरकार की तरफ से आयोग को सुझाव दिया गया कि ‘‘Environment Federalism ’’ की भावना के अनुरूप क्षतिपूर्ति की जरूरतों और वन आच्छादन के दृष्टिगत ‘‘कर-हस्तांतरण’’ में इसके भार को वर्तमान से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाना उचित रहेगा। इसके पीछे ये तर्क दिया गया कि इससे राज्य की जैव विविधता-संरक्षण की भूमिका को उचित आर्थिक आधार मिल सकेगा।
राज्य में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के दृष्टिगत Floating Populations के बेहतर प्रबंधन की खातिर विशेष सहायता प्रदान करने एवं कर-हस्तांतरण की राज्यों के बीच हिस्सेदारी निर्धारण प्रक्रिया में राजकोषीय अनुशासन को ‘‘डिवोल्यूशन फॉर्मूले’’ का अहम हिस्सा बनाने की मांग भी राज्य ने की। ‘‘Revenue Deficit Grant’’ की जगह ‘‘Revenue Need Grant’’ लागू करने के बाबत भी मंथन हुआ। इस व्यवस्था से राज्य की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकेगी।
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जन प्रतिनिधियों ने अपने साथ हुई बैठक में वित्त आयोग से Budget आवंटन में इजाफा करने की गुजारिश की। आयोग की टीम ने निकायों, त्रिस्तरीय पंचायतों और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से सुझाव लिए।
Political Parties were also invited to share their views before 16th FC in Dehradun
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आयोग के अध्यक्ष डॉ पनगढ़िया की अध्यक्षता में नगर निकायों, त्रिस्तरीय पंयायतों और राजनैतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया गया। देहरादून के होटल में आयोजित इस बैठक में आयोग सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव KK मिश्रा, संयुक्त निदेशक P अमरूथावर्षिनी शामिल हुए। आयोग के सामने जन प्रतिनिधियों ने ये मांगे पेश की-
1 – प्रथम सत्र में 8 नगर निकाय प्रमुखों ने उत्तराखंड में तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियों को देखते हुए पार्किंग, साफ सफाई, सीवरेज मद में अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की मांग उठाई। Mayor (देहरादून) सौरभ थपलियाल ने कहा कि Tourism और Education Hub देहरादून को अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत है। रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा ने कहा कि सिडकुल होने के कारण रुद्रपुर में प्रतिदिन करीब 50 हजार फ्लोटिंग आबादी शहर में अतिरिक्त रहती है। रोजाना ढाई लाख टन कूड़े के निस्तारण के लिए भी निगम को पर्याप्त सहायता चाहिए।
अल्मोड़ा के मेयर अजय वर्मा ने अल्मोड़ा को Heritage City के रूप में विकसित करने के लिए सहायता की मांग उठाई। हरिद़वार Mayor किरण जैसल ने तीर्थाटन के मद्देनजर Extra Budget को जरूरी करार दिया। मसूरी पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने पार्किंग सुविधा विकसित करने और Green Bonus पर जोर दिया। पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी ने सीवर लाइन की मांग उठाई।
बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण लागत ज्यादा आने के चलते बजट बढ़ाने की मांग की। अगस्तमुनि नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र पंचायत गोस्वामी ने पार्किंग सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में सचिव (शहरी विकास) नितेश झा, नगर आयुक्त (देहरादून) नमामि बंसल शामिल हुईं।
2 – क्षेत्र के आधार पर पंचायतों को Fund देने की मांग भी उठाई गई। जिला पंचायत (देहरादून) की प्रशासक मधु चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए। पिथौरागढ़ की जिला पंचायत प्रशासक दीपिका बोरा ने कहा कि पंचायतों को कई बार आपदा के चलते आकस्मिक कार्य भी कराने पड़ते हैं। इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाए। जयहरीखाल ब्लॉक के प्रशासक दीपक भंडारी,ब्लॉक प्रशासक (देवाल) डॉ. दर्शन सिंह दानू, द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा, ग्राम पंचायत प्रशासक (झाझरा) पिंकी देवी ने भी विचार व्यक्त किए।
सचिव (पंचायतीराज) चंद्रेश कुमार ने कहा कि राज्य की 89 प्रतिशत ग्राम पंचायतों की आबादी 500 से कम है। उनको सालाना 5 लाख रूपये से कम का वार्षिक अनुदान मिल पाता है। इसलिए वित्तीय आवंटन को बढ़ाए जाने की जरूरत है। इस मौके पर निदेशक पंचायतीराज निधि यादव भी थीं।
3 – राजनैतिक दलों ने Green Bonus की मांग को जोरदार ढंग से उठाया। तीसरे सत्र में BJP, कांग्रेस, CPI (M), आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने अपने मत प्रकट किए। भाजपा MLA विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड को पलायन रोकने के लिए टेली मेडीसिन माध्यमों को विकसित करने की जरूरत है। राज्य में कुछ गांव पलायन से खाली हो चुके हैं। इन गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए भी राज्य को अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है। जल जीवन मिशन के तहत प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के लिए अतिरिक्त बजट दिया जाए। राज्य को कार्बन क्रेडिट भी मिलना चाहिए।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य में हिमालय अभी युवा अवस्था में है। इसके चलते यहां प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं। आपदा से निपटने के लिए राज्य को अतिरिक्त संसाधन दिए जाएं। धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड देश के पर्यावरण संरक्षण में विशेष योगदान देता है। इसके लिए राज्य को प्रतिपूर्ति के तौर पर Green Bonus दिया जाना चाहिए। स्थानीय नदियों से पेयजल और सिंचाई सुविधा विकसित करने के लिए अतिरिक्त सहायता दी जाए।
CPI (M) के राज्य सचिव राजेंद्र पुरोहित ने राज्य में मनरेगा दरें बढ़ाने और आंगनबाड़ी, भोजनमाताओं को सशक्त बनाने की मांग की। आदमी आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने राज्य के लिए विशेष सहायता की मांग उठाई। बसपा के राज्य सचिव मदनलाल भी बैठक में शामिल हुए। इस मौके पर सचिव (Finance) दिलीप जावलकर, अपर सचिव डॉ विजय जोगदंडे, हिमांशु खुराना उपस्थित रहे।